पूर्णिया : हर गरीब को पक्का मकान बनाने के उद्देश्य से शुरू की गयी प्रधानमंत्री आवास योजना विभागीय उदासीनता की वजह से अपने लक्ष्य से काफी पीछे है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में जिले को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 44,666 आवास बनाने का लक्ष्य विभागीय स्तर से दिया गया था.
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पीएम आवास योजना : लक्ष्य से काफी दूर गरीबों का आसियाना
पूर्णिया : हर गरीब को पक्का मकान बनाने के उद्देश्य से शुरू की गयी प्रधानमंत्री आवास योजना विभागीय उदासीनता की वजह से अपने लक्ष्य से काफी पीछे है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में जिले को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 44,666 आवास बनाने का लक्ष्य विभागीय स्तर से दिया गया था. इसमें वित्तीय वर्ष पूरा […]
इसमें वित्तीय वर्ष पूरा हो जाने के बावजूद लक्ष्य के आसपास भी आवास योजना नहीं पहुंच सकी. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि विभागीय बेवसाइट पर जारी डाटा बयान कर रहा है. लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 13,369 आवास ही पूर्ण हो पाया है. जिले में सर्वाधिक आवास 1 हजार 844 अमौर प्रखंड में तथा सबसे कम आवास 356 भवानीपुर प्रखंड में बनाये गये है.
जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा ने कई बार समीक्षात्मक बैठक में आवास योजना की गति मंद पर असंतोष व्यक्त करते हुए निर्धारित लक्ष्य को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद लक्ष्य पूरा करने में आवास सहायक काफी पीछे रह गये. प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्णिया जिले में अबतक 13,369 लाभुकों का आवास पूर्ण हो पाया है. जबकि 31 हजार 297 आवास का लक्ष्य शेष बनना बांकी है.
प्रधानमंत्री आवास योजना में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 34,908 लाभुकों का निबंधन 34,087 लाभुकों को जीरो टैग से निबंधित कर 32,279 लाभुकों जीरो टैग से जोड़ा गया है. आवास योजना के तहत प्रथम किश्त की राशि 31,112 लाभुकों, द्वितीय किश्त की राशि 21,694 लाभुकों को तथा तृतीय किश्त की राशि 13,594 लाभुकों को दिया गया है. इनमें 13,369 लाभुक के ही आवास पूर्ण हुए है.
आवास निर्माण में लाभुक को क्या है परेशानी
आवास निर्माण कराने में लाभुकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके पीछे योजना क्रियान्वयन में व्याप्त भ्रष्टाचार मूल कारण है. जमीनी हकीकत यह है कि आवास योजना स्वीकृति कराने से लेकर निर्माण पूर्ण होने तक दी गयी राशि का बंदरबाट पंचायत से लेकर प्रखंड स्तर पर हो जा रहे है.
लाभुक को प्रथम किश्त की राशि निर्गत होने पर लाभुकों से आवास सहायक 20 से 30 हजार रुपये तक वसूल करते है, इस वसूली में ग्रामीण बैंक कर्मी की संलिप्ता से इंकार नहीं किया जा सकता.
वसूली गयी राशि पंचायत से लेकर प्रखंड स्तरीय अधिकारी व कर्मियों के बीच बांटने की परंपरा आज भी कायम है. राशि नहीं देने वाले को द्वितीय व तृतीय किश्त की राशि नहीं दिये जाते है. राशि की कमी से आवास निर्माण जहां पूर्ण नहीं हो रहे है वही लाभुक भी राशि को अन्यत्र खर्च में उपयोग कर लेते है. यही कारण है कि आवास निर्माण आज भी आधे-अधुरे देखने को मिल जा रहे है.
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