तिलकुट का सजा बाजार, 20 करोड़ का होगा कारोबार खास बातें-तिलकुट के एक दर्जन से अधिक उत्पाद बाजार में मौजूद -गया से आये कारीगर कर रहे हैं तिलकुट का निर्माण -220 रुपये से 500 रुपये किलो तक है तिलकुट का दाम -खोवा से निर्मित तिलकुट बना आकर्षण का केंद्र –
पूर्णिया : मकर संक्रांति को लेकर बाजारों में तिलकुट की दुकानें सज गयी हैं. हालांकि संक्रांति में अभी एक पखवाड़ा बाकी है, लेकिन तिलकुट निर्माण से लेकर खरीद-बिक्री का कारोबार रफ्तार पर है.
अकेले पूर्णिया के भट्ठा बाजार में तकरीबन दो दर्जन दुकानें सजी हैं, वहीं खुश्कीबाग एवं गुलाबबाग में आधा दर्जन दुकानों पर तिल, गुड़, चीनी एवं खोआ से बनी हुई वेरायटी खरीदारों को आकर्षित कर रही है. तिल से बने रेवड़ी से लेकर तिल का लड्डू, रौल रजक, स्पेशल खोवा का तिलकुट, घी व पिस्ता, तिल इलायची के साथ गुड़ से बने तिलकुट की दर्जन भर वेरायटी बाजार में मौजूद है. हालांकि अभी खुदरा दुकानों पर बिक्री थोड़ी कम है लेकिन थोक का कारोबार अपने परवान पर है.
जानकारी के अनुसार प्रतिदिन करीब 15 से 18 क्विंटल तिलकुट का निर्माण प्रतिदिन पूर्णिया में हो रहा है. तिलकुट कारोबारी योगेंद्र प्रसाद की माने तो विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष तिल एवं चीनी का दाम कम होने के कारण तिलकुट का दाम भी कम है अलबत्ता बिक्री में इजाफा होने की उम्मीद जतायी जा रही है. खोवा व देशी घी निर्मित तिलकुट की है डिमांड तिलकुट कारोबारी योगेंद्र प्रसाद के अनुसार वैसे तो लोग अपनी क्षमता के अनुरूप तिलकुट की खरीदारी करते हैं.
लेकिन दुकानों में सजी वेरायटी में सबसे अधिक डिमांड तिल में खोवा एवं शुद्ध घी से बने तिलकुट का है. बतायाा कि पहले की तुलना में अब बाजार का मिजाज बदल चुका है. पहले लोग मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व तिल के सामानों की खरीददारी किया करते थे और उसी दिन उसे खाना भी पसंद करते थे. लेकिन अब लोग मकर संक्राति का इंतजार नहीं करते. तिलकुट की अच्छी वेराइटी का डिमांड ठंड पड़ने के साथ ही प्रारंभ हो जाता है. रोज हो रहा है 15 से 18 क्विंटल तिलकुट तैयार उपलब्ध जानकारी अनुसार पूर्णिया में प्रतिदिन 15 से 18 क्विंटल तिलकुट तैयार किया जा रहा है. इस कार्य में तकरीबन एक दर्जन कारोबारी तथा तकरीबन दो सौ से अधिक प्रशिक्षित कारीगर लगे हुए हैं. तिलकुट के क्षेत्र में गया की अपनी एक अलग पहचान रही है.
लिहाजा सभी तिलकुट दुकानों पर यह बोर्ड जरूर टंगा होता है कि यहां गया के कारीगर द्वारा तिलकुट का निर्माण होता है. बताया जाता है कि बिहार के नवादा, पटना, बिहारशरीफ और गया से कुशल कारीगर बुलाये गये हैं. जिनके द्वारा कई तरह के गुड़ और चीनी तिल और देशी घी में तिलकुट का निर्माण किया जा रहा है. बाजार में तिलकुट की एक दर्जन वेरायटी मौजूद है जिसकी कीमत 220 रुपये से लेकर 500 रुपये किलो तक है. 20 करोड़ पार करेगा कारोबारइस कारोबार से जुड़े कारोबारियों की माने तो इस वर्ष तिलकुट का कारोबार पिछला रिकार्ड तोड़ेगा. इस वर्ष तिलकुट का कारोबार 20 करोड़ के पार जायेगा.
बाजार में बिक रहे तिलकुट के दाम जहां 220 रुपये से 500 रुपये किलो तक है, वहीं थोक में दो सौ रुपये भी माना जाय तो पिछले नवंबर माह से होने वाले तिलकुट का कारोबार करीब 20 करोड़ के पार होगा. इसके अलावा तिल और चीनी के बाजार को जोड़ दे तो इस मकर संक्रांति तिल और तिलकुट का बाजार और भी बड़ा हो जायेगा.
इस वर्ष तिल के दाम में गिरावट आयी है बल्कि चीनी भी सुस्त हुआ है. मिली जानकारी अनुसार बीते वर्ष जहां काला तिल 10,000 रुपये क्विंटल था वहीं इस वर्ष 9000 रुपये है सफेद 15000 के जगह इस वर्ष 14 हजार है वहीं चीनी का दाम 3500 रुपये क्विंटल के जगह 3100 रुपये होने से कारोबारियों को राहत मिली है.