निगम ने लाखों खर्च कर दिये. वेपर की रिपेयरिंग करायी, पार्षदों के माध्यम से वेपर भी लगवाये, लेकिन चंद दिनों के लिए ही सही हाइमास्ट लाइट को जलाने का प्रयास तक नहीं किया गया. बल्कि 24 घंटे शहर में बिजली का दावा विद्युत विभाग कर रहा है, लेकिन नगर निगम की इच्छा शक्ति का अभाव अंधेरे में रोशनी जलाने की व्यवस्था में बाधक बना हुआ है. लाखों खर्च कर नगर निगम तथा 24 घंटे बिजली की उपलब्धता का दावा कर विद्युत विभाग शहरवासियों को अंधेरों से रू-ब-रू कराने में आमादा है.
लेकिन मुकम्मल कार्य के अभाव में टिमटिमाती रोशनी ही इन टावरों से लोगों को नसीब हो पा रही है. हालात यह है कि शहर के मुख्य सड़क चौक चौराहो से लेकर अति संवेदन शील स्थल रेल ओवरब्रिज भी शाम होते ही अंधेरे के आगोश में चला जाता है. दरअसल व्यवसायी महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बबलू चौधरी, यूथ सोसाइटी के अध्यक्ष विजय मांझी, मायुमं के सुमित लोहिया, भरत भगत, सुनील शर्मा, संजय चौधरी, अधिवक्ता सह समाजसेवी लाल बहादुर यादव, पूर्व वार्ड पार्षद नीशा देवी, व्यवसायी सह जदयू नेता दीपक अग्रवाल ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि शहर के हाई मास्ट लाइटों को तुरंत सुव्यवस्थित कर जलाने का प्रयास किया जाये.