खाद्य विभाग की ओर से नहीं हो रही कार्रवाई
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धड़ल्ले से जारी है मिलावट का खेल
खाद्य विभाग की ओर से नहीं हो रही कार्रवाई पूर्णिया : मिलावट और मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर खाद्य निरीक्षण विभाग मौन है. बाजारों से लेकर शहर के नुक्कड़ों तक खुलेआम बिक रहा है मिलावटी खाद्य पदार्थ. मिलावट के खेल की स्थिति यह है कि कभी कभार इस धंधे में शामिल लोगों पर कार्रवाई हुई […]
पूर्णिया : मिलावट और मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर खाद्य निरीक्षण विभाग मौन है. बाजारों से लेकर शहर के नुक्कड़ों तक खुलेआम बिक रहा है मिलावटी खाद्य पदार्थ. मिलावट के खेल की स्थिति यह है कि कभी कभार इस धंधे में शामिल लोगों पर कार्रवाई हुई भी तो सेंपल की जांच में कुछ साबित नहीं हो सका. यूं कहे कि मिलावटी कारोबार के खिलाड़ियों की जड़े इतनी गहरी है कि इनके आगे खाद्य निरीक्षण विभाग भी बौना साबित हो रहा है. जानकारों के अनुसार पिछले एक दशक में मिलावटी सामानों के खेल में बड़े पैमाने पर इजाफा हुआ है. मिलावट के जद में चना बेसन, मटर बेसन, हल्दी, मिर्च, जीरा, धनिया पाउडर के साथ-साथ टमाटर सॉस सहित कई खाने की चीजों शामिल है.
लाचार है खाद्य विभाग : दरअसल खाद्य निरीक्षण विभाग इन नकलचियों के आगे लाचार है. वह इसलिए कि प्रमंडलीय मुख्यालय स्थित खाद्य निरीक्षण कार्यालय में महज एक अधिकारी पदस्थापित है जिन्हें किशनगंज, कटिहार, अररिया और बेगूसराय का भी प्रभार प्राप्त है ऐसे में विभागीय लाचारी, मिलावटी, कारोबार के खेल में अपनी पैठ जमानेवाले कारोबारियों की बल्ले-बल्ले है.
कभी कभार होती है कार्यवाही : मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन कितना गंभीर है. बीते पांच वर्षों के दौरान मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ तकरीबन दो दर्जन छापेमारी हुई. सेंपल लिये गये, जांच रिपोर्ट आने में वर्षों बीत गये लेकिन जब जांच रिपोर्ट आयी तो कार्रवाई के फाइल बंद हो गये. जानकारी के अनुसार 2013-14 में शहर के कई होटलों में छापेमारी के बाद सेंपल की रिपोर्ट भी आयी लेकिन मामला ठंडा पड़ गया.
सेंपलिंग का खेल है निराला : वैसे तो खाद्य निरीक्षण विभाग भी खाद्य पदार्थों के रूटीन सेंपलिंग की बात कहता है फिर भी बाजार में अमानक खाद्य पदार्थ खुलेआम बिक रहे हैं. स्थिति यह है कि कब और कैसे विभाग बाजारों से होटलों एवं रेस्तरां से सेंपल एकत्रित करता है किसी को कानों कान पता नहीं चलता है और कानूनी प्रक्रिया कागजों में पूरी कर नियम कानून का इतिश्री कर दिया जाता है.
बड़े पैमाने पर पकड़े जा चुके हैं मिलावटी सामान
वर्ष 2014 में गुलाबबाग मंडी में तत्कालीन एसडीएम हिमांशु शर्मा, एसडीपीओ मनोज कुमार ने मिलावटी हल्दी, धनिया पाउडर पकड़ा था. बल्कि 2014 के अक्टूबर में गुलाबबाग के पुरानी हाट में भी मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर पकड़ा गया था. बता दें कि इन मामलों में भी सेंपल के झमेले में मामला उलझा और मामला थाने में दर्ज होने के बावजूद मिलावटी कारेाबारी बड़ी हो गये.
आज भी धड़ल्ले से जारी है कारोबार
शहर के गुलाबबाग हंसदा रोड, बेलौरी, दमका, मधुबनी, मरंगा इत्यादि जगहों पर आज भी तकरीबन दर्जन भर जगहों पर धड़ल्ले से मिलावटी बेसन, मशाला पाउडर बनाने का काम जारी है बल्कि बड़े पैमाने पर प्रतिदिन कसबा व बंगाल से भी मिलावटी मशाला का कारोबार जारी है.
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