दहशत. आदेश के बाद फर्जी िशक्षकों में हड़कंप
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छह तक जमा करें फोल्डर, नहीं तो केस
दहशत. आदेश के बाद फर्जी िशक्षकों में हड़कंप िशक्षा िवभाग के नये आदेश से िशक्षकों के पसीने छूट रहे हैं. ओदश में कहा गया है छह अगस्त तक फोल्डर जमा नहीं कराया गया तो संबंिधत िनयोजन इकाई पर मामला दर्ज कराया जायेगा. पूर्णिया : शिक्षा विभाग के नये आदेश ने जिले में पदस्थापित नियोजित शिक्षकों […]
िशक्षा िवभाग के नये आदेश से िशक्षकों के पसीने छूट रहे हैं. ओदश में कहा गया है छह अगस्त तक फोल्डर जमा नहीं कराया गया तो संबंिधत िनयोजन इकाई पर मामला दर्ज कराया जायेगा.
पूर्णिया : शिक्षा विभाग के नये आदेश ने जिले में पदस्थापित नियोजित शिक्षकों के पसीने छूट रहे हैं. दरअसल उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग द्वारा सभी नियोजन इकाईयों को 06 अगस्त तक फोल्डर और मेधा सूची जमा कराने का आदेश दिया गया है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले के कुल 177 नियोजन इकाईयों द्वारा अपूर्ण दस्तावेज निगरानी इकाई को उपलब्ध कराये गये हैं. जिला शिक्षा विभाग के स्थापना शाखा से निर्गत आदेश में सभी बीइओ को संबंधित नियोजन इकाई की सूची उपलब्ध करायी गयी है.
साथ ही कागजात ससमय उपलब्ध नहीं कराने पर संबंधित थाना में नियोजन इकाई के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर 08 अगस्त को दिन के 11 बजे तक इससे जिला कार्यालय को अवगत कराने को कहा गया है. पत्र में कहा गया है कि अनुपालन नहीं होने पर संबंधित बीइओ के विरुद्ध भी प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि इस बाबत गत 19 जुलाई को उच्च न्यायालय में दायर एक लोकहित याचिका की सुनवाई हुई थी. जिसमें समीक्षा के क्रम में न्यायालय ने विभागीय प्रधान सचिव को तिथि निर्धारित कर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा था.
न्यायालय ने दिया था कार्रवाई का आदेश : वर्ष 2006 में शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया था और पटना उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए निगरानी जांच के आदिश दिये थे. लेकिन विभागीय आदेश के बावजूद नियोजन इकाईयों द्वारा नियोजन संबंधी फोल्डर और मेधा सूची उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था. 19 जुलाई को न्यायालय ने जांच की समीक्षा के दौरान शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को समय निर्धारित कर फोल्डर और मेधा सूची निगरानी टीम को सुपुर्द करने का आदेश दिया था. जिसके बाद प्रधान सचिव ने सभी जिलों के स्थापना डीपीओ को फोल्डर 30 जुलाई तक प्राप्त करने का निर्देश दिया था. साथ ही इसमें असहयोग करने वाले नियोजन इकाईयों के विरुद्ध संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया था. लेकिन बाद में दस्तावेज जमा कराने के लिए एक सप्ताह का और विस्तार दिया गया है. गौरतलब है कि वर्ष 2003 से 2016 तक प्रमंडल में विभिन्न नियोजन इकाईयों के माध्यम से करीब 25 हजार से अधिक शिक्षक नियोजित हुए थे.
आठ अगस्त तक समिर्पत होगा प्रतिवेदन
177 पंचायत नियोजन इकाई द्वारा निगरानी जांच के लिए अपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराये गये हैं, जिसमें अधिकतर में मेधा सूची उपलब्ध नहीं है. सभी नियोजन इकाई को 06 अगस्त तक का समय दिया गया है. दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराने पर संबंधित बीइओ को 08 अगस्त तक प्राथमिकी दर्ज करा कर प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा गया है.
मो नजीबुल्लाह, प्रभारी डीपीओ,, पूर्णिया
फर्जी शिक्षकों से भी होगी रिकवरी : इधर निगरानी टीम द्वारा वर्ष 2003 से 2012 के बीच शिक्षक नियोजन में उपलब्ध फोल्डरों की जांच की जा रही है. जिससे फर्जी तरीके से बहाल शिक्षकों की परेशानी बढ़ गयी है. इसकी वजह है कि नियोजन में फर्जीवाड़ा सामने आया तो ऐसे शिक्षकों से न केवल भुगतान किये गये राशि की रिकवरी की जायेगी, बल्कि उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी होगी.
अन्य इकाई के विरुद्ध भी कार्रवाई संभव : शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा की जांच निगरानी विभाग के अधिकारी अलग-अलग बिंदुओं पर कर रहे हैं. नियोजन फर्जीवाड़ा में संबंधित नियोजन इकाई की संलिप्तता पाये जाने पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है.
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