धमदाहा (पूर्णिया) : नदी पर पुल बनने के बाद से जहां लोगों में विकास की आस जगती है, वहीं धमदाहा में एक ऐसा भी गांव है जहां बहनेवाली नदी पर पुल तो है, मगर विकास ने गांव से मुंह मोड़ रखा है. आलम यह है कि लोग इस गांव में अपनी बेटी ब्याहने तक से गुरेज करने लगे हैं.
दरअसल, धमदाहा अनुमंडल क्षेत्र के बड़हरा कोठी थाना क्षेत्र के गोपी नगर में परसा नाम का एक गांव है. यहां के लोग काठ पुल के सहारे ही आवागमन करते हैं. इस गांव के लोगों की परेशानी यह है कि इस गांव के बीचोबीच नदी बहती, जिसमें सालों भर पानी रहता है. इसलिए आम लोगों के आवागमन के मद्देनजर अंग्रेज के जमाने में ही काठ पुल का निर्माण कराया गया था. गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि इस पुल का निर्माण 83 वर्ष पूर्व 1935 में हुआ था. इसकी हालत अब जर्जर हो चुकी है. लिहाजा इस पुल पर यात्रा करना खतरनाक हो गया है.
इस पुल की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यातायात तो दूर इस पुल पर से लोग पैदल पार करने में डरते हैं. ग्रामीण जसीम अंसारी, फुचिया खातून, मो शकूर समेत सैकड़ों लोगों ने पुल की दुर्दशा बताते हुए कहा कि गांव के लोगों का विकास पुल की मरम्मत नहीं होने की वजह से अवरुद्ध हो गया है. गोपी नगर परसा के लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि पुल के जर्जर होने से गांव के लड़कों के शादी-ब्याह होने तक पर ग्रहण लग गया है. लोगों ने बताया कि गांव में अच्छे घरों के रिश्ते आने बंद हो गये हैं. वहीं पुल की मरम्मत नहीं होने से यहां के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा और वे मजबूरन गांव से पलायन कर रहे हैं.
पुल बनने से कम हो जायेगी मधेपुरा की दूरी
काठ पुल का निर्माण हुआ तो धमदाहा व बीकोठी के लोगों के लिए मधेपुरा की दूरी कम हो जायेगी. फिलहाल मधेपुरा जाने के लिए 60 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. इस पुल के बन जाने से मधेपुरा की दूरी 45 किलोमीटर हो जायेगी. रोजगार के कई अवसर भी मुहैया हो जायेंगे.
पुल जर्जर होने से हो चुके हैं कई हादसे
इस पुल पर अब तक दर्जनों छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं. वर्ष 2012 में एक ट्रैक्टर पलट गया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी थी और दर्जन भर से अधिक लोग घायल हो गये थे. इसके बाद से लोगों ने इस पुल का आवागमन के लिए प्रयोग करना लगभग बंद कर दिया है.