इलेक्शन लाइव: विकास चाहिए, जाति भी बनेगा मुद्दा पूर्णिया. दिन मंगलवार, समय लगभग 11:30 बज रहे थे. जिला मुख्यालय स्थित मुख्य बस पड़ाव पर अपेक्षाकृत कम भीड़-भाड़ मौजूद थी. चुनाव की वजह से गाड़ियों की उपलब्धता में कमी आयी है. अलबत्ता पटना और रांची जाने वाली बसें जरूर पड़ाव में लगी हुई थीं. स्थानीय स्तर पर चलने वाली गाड़ियां कम दिखीं और ऐसे यात्री परेशान भी दिखे. यात्रियों के लिए बनाये गये बस पड़ाव में यात्री कम परिवहन कर्मी आराम फरमाते अधिक नजर आये. पड़ाव में चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य दिखा. बताया जाता है कि यहां से प्रतिवर्ष जिला प्रशासन को लाखों रुपये राजस्व में प्राप्त होते हैं. इसके बावजूद पड़ाव की बदहाली समझ से परे थी. बलुआ गढ़िया निवासी युवा वोटर रामकुमार से बस पड़ाव में एक चाय दुकान पर मुलाकात हुई. राम कुमार स्नातक का छात्र है और पहली बार उसे मतदान करने का मौका मिलेगा. चुनाव चर्चा हुई तो राम कुमार ने कहा ‘ एकदम सीधा मुकाबला है. लोगों को विकास चाहिए, लेकिन जाति और धर्म भी मुद्दा बनेगा. आप इससे इनकार नहीं कर सकते हैं ‘. आगे राम कुमार ने कहा ‘ युवाओं को रोजगार मिले, ऐसी सरकार होनी चाहिए ‘. पास ही खड़े पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी आनंद चौधरी भवानीपुर जाने वाली किसी बस का इंतजार करते मिले. श्री चौधरी मछली व्यवसायी हैं और प्रति सप्ताह पूर्णिया के विभिन्न इलाकों में जाते हैं. बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ, तो श्री चौधरी ने कहा ‘ बिहार अब काफी बदल गया है. पहले जैसी अब बात नहीं रही. अब आराम से हम लोग कहीं भी जा सकते हैं ‘. बस पड़ाव में ही महबूब खां टोला निवासी मो सलीम से मुलाकात हुई. पहले बस के कंडक्टर थे, एक दुर्घटना के बाद कंडक्टरी छोड़ चाय की दुकान शुरू की. सलीम अखबार पढ़ने के भी शौकीन हैं. बात जब चुनाव और राजनीति की चली तो ऐसा लगा कि उन्हें सीमांचल से लेकर पूरे सूबे की राजनीतिक हलचल बखूबी पता है. सलीम ने कहा ‘ लड़ाई बड़ी दिलचस्प है. अभी चुनाव में समय है और कितने समीकरण बनेंगे और बिगड़ेंगे कह पाना कठिन है ‘. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा ‘ चुनाव के समय सीमांचल में आकर जमीन तलाश करने वालों को निराशा ही मिलेगी. ऐसे लोग कभी फैक्टर नहीं हो सकते हैं ‘. बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा तो उन्होंने कहा ‘ 02-02 करोड़ रुपये लेकर टिकट देने वाले और टिकट लेने वाले रहनुमाओं से क्या उम्मीद की जा सकती है, यह आप भी समझ सकते हैं ‘. फिर आगे उन्होंने जोड़ा ‘ चुनाव के समय यूं ही सभी एक-दूसरे पर छींटाकशी करते हैं, लेकिन सभी एक दूसरे के पूरक हैं ‘. बस पड़ाव में ही कुछ आगे बढ़ा तो ताश की चौकड़ी जमी हुई थी. सभी लोग ताश खेलने में व्यस्त थे. सभी स्थानीय भी थे और परिवहन से ही जुड़े हुए कर्मी थे. सोलह, सत्रह, अठारह और फिर आवाज आयी पास. लोग मेरी ओर देखने के लिए भी तैयार नहीं थे. बड़ी मुश्किल उन लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया और बातचीत को ताश से मोड़ कर चुनाव की ओर ले जाने की कोशिश की. ताश के खेल में शामिल ब्रजेश नगर निवासी दीपक दास ने कहा ‘ देखिये अब नये लोगों को भी मौका मिलना चाहिए ‘. ताश के पत्ते फेंकते हुए राजू मल्लिक ने कहा ‘ हम लोग तय कर चुके हैं कि किसको वोट देना है ‘. बस का इंतजार कर रहे बनमनखी निवासी से जब बात हुई तो उसने कहा ‘ अभी लोग पर्व-त्योहार में लगे हुए हैं. चुनाव से एक सप्ताह पूर्व सब कुछ साफ हो जायेगा ‘. बस पड़ाव में एक बस पर समान पहुंचाने आये भवानीपुर निवासी रिक्शा चालक जयराम मुखिया से बातचीत हुई. चुनाव के बारे में जयराम से पूछने पर उसने अपने जेब से मतदाता पहचान पत्र निकाल कर दिखाते हुए कहा ‘ वोट दिन जरूर गाम जैबे. जकरा में दस के भलाय हेते ओकरे वोट देबै ‘. साथ ही बातचीत के क्रम में जयराम ने जो बात बतायी वह लोकतंत्र का स्याह पक्ष जरूर है, लेकिन सच भी है. उन्होंने कहा ‘ पिछलका चुनाव में नेताजी एक हजार रुपया दलके रहै. गाम में और लोग कैय रुपया मिलल रहै ‘. पास ही खड़े चिकनी डुमरिया निवासी रिक्शा चालक सुरेंद्र चौधरी से बातचीत हुई तो कहा ‘ कुछ कहिए रोड बना है तो आज रिक्शा खींच रहे हैं. बाद बांकी कौन जीतेगा, कौन हारेगा इ तो किस्मत के बात है ‘. फोटो:- 13 पूर्णिया 16परिचय:- बस पड़ाव में ताश खेलते लोग
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इलेक्शन लाइव: विकास चाहिए, जाति भी बनेगा मुद्दा
इलेक्शन लाइव: विकास चाहिए, जाति भी बनेगा मुद्दा पूर्णिया. दिन मंगलवार, समय लगभग 11:30 बज रहे थे. जिला मुख्यालय स्थित मुख्य बस पड़ाव पर अपेक्षाकृत कम भीड़-भाड़ मौजूद थी. चुनाव की वजह से गाड़ियों की उपलब्धता में कमी आयी है. अलबत्ता पटना और रांची जाने वाली बसें जरूर पड़ाव में लगी हुई थीं. स्थानीय स्तर […]
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