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पूर्ण शराबबंदी : लोगों ने कहा अब बिना पीये जीना ही होगा

पूर्ण शराबबंदी : लोगों ने कहा अब बिना पीये जीना ही होगा बैसा. बिहार सरकार की ओर से पूर्ण शराब बंदी की घोषणा महानंदा के कछार पर बसे इस गरीब इलाके के लोगों के लिए वरदान साबित हुई. पूर्ण शराबबंदी हुई है तो लोगों को शराब तो छोड़ना ही पड़ेगा, बिना पीये जीना भी पड़ेगा. […]

पूर्ण शराबबंदी : लोगों ने कहा अब बिना पीये जीना ही होगा बैसा. बिहार सरकार की ओर से पूर्ण शराब बंदी की घोषणा महानंदा के कछार पर बसे इस गरीब इलाके के लोगों के लिए वरदान साबित हुई. पूर्ण शराबबंदी हुई है तो लोगों को शराब तो छोड़ना ही पड़ेगा, बिना पीये जीना भी पड़ेगा. उक्त बातें घोषणा से उत्साहित मंजुला देवी ने कही. जबकि शकुंतला देवी ने कहा कि जब शराब ही नहीं मिलेगी तो लोग पीयेंगे कहां. आदतन शराबियों के इलाज के लिए नशामुक्ति केंद्र भी खुल चुका है. वहां उनका उपचार भी किया जायेगा. जबकि तमन्ना बेगम ने कहा कि शराब के कारण घर एंव परिवार तबाह हो रहे थे. मुख्यमंत्री ने घर और परिवार को तबाह होने से बचा कर बड़ा ही नेक काम किया है. उनकी जितनी तारीफ की जाय, कम होगी. वहीं रेहाना खातून एवं निकहत नाज ने कहा कि देसी के साथ – साथ विदेशी शराब पर प्रतिबंध के फैसले से महिलाओं को बड़ी जीत मिली है. महिलाएं लंबे समय से इसके लिए संघर्ष कर रही थीं. वहीं पुरुषों की भी एक बड़ी आबादी शराबबंदी की घोषणा से खुश है. समाज सेवी रागीब रहमानी ने कहा कि राज्य सरकार का यह फैसला गरीबों और पिछड़ों के हित में है. जबकि प्रेमनाथ प्रसाद भगत ने कहा कि यह इलाका प्राकृतिक रूप से तो पिछड़ा है ही, लेकिन शराब की लत ने इसे और भी पिछड़ा बना दिया था. उम्मीद करते हैं कि अब अच्छे दिन आयेंगे. वहीं आफताब आलम ने कहा कि कोई भी धर्म नशे की इजाजत नहीं देता है. लिहाजा धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह पाप था. जबकि तफजील अजमल ने कहा कि शराब पीने के कारण आए दिन सड़कों पर लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे थे. कितने ही घरों की शराब ने खुशियाँ छीन ली थी, इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है. वहीं शमशाद आलम, नवेद आलम, और मुकेश कुमार भगत का मानना है कि पूर्ण शराब बंदी से अब एक खुशहाल समाज, खुशहाल परिवार एंव नशा मुक्त समाज का निर्माण होगा. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जो युवा वर्ग तेजी से नशे का शिकार हो रहा था, उससे अब छुटकारा मिल सकेगा.

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