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शहर की जमीन के मोटेशन पर ग्रहण

लगान फिक्सेशन अब तक नहीं, लगान रसीद का भी है टोटा एलपीसी भी लेना हुआ मुश्किल, सरकारी सुविधा पर आफत पूर्णिया : पूर्णिया शहर की जमीन के मोटेशन पर ग्रहण लग गया है. पिछले एक सप्ताह से मोटेशन पर ब्रेक लगा हुआ है. इससे आम लोग परेशान होकर रह गये हैं. उच्च अधिकारी ने बिना […]

लगान फिक्सेशन अब तक नहीं, लगान रसीद का भी है टोटा

एलपीसी भी लेना हुआ मुश्किल, सरकारी सुविधा पर आफत
पूर्णिया : पूर्णिया शहर की जमीन के मोटेशन पर ग्रहण लग गया है. पिछले एक सप्ताह से मोटेशन पर ब्रेक लगा हुआ है. इससे आम लोग परेशान होकर रह गये हैं. उच्च अधिकारी ने बिना लगान फिक्स किये मोटेशन करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया है. इसी सवाल के कारण अंचल में मोटेशन रुक गया है.
दरअसल पूर्णिया में करीब ढाई दशक से शहर की जमीन का रसीद नहीं काटा जा रहा है. पहले आसानी से जमीन खरीदार जमीन खरीद कर मोटेशन करा लेते थे. उन्हें शुद्धि-पत्र मिल जाती थी. हालांकि पहले भी लगान रसीद नहीं मिलती थी. उनका नाम रजिस्टर टू में सहज ढंग से दर्ज हो जाता था. अब ऐसा नहीं हो रहा है. यह भी नहीं कि जमीन का मोटेशन सदा के लिए रूक जायेगा. जमीन का मोटेशन किसी ने रोका नहीं है. पूर्णिया में नगर निगम क्षेत्र का अब तक कोई भू-लगान तय नहीं किया गया है. कहा जा रहा है कि शहरी क्षेत्र के जमीन के लिए म्युनिसिपल-सर्वे हुआ था.
सर्वे के बाद सर्वे डिपार्टमेंट को ही भू-लगान फिक्स करनी थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब भू-लगान ही फिक्स नहीं हुआ तो रसीद काटा जाना लाजिमी नहीं है. वैसी स्थिति में शहरी जमीन का मोटेशन का भी कोई औचित्य नहीं है. जिला प्रशासन ने पिछले दिनों इस मसले को गंभीरता से लिया और पूर्णिया पूर्व के अंचलाधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह से इस संबंध में शो-कॉज किया. आनन-फानन में अंचलाधिकारी ने शो-कॉज का जवाब बनाना शुरू किया और तत्काल सभी मोटेशन के आवेदन को रोक दिया है. अंचलाधिकारी ने वरीय पदाधिकारी से दिशा-निर्देश मांगा है. इससे पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र में अब जमीन खरीदना तो मुश्किल है ही, उपर से मोटेशन का झमेला लग जाने से जमीन खरीदना भी अब सरदर्द साबित होने लगा है.
भू-लगान तय करने के लिए देना होगा आवेदन
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि पूर्णिया की जमीन के मोटेशन के लिए अब खरीदारों को मोटेशन के आवेदन के साथ भू-लगान के लिए भी आवेदन करना होगा. यह किसी को पच ही नहीं रही है. अब तक ऐसी परंपरा नहीं थी. जब से ऑनलाइन की प्रक्रिया शुरू हुई तब से एक पहचान पत्र के साथ केवाला की प्रतिलिपि प्रस्तुत कर देने से ही मोटेशन हो जाता था. इससे पहले तो कोई भी व्यक्ति अपना रजिस्ट्री केवाला लेकर सीधे राजस्व कर्मचारी के पास जाते थे और बड़ी ही सहूलियत से दो-तीन दिन में मोटेशन हो जाता था. लेकिन बदलते समय के साथ इन दिनों मोटेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ अब लगान रसीद के लिए भी खुद आवेदनकर्ता को आवेदन करना होगा. जिला प्रशासन यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि व्यक्तिगत तौर पर भू-लगान के लिए प्रस्तुत आवेदन के आधार पर उनका लगान वसूली की दर क्या होगी? क्या व्यक्तिगत आवेदन पर सरकारी रसीद सहूलियत से मिल जायेगी? इस मामले में काफी भ्रम की स्थिति बनी हुई है.
एलपीसी के लिए भी मुश्किल : पूर्व में भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र (एलपीसी) बनवाने के लिए पहले कोई हार्ड एंड फास्ट रूल नहीं था. कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन का अपडेट रसीद एवं शुद्धि पत्र लेकर जाते थे तो हाथों हाथ एलपीसी मिल जाती थी. अब जब मोटेशन ही नहीं हो रहा है तो एलपीसी का सवाल ही नहीं उठता है. ऐसे में शहरवासियों को बैंकों से लोन लेना भी मुश्किल हो गया है.

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