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दाखिल खारिज के लिए मांगा 30 हजार रुपये!

पूर्णिया : अमला टोला निवासी सुबोध यादव ने केनगर के अंचलाधिकारी व गणेशपुर मौजा के राजस्व कर्मचारी पर 09 एकड़ 18 डिसमिल जमीन के दाखिल-खारिज के लिए 30 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया है. श्री यादव के अनुसार सीओ रवि कुमार सिन्हा ने दाखिल-खारिज यह कह कर अस्वीकृत कर दिया कि उक्त जमीन सीलिंग […]

पूर्णिया : अमला टोला निवासी सुबोध यादव ने केनगर के अंचलाधिकारी व गणेशपुर मौजा के राजस्व कर्मचारी पर 09 एकड़ 18 डिसमिल जमीन के दाखिल-खारिज के लिए 30 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया है. श्री यादव के अनुसार सीओ रवि कुमार सिन्हा ने दाखिल-खारिज यह कह कर अस्वीकृत कर दिया कि उक्त जमीन सीलिंग में है.

जबकि दाखिल-खारिज हेतु दिये गये आवेदन में तीन निबंधित केवाला की छाया प्रति सहित सभी मुख्य पृष्ठ पर अपर समाहर्ता भू-हदबंदी के पत्रांक 339 दिनांक 14 जुलाई 2015 के द्वारा उक्त जमीन सीलिंग यूनिट के होने की छाया प्रति संलग्न किया गया था. गणेशपुर मौजा के राजस्व कर्मचारी चंदेश्वरी मंडल से अस्वीकृत होने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि केवाला पढ़ने का फुरसत नहीं है, तीन केवाला के दाखिल-खारिज का 30 हजार रुपये लगेगा.

जानकारी देते हुए मधुबनी अमला टोला के सुबोध यादव ने बताया कि केनगर अंचल अंतर्गत गणेशपुर मौजा के खाता नंबर 1629, खेसरा नंबर 913, 945, 962, 963, 961, 962, 959, खाता नंबर 1706, खेसरा नंबर 957, 958, 953, 954, 955, 956, 957, 958 एवं खाता नंबर 691, खेसरा नंबर 969 कुल रकवा 09 एकड़ 18 डिसमिल जमीन उसकी पत्नी रंजना देवी एवं दो भाई वीरेंद्र यादव एवं सुरेंद्र यादव के तीन केवाला के नामांतरण हेतु 27 अगस्त 75 को केनगर अंचल कार्यालय में आवेदन दिया गया था.

अंचलाधिकारी ने उनके आवेदन को यह कह कर अस्वीकृत कर दिया कि उक्त खाता-खेसरा की जमीन भू-हदबंदी में है, जबकि संबंधित जमीन भू-हदबंदी वाद संख्या 2077(क)/ 1973-74 बिहार सरकार बनाम विश्वेंद्र नारायण चौधरी की है, जो धारा 10(2) गजट अंक संख्या 27 दिनांक 09 सितंबर 1989, धारा 11(1) के अंतर्गत प्रकाशित गजट अधिसूचना संख्या 2220 दिनांक 30 जनवरी 1984 के अनुसार उक्त जमीन भूधारी के सीलिंग यूनिट के अंतर्गत है.

सुबोध यादव ने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी के जनता दरबार में आवेदन देकर अंचलाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई का निवेदन किया जायेगा. कहते हैं अंचलाधिकारीइस संबंध में अंचलाधिकारी रवि कुमार सिन्हा ने बताया कि आवेदक द्वारा दाखिल-खारिज के आवेदन के साथ समर्थित कागजात संलग्न नहीं किया गया है. इस कारण आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया. अवैध राशि मांगने की शिकायत बेबुनियाद है.

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