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अवैध पैथोलॉजी पर नकेल नहीं
पूर्णिया: लाइन बाजार में लगभग डेढ़ सौ से भी अधिक पैथोलॉजी अवैध रूप से चल रहे हैं. वहां सैंपल लेकर अनुमानित र्पिोट मरीजों को दी जाती है. पैथोलॉजी के इस गोरखधंधे में संचालक मालामाल हो रहे हैं. गरीब मरीज गलत रिपोर्ट से खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. विभाग एवं प्रशासन इस गोरखधंधे पर […]
पूर्णिया: लाइन बाजार में लगभग डेढ़ सौ से भी अधिक पैथोलॉजी अवैध रूप से चल रहे हैं. वहां सैंपल लेकर अनुमानित र्पिोट मरीजों को दी जाती है. पैथोलॉजी के इस गोरखधंधे में संचालक मालामाल हो रहे हैं. गरीब मरीज गलत रिपोर्ट से खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. विभाग एवं प्रशासन इस गोरखधंधे पर लगाम लगाने में असमर्थ है.
हर मोड़ पर है अवैध पैथोलॉजी
लाइन बाजार में प्राय: सभी मोड़ पर अवैध पैथोलॉजी का कारोबार चल रहा है. शिव मंदिर रोड, पोस्टमार्टम रोड, बिहार टॉकिज रोड, एनएच 31 सहित हर गली में पैथोलॉजी केंद्र हैं. यहां पर की गयी जांच से संदिग्ध रहती है, जिस कारण मरीजों का सही इलाज नहीं हो पाता है.
क्या होता है सैंपल का
अवैध पैथोलॉजी में सैंपल संग्रह कर लिया जाता है. बिना जांच किये सभी सैंपल को पानी में बहा दिया जाता है. मरीज को संभावित रिपोर्ट दी जाती है. ऐसे में मरीज को रोग कुछ होता है और इलाज कुछ कर दिया जाता है. कई मामलों में मरीजों की जान सांसत में आ जाती है. ऐसे संचालकों पर विभागीय कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे अवैध पैथोलॉजी के कारोबारी बेहिचक अपने धंधे को चला रहे हैं.
कार्रवाई के बाद पुन: खुल जाते हैं
कई बार अवैध पैथोलॉजी पर विभागीय कार्रवाई भी हुई. किंतु कुछ समय के बाद ये पैथोलॉजी फिर खुल जाते हैं. कार्रवाई के बाद अवैध पैथोलॉजी कैसे खुल जाते हैं. यह भी जांच का विषय है. जानकारों के अनुसार जिस पैथोलॉजी पर कार्रवाई होती है. वह नाम बदल कर फिर से काम शुरू कर देता है.
कहते हैं अधिकारी
स्वास्थ्य विभाग को जिला प्रशासन का सकारात्मक सहयोग मिले, तो अवैध पैथोलॉजी सेंटरों का सफाया हो जायेगा. किंतु विभाग प्रशासनिक सहयोग के बिना इस दिशा में कुछ कर पाने में असमर्थ हैं.
डॉ एसएन झा, सीए, पूर्णिया
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