धंधे में कई सफेदपोश हैं शािमल
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चिंता. पूिर्णया में मजबूत है मानकविहीन पैथोलॉजी धंधेबाजों का नेटवर्क
धंधे में कई सफेदपोश हैं शािमल पूर्णिया : लाइन बाजार में चल रहे मानकविहीन पैथोलॉजी माफिया के नेटवर्क काफी मजबूत हैं. इस गोरख धंधे में इन धंधेबाजों को कई सफेदपोशों का आर्थिक संरक्षण प्राप्त है. यही कारण है कि अवैध पैथोलॉजी का कारोबार निर्बाध रूप से चल रहा है. ऐसे पैथोलॉजी संचालकों के ऊंचे रसूखदार […]
पूर्णिया : लाइन बाजार में चल रहे मानकविहीन पैथोलॉजी माफिया के नेटवर्क काफी मजबूत हैं. इस गोरख धंधे में इन धंधेबाजों को कई सफेदपोशों का आर्थिक संरक्षण प्राप्त है. यही कारण है कि अवैध पैथोलॉजी का कारोबार निर्बाध रूप से चल रहा है. ऐसे पैथोलॉजी संचालकों के ऊंचे रसूखदार लोगों के बीच भी गहरी पैठ है. विभाग भी ऐसे माफियाओं पर हाथ डालने से कतराता है. बहरहाल विभाग ने तमाम पैथोलॉजी संचालकों को पत्र जारी कर उनकी वास्तविकता के बाबत दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है. विभाग गुपचुप तरीके से पैथोलॉजी सेंटरों की जांच भी कर रहा है.
इनके पैसे से चलता है कारोबार
मानकविहीन पैथोलॉजी की बढ़ती संख्या के पीछे कई कारण हैं. जांच के कारोबार में अच्छी कमाई देख कर कई लोग इस धंधे में पैसे लगा रखे हैं. इस धंधे में सबसे ज्यादा दिलचस्पी डॉक्टर ले रहे हैं, जो अपने क्लिनीक के सामने ही एक अदद तकनिशियन रख कर जांच का कारोबार कर रहे हैं. ऐसा करने से काउंसेलिंग के साथ-साथ जांच की भी मोटी रकम हाथ लगती है. डॉक्टर के अलावा भी कई लोग जैसे दवा विक्रेता,फल विक्रेता आदि भी इस धंधे में पैसे लगा कर इस पेशे को आय का जरिया बना लिया है. ऐसे पैथोलॉजी में संग्रह किये गये सैंपलों की जांच होती है या नहीं यह भी संदिग्ध है.
रिपोर्ट भी होती हैं संदिग्ध : ऐसे मानक विहीन पैथोलॉजी से मिलने वाली रिपोर्ट भी पूरी तरह से संदिग्ध है. ऐसी जांच रिपोर्ट के आधार पर मरीजों का इलाज जानलेवा भी हो सकता है. मानकविहीन पैथोलॉजी व डॉक्टरों के गंठजोड़ से मरीजों को आर्थिक क्षति के व मानसिक एवं शारिरिक तनाव भी झेलना पड़ता है. विभाग ऐसे पैथोलॉजी पर समय समय पर कार्रवाई भी करती है. लेकिन ऊंचे रसूख एवं पहुंच के बूते इनका कुछ नहीं बिगड़ पाता है. यही कारण है कि जांच का काला कारोबार बेरोक टोक जारी है.
काले धंधे में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे डॉक्टर
विभाग ने जारी किया पत्र
विभागीय सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने शहर के तमाम पैथोलॉजी को पत्र लिख कर पैथोलॉजी से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत कर निबंधन कराने को कहा है. इससे मानविहीन पैथोलॉजी संचालकों में हड़कंप है. खास बात यह है कि जिन पैथोलॉजी का पूर्व में निबंधन हो चुका है, उन्हें भी निबंधन कराने के लिए पत्र भेजा गया है. इधर यह भी बताया जा रहा है कि दो डॉक्टरों की टीम पैथोलॉजी सेंटरों की गुप चुप तरीके से जांच में लगी हुई है. यह जांच अत्यंत गोपनीय तरीके से हो रही है, जिससे इसकी भनक अब तक किसी को नहीं लग पायी है.
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