पूर्णिया : सोमवार को नगर निगम चुनाव के प्रत्याशियों के बीच चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद अब शहरी क्षेत्र में भी राजनीति सरगर्मी बढ़ने लगी है. नगर निगम के 46 वार्डों में कुल 352 प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने में जुट गये हैं. यह दीगर बात है कि सबके अपने-अपने दावे हैं लेकिन जनता मौन है. हाल यह है कि अब जनता प्रत्याशियों के समर्थकों से ही सीधे सवाल पूछ रही है. सवाल टैक्स वृद्धि, सड़क, नाला, पेयजल, आवास से लेकर पेंशन योजना और सफाई व्यवस्था से जुड़ा हुआ है. जाहिर है इन सवालों से प्रत्याशी और उनके समर्थक भी हलकान हैं.
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वार्डों में बढ़ी सरगरमी, वोटर खामोश
पूर्णिया : सोमवार को नगर निगम चुनाव के प्रत्याशियों के बीच चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद अब शहरी क्षेत्र में भी राजनीति सरगर्मी बढ़ने लगी है. नगर निगम के 46 वार्डों में कुल 352 प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने में जुट गये हैं. यह दीगर बात है कि सबके अपने-अपने दावे हैं लेकिन जनता मौन […]
अवैध वसूली, जलनिकासी, टैक्स और सफाई बनेगा मुद्दा : इन दिनों वार्डों में कई तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं. जैसा प्रत्याशी, वैसा सवाल लेकिन सभी सवाल प्रासंगिक हैं और जनसुविधा से जुड़ा हुआ है. टैक्स का सवाल सबसे महत्वपूर्ण है. इसके लिए वकायदा आंदोलन भी होते रहे हैं. इसके अलावा दूसरी सबसे बड़ी समस्या जलजमाव है. जिसका पूरे पांच वर्षों में समाधान नहीं निकाला जा सका. साफ-सफाई भी चुनावी मुद्दा बनना तय है.
इसके अलावा चुनाव के बीच विभिन्न आवासीय योजना में की गयी अवैध वसूली की चर्चा भी जोरों पर है. इंतजार अब 14 जून का है, जब सवाल मतदान के रूप में सामने आयेगा.
चुनाव में घमासान होना तय : इस बार का चुनाव पूर्णिया नगर निगम के लिए एक नया अनुभव लेकर आने का संकेत दे रहा है. बता दे कि नगर निगम में पहले से ही कई घोटालों को लेकर हंगामा व आरोप का दौर जारी रहा है. इस बार की चुनावी फिजा अन्य वर्षों की भांति कुछ बदली-बदली है. नगर निगम का चुनाव न केवल इस बार हाइटेक होने की संभावना है, बल्कि मैदान में कई धनबली और बाहुबली के आने के बाद मुकाबला दिलचस्प हो गया है. खासकर जब महापौर और उप महापौर को चुनने की बारी आयेगी तो घमासान तय माना जा रहा है. लेकिन आम मतदाता खामोश है. क्योंकि चुनाव मैदान में उतरे बाहुबली, धनबली और सफेदपोशों की उन्हें बखूबी पहचान है.
चुनाव आयोग की नहीं है फिक्र : वैसे तो उम्मीदवारों को चुनाव आयोग ने अधिकतम 40 हजार रूपये खर्च करने का निर्देश जारी किया है. लेकिन यह सीमा पहले ही दौर में टूटती नजर आ रही है. मजे की बात तो यह है कि वोटरों को पांच सालों में हर पल ठगने वाले आज सड़क, नाला, सफाई, आवास, पानी, पेंशन के वादों के साथ पैसों की बरसात भी खुल्लम-खुल्ला कर रहे हैं. इस सब के बावजूद वोटरों के मौन धारण करने से प्रत्याशियों को पैसा और पसीना दोनों बहाना पड़ रहा है.
नगर िनगम के सभी 46 वार्डों में कुल 352 प्रत्याशी जुट गये हैं जीत सुनिश्चित करने में
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