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अरे, यह तो टी-20 मैच हो गया!

अरे, यह तो टी-20 मैच हो गया! पूर्णिया. जिले के सात विधानसभा क्षेत्र के मतगणना में बनमनखी एवं कसबा विधानसभा के रूझान काफी दिलचस्प रहे. एक ओर जहां बनमनखी के बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण कुमार ऋषि एवं राजद प्रत्याशी संजीव कुमार पासवान के बीच कांटे का टक्कर रहा, वहीं दूसरी ओर कसबा विधानसभा के बीजेपी प्रत्याशी […]

अरे, यह तो टी-20 मैच हो गया! पूर्णिया. जिले के सात विधानसभा क्षेत्र के मतगणना में बनमनखी एवं कसबा विधानसभा के रूझान काफी दिलचस्प रहे. एक ओर जहां बनमनखी के बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण कुमार ऋषि एवं राजद प्रत्याशी संजीव कुमार पासवान के बीच कांटे का टक्कर रहा, वहीं दूसरी ओर कसबा विधानसभा के बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप कुमार दास एवं कांग्रेस प्रत्याशी आफाक आलम के बीच मतगणना के दौरान उठा-पटक जारी रहा. दोनों विधानसभा के प्रत्याशी अपने-अपने प्रतिद्वंदियों से काफी करीबी अंतर पर चलते रहे और बाहर खड़े चारों प्रत्याशियों के समर्थकों में उत्साह बरकरार रहा. खासकर दोपहर बाद प्रदीप दास के बढ़त पर समर्थकों ने कुछ देर के लिए जश्न मनाया, वहीं आफाक आलम के बढ़त होते ही भाजपा समर्थक दरकिनार हुए और कांग्रेस समर्थकों का जश्न शुरू हुआ. दोपहर बाद के रूझान की घोषणा के बाद दोनों प्रत्याशियों के समर्थक बढ़त पर जश्न मनाते दिखे. ऐसे दृश्यों को देख कर वहां मौजूद कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अरे यह तो टी-20 क्रिकेट मैच हो गया. —————————-हरे व लाल गुलाल का चला चक्कर विधानसभा मतगणना का परिणाम सुनने पहुंचे समर्थकों में भाजपा व महागंठबंधन के समर्थकों की संख्या सर्वाधिक थी. भाजपा प्रत्याशियों की बढ़त पर पूर्णिया कॉलेज के मुख्य द्वार पर खड़े समर्थक आपस में लाल-गुलाल लगाये, वहीं महागंठबंधन के समर्थकों ने हरे रंग का गुलाल का प्रयोग किया. वहां मौजूद कई लोग इस पशोपेश में रहे कि गुलाल के रंग का क्या चक्कर है. कुछ लोगों ने बताया कि पार्टी के प्रतीक चिन्ह के हिसाब से गुलाल के रंग का इस्तेमाल किया जा रहा है. ————————-मतगणना केंद्र में पसरा रहा सन्नाटापूर्णिया कॉलेज स्थित मतगणना केंद्र में दिन भर मतगणना चलता रहा. इस दौरान लोगों में खामोशी देखी गयी. कहीं से भी उत्साह जैसा वातावरण नहीं दिख रहा था. जिले के सातों विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रत्याशी वहां मौजूद रहे. जिन प्रत्याशियों की नैया डूबती नजर आयी, उनमें से अधिकांश ने चुपचाप निकल जाना मुनासिब समझा. हालांकि अमौर के पराजित प्रत्याशी सबा जफर तय हार के बावजूद लंबे समय तक मतगणना परिसर में मौजूद रहे. प्रभात खबर से बातचीत में श्री जफर ने कहा ‘ मेरी कश्ती वहां डूबी, जहां पानी कम था ‘. साथ ही कहा कि ‘ अगर काम करने की यही सजा है तो भुगतने के लिए तैयार हैं ‘. वहीं जीत के बावजूद जलील मस्तान निरपेक्ष भाव से अकेले मतगणना परिसर में बैठे रहे. मतगणना परिसर में नियम-कायदे का सबों ने अक्षरश: पालन किया.

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