पूर्णिया : सहरसा-पूर्णिया के बीच रेल परिचालन का आगाज होने से नि:संदेह सीमांचल की जनता को राहत मिली है. 08 वर्षों का इंतजार आज खत्म हुआ है, लेकिन सीमांचल और पूर्णिया में रेल से जुड़े अभी और काम बांकी है. सच यह है कि आज भी इस सीमांचल रेल सुविधा के मामले में उपेक्षित है. उक्त बातें सांसद संतोष कुशवाहा ने शुक्रवार को उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही. श्री कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने रेलमंत्री से मिल कर जोगबनी और पूर्णिया से दो सुपरफास्ट ट्रेन चलाने की मांग की है. इतना ही नहीं पूर्णिया और बनमनखी स्टेशन को मॉडल स्टेशन बनाने की मांग भी रखी गयी है.
सांसद श्री कुशवाहा ने कहा कि आज का कार्यक्रम लाइव हो रहा है. रेलमंत्री जी इस कार्यक्रम को देख रहे हैं. आज भी सीमांचल में ट्रेनों की स्थिति नहीं बदली है. लोग भेड़-बकरियों के तरह ट्रेनों में सफर करने को विवश हैं. जोगबनी से दिल्ली की महज एक ट्रेन पूर्णिया को मिला है, जो सीमांचल एवं पूर्णिया के भौगोलिक स्थिति के अनुसार नाकाफी है. हम अपनी मांगों को लेकर लगातार रेल मंत्रालय और अधिकारियों से मिलते रहे हैं. सीमांचल के विकास के लिए अभी रेलवे को बहुत कुछ करना बांकी है.