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बजट सत्र आज से, 4.11 अरब के खर्च पर होगी बहस
बजट सत्र में टैक्स वृद्धि, सड़कों का नये सिरे से वर्गीकरण, लेखा समिति का गठन, वार्ड समितियों का गठन व बिना रायसुमारी बजट तैयार कर लिये जाने को लेकर बजट सत्र हंगामेदार होने की संभावना है. पूर्णिया : नगर निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए संभावित बजट पर आज बोर्ड के सदस्य बजट सत्र […]
बजट सत्र में टैक्स वृद्धि, सड़कों का नये सिरे से वर्गीकरण, लेखा समिति का गठन, वार्ड समितियों का गठन व बिना रायसुमारी बजट तैयार कर लिये जाने को लेकर बजट सत्र हंगामेदार होने की संभावना है.
पूर्णिया : नगर निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए संभावित बजट पर आज बोर्ड के सदस्य बजट सत्र में भाग लेंगे. बोर्ड के सदस्यों द्वारा बजट सत्र में कई अहम मुद्दे उठाये जाने की संभावना है.
सोमवार को निगम सभागार में आयोजित बजट सत्र में टैक्स वृद्धि, सड़कों का नये सिरे से वर्गीकरण, लेखा समिति का गठन, वार्ड समितियों का गठन व बिना रायसुमारी बजट तैयार कर लिये जाने को लेकर बजट सत्र हंगामेदार होने के प्रबल आसार बने हुए हैं. इन मुख्य पांच मुद्दों के अलावा कई अन्य मुद्दे भी है जिन पर बहस को लेकर कई वार्ड पार्षदों के तेवर तल्ख दिख रहे हैं. बता दें कि नगर निगम द्वारा वर्ष 2016 का संभावित बजट 4 अरब 11 करोड़ 15 लाख 37 हजार 442 रुपये का बनाया गया है. बीते दिनों निगम के सशक्त स्थायी समिति द्वारा उक्त संभावित बजट पर सहमति के बाद सोमवार को इसे बोर्ड की बैठक में चर्चा हेतु लाया जायेगा.
टैक्स वृद्धि पर गोलबंदी
बजट सत्र में नगर निगम द्वारा टैक्स वृद्धि किये जाने को लेकर विगत 22 अगस्त 2015 के बोर्ड की बैठक में जम कर विरोध हुआ था. बैठक के दौरान वार्ड पार्षद आशीष पोद्दार, सरिता राय, विंदा देवी सहित लगभग सभी वार्ड पार्षदों ने विरोध दर्ज कराया था. हालात यह था कि बोर्ड का संपूर्ण बहस टैक्स वृद्धि वापस लेने के मांगों पर ही केंद्रित रहा था. इस बार फिर से तकरीबन सात माह बाद बजट सत्र के दौरान टैक्स वृद्धि के मुद्दे पर बहस को लेकर पार्षदों की गोलबंदी दिखने लगी है.
सड़कों के वर्गीकरण का मुद्दा फिर होगा गर्म : जानकारी अनुसार 22 अगस्त की बोर्ड के बैठक में मेयर कनीज रजा, डिप्टी मेयर संतोष यादव, नगर आयुक्त सुरेश चौधरी की उपस्थिति में पार्षदों के भारी विरोध के बाद शहर के सड़कों का नये सिरे से वर्गीकरण को लेकर हुए विरोध पर आम राय बना था. लेकिन इस पर कोई पहल सात महीने में नहीं होने के कारण एक बार फिर से सड़कों के वर्गीकरण कराये जाने को लेकर माहौल गर्म रहेगा.
सड़क से वार्डों तक है दबाव
बजट सत्र के दौरान टैक्स और सड़कों के वर्गीकरण को लेकर गर्मागरम बहस के शत प्रतिशत आसार इसलिए बने हुए हैं कि नागरिक संघर्ष समिति ने एक बार फिर से आंदोलन तेज कर दिया है. एक तरफ जहां संघर्ष समिति में कई वार्ड पार्षद शामिल हैं वहीं आंदोलन को लेकर जन दबाव भी पार्षदों पर पड़ने लगा है. अलबत्ता कइयों के नहीं चाहने के बावजूद टैक्स वृद्धि के विरोध में सुर मिलाना पड़ रहा है.
नगर निगम में लेखा समिति के गठन को लेकर कई वर्षों से आवाज उठ रही है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने भी पत्राचार कर निगम को लेखा समिति के गठन को लेकर निर्देशित किया है. बता दें कि लेखा समिति के गठन के बाद निगम के आय-व्यय में पारदर्शिता एवं एक निगरानी की तीसरी आंख कार्यकलापों पर रहेगी. लेकिन निगम द्वारा लेखा समिति का गठन किये बिना बजट का निर्माण कर लिया गया जो बजट सत्र में बहस का मुद्दा बनेगा.
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