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अवैध सेंटरों पर नहीं लगी रोक

पूर्णिया : लाइन बाजार में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों ने एक बार फिर अपना पांव जमा लिया है. बिना रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टरों के दर्जनों अल्ट्रासाउंड सेंटरों में जांच कार्य चल रहा है. इन सेंटरों में पीएनडीटी एक्ट का खुल्लम खुल्ला मजाक उड़ाया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले में मूकदर्शक बनी हुई है. जिला प्रशासन भी […]

पूर्णिया : लाइन बाजार में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों ने एक बार फिर अपना पांव जमा लिया है. बिना रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टरों के दर्जनों अल्ट्रासाउंड सेंटरों में जांच कार्य चल रहा है. इन सेंटरों में पीएनडीटी एक्ट का खुल्लम खुल्ला मजाक उड़ाया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले में मूकदर्शक बनी हुई है. जिला प्रशासन भी इस मामले में मौन साधे हुए है.

होती है हर जांच
डॉक्टर मजे से फीटर अल्ट्रासाउंड करने लगे किंतु बीतते वक्त के साथ-साथ हर सेंटरों पर सभी प्रकार के अल्ट्रासाउंड होने लगे.यहां तक कि बंद किये गये तमाम अल्ट्रा साउंड सेंटर पुन: खुल गये.अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों में लिंग निर्धारण होने की चर्चा भी अब फैलने लगी है. लोग चोरी छिपे होने वाले बच्चे का लिंग भी जान लेते हैं.
वर्ष 2013 में हुई थी कार्रवाई
विगत वर्ष तत्कालीन सीएस ने मानक विहीन अल्ट्रासाउंड संचालकों के विरुद्ध अभियान चला कर कार्रवाई भी की थी. इसके तहत विभाग ने कुल 13 सेंटरों को मानक विहीन पाये जाने पर तत्काल सील कर दिया गया है. कुल तीन सेंटरों का मामला कोर्ट में गया था. इसके बाद भी इन सेंटरों की गतिविधि पर निगरानी के लिए तीन डॉक्टरों की अलग अलग टीम भी गठित की गयी थी. इसके तहत नियमित जांच शुरुआती दौर में चला. किंतु कुछ दिनों के बाद नियमित जांच को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. पुन: सेंटरों का स्थापना-बंद किये गये सेंटरों को पुन: स्थापित करने का दौर चला. इसके तहत तमाम एमबीबीएस डॉक्टरों को फीटर करने का आदेश दिया गया.
एमसीआइ के नये नियमों का उल्लंघन
हाल के दिनों में आये एमसीआइ के आदेश के मुताबिक बिना किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से सर्टिफिकेट के कोई एमबीबीएस अल्ट्रासाउंड नहीं कर सकता है. यह कोर्स छह माह का है. नये नियम के तहत रेडियोलॉजिस्ट, स्त्री रोग के एमडी, डीएनबी को सामान्य जांच की छूट है. नये नियम आ चुके हैं. इसके बावजूद अब तक इन अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर अंकुश लगाने की दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग का रोना
अवैध रूप से चलाये जा रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लगाम लगाने का ठिकरा जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग पर फोड़ रहा है. किंतु हकीकत यह है कि स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन के सहयोग के बिना इस गोरखधंधे पर अंकुश लगाना नामुमकिन है.
फरजी बोर्ड पर होता है काम
लाइन बाजार में अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड के कारोबारी किसी डॉक्टर का बोर्ड टांग कर तकनीशियन के भरोसे इस कारोबार का संचालन कर रहे हैं. उक्त डॉक्टरों का उस संस्थान से दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं होता है. ऐसे सेंटरों में जांच से रोगों की पहचान भी संदिग्ध हो जाती है. साथ ही लिंगानुपात भी प्रभावित होता है.
बोले अधिकारी
अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर स्वास्थ्य विभाग अकेले दम पर नकेल नहीं डाल सकती है. जिला प्रशासन का सहयोग मिले तो तमाम अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों को पूर्णिया से बोरिया-बिस्तर बांधना पड़ेगा.
डा एसएन झा, सिविल सजर्न पूर्णिया

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