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अपनों की बदनियती के शिकार हुए सेवानिवृत्त अभियंता !

पूर्णिया : सेवानिवृत्त इंजीनियर योगेंद्र प्रसाद मंडल की हत्या न केवल परिजनों के लिए बल्कि पुलिस के लिए भी पहेली बनी हुई है. हालांकि दबी जुबान से परिजन हत्या का आरोप दत्तक पुत्र रिक्की सिंह पर लगा रहा है. परिस्थिति जन्यसाक्ष्य भी हत्या में अपनों के संलिप्तता की कहानी बयां कर रहा है. रसोईघर में […]

पूर्णिया : सेवानिवृत्त इंजीनियर योगेंद्र प्रसाद मंडल की हत्या न केवल परिजनों के लिए बल्कि पुलिस के लिए भी पहेली बनी हुई है. हालांकि दबी जुबान से परिजन हत्या का आरोप दत्तक पुत्र रिक्की सिंह पर लगा रहा है. परिस्थिति जन्यसाक्ष्य भी हत्या में अपनों के संलिप्तता की कहानी बयां कर रहा है.

रसोईघर में रखा सब्जी काटने वाला चाकू का सेट भी गायब है और डायनिंग हॉल में खून के छींटे भी मौजूद पाये गये हैं. घटनास्थल पर अखबार के कागज पर खून पोछने एवं मांस के लोथड़े भी हैं. मृतक के पेट व सीने में चार जगह चाकू गोदने के जख्म और सर पर भी जख्म के निशान देखे गये. गुरुवार की रात 08 बजे से 09:30 बजे तक मृतक का भतीजा अंकु घर पर मौजूद नहीं था. घर वापस आकर वह कमरे में सोने के लिए चला गया.

अगर रात में उसकी मौजूदगी में हत्या की जाती तो मृतक के चिल्लाने के शोर से वह जाग जाता. यह सवाल यह उठता है कि डेढ़ घंटा अंकु घर पर पर मौजूद नहीं था तो क्या इसी दौरान इंजीनियर की हत्या कर दी गयी. अंकु के अनुसार उसके चाचा ने उसे घर से निकलते समय यह कह कर चाबी दिया कि लौट कर उन्हें जगाने की जरूरत नहीं है.

अंकु ने भी ऐसा ही किया और घर पहुंच गेट में ताला लगा कर सोने चला गया. तीन कमरों के घर में एक कमरे में अंकु रहता था और एक कमरे में मृतक रहता था. 02 वर्ष पूर्व इंजीनियर पर हुआ था हमला अंकु ने बताया कि 02 वर्ष पूर्व उसके मृतक चाचा पर हमला किया गया था. हमलावर रिक्की के रिश्तेदार थे. इसी दौरान वह वहां अपने चाचा से मिलने आया था. 04 की संख्या में आये हमलावरों ने उसे व चाचा के साथ मारपीट की थी. उस समय घर पर रिक्की भी मौजूद था.

लेकिन रिक्की जिस तरह उस वक्त तटस्थ रहा, वह भी कई सवाल पैदा कर गया था. 30 लाख में बेची थी 09 कट्ठा जमीन मृतक इंजीनियर ने छह माह पूर्व पूर्णिया बायपास रोड के निकट 09 कट्ठा जमीन 30 लाख रुपये में बेच दिया था. परिजनों के अनुसार मृतक ने उक्त जमीन को बेच कर सभी रुपये खुद रख लिया था. बताया गया कि मृतक ने दो भतीजी की शादी का सारा खर्च खुद किया था.

चर्चा अनुसार जमीन से प्राप्त रकम पर मृतक के कई अपनों की भी नजर थी. चर्चा यह है कि जमीन बेचने के बाद मृतक के रिश्ते रिक्की के साथ खराब होते चले गये. वहीं मृतक द्वारा अपने भतीजे को साथ रखना भी रिक्की को नागवार गुजरा था. रिक्की का पटना जाना बना संशय मृतक के घर विगत 08 वर्ष से रह रहा रिक्की सिंह का घटना के दिन पटना जाना कई सवाल खड़े कर रहा है. रिक्की ने अपनी सफाई में बताया कि वह वर्षों से मृतक का बेटा बन कर सेवा करता रहा.

मृतक को वह पिता की तरह समझता था और उसके पढ़ाई व सभी खर्च का वहन वही करते थे. रिक्की के अनुसार वह तीन भाईयों में सबसे बड़ा है. मंझला भाई सिप्पी सिंह हत्या के आरोप में जेल में बंद है. उसके पिता शिवशंकर सिंह बस चालक है और एक दशक से बसंत बिहार में रहता है. वह मूलत: कटिहार जिला के गोवागाछी गांव का निवासी है.

टिप्पणीवैज्ञानिक अनुसंधान के जरिये हत्यारों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. बहरहाल रिक्की और मृतक के भतीजे अंकु से हत्या के सभी पहलुओं पर पूछताछ जारी है. शिवशंकर कुमार, मरंगा थानाध्यक्ष, पूर्णिया फोटो:- 24 पूर्णिया 15परिचय:- पोस्टमार्टम स्थल पहुंचे मृतक इंजीनियर के परिजन

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