बीकोठी निवासी मौसेरे भाई ने पूर्णिया डीएम को विदेश मंत्री के नाम का सौंपा आवेदन, लगायी छुड़ाने की गुहा
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18 साल से पाक की जेल में बंद है रमेश
बीकोठी निवासी मौसेरे भाई ने पूर्णिया डीएम को विदेश मंत्री के नाम का सौंपा आवेदन, लगायी छुड़ाने की गुहा पूर्णिया : लगभग दो दशक बीतने को हैं. देश और प्रदेश में राजनीतिक स्तर पर कई बड़े बदलाव हुए. हर बदलाव के बाद मधेपुरा के बिहारीगंज प्रखंड के तारारही निवासी पार्वती देवी और उदय नारायण मेहता […]
पूर्णिया : लगभग दो दशक बीतने को हैं. देश और प्रदेश में राजनीतिक स्तर पर कई बड़े बदलाव हुए. हर बदलाव के बाद मधेपुरा के बिहारीगंज प्रखंड के तारारही निवासी पार्वती देवी और उदय नारायण मेहता को इस बात की उम्मीद बंधी कि पाकिस्तान की जेल में बंद उसका बेटा एक दिन वापस जरूर आयेगा. उम्मीद की वजह थी कि परिजनों ने राजनेताओं से लेकर अधिकारियों के दहलीज पर दस्तक दी, आश्वासन भी मिले, लेकिन बेटे का इंतजार समाप्त नहीं हुआ. बूढ़े मां-बाप अब थक चुके हैं,
लेकिन अन्य परिजनों का संघर्ष अभी भी जारी है. तारारही निवासी रमेश मेहता बीते 18 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद है और उसे वापस लाने की मुहिम बीते चार सालों से परिजनों द्वारा जारी है, लेकिन यह नाकाम साबित हुई है. बुधवार को एक बार फिर रमेश के मौसेरे भाई जिले के बीकोठी निवासी अशोक मेहता ने जिला पदाधिकारी को विदेश मंत्री के नाम आवेदन सौंप कर रमेश को पाकिस्तान की जेल से छुड़ाने की गुहार लगायी है.
18 साल से…
1999 में रमेश पहुंचा पाकिस्तान
परिजनों के अनुसार रमेश वर्ष 1999 में गांव के आसपास के कुछ परिचितों के साथ राजस्थान के धरसाना मजदूरी करने गया था. उसी दौरान एक दिन वह शाम के समय घूमने निकला और कौतूहलवश पाकिस्तान बॉर्डर की तरफ चला गया. उसके बाद फिर रमेश वापस नहीं लौटा. कयास लगाये जा रहे हैं कि रमेश भटकते हुए पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गया और वहां वह पाकिस्तानी फौज द्वारा दबोच लिया गया. इस बात की पुष्टि बाद में सरकारी स्तर पर भी हुई.
रमेश के मौसेरे भाई अशोक मेहता बताते हैं कि 01 जुलाई 2014 को एक अखबार में गृह विशेष विभाग द्वारा फोटो सहित विज्ञापन प्रकाशित किया गया, जिसमें रमेश की तसवीर भी शामिल थी. यह सभी तसवीर पाकिस्तान में बंद भारतीयों की थी. उसके बाद परिजनों को तसल्ली हुई कि रमेश आज भी जिंदा है. उसके बाद से उसकी वापसी के लिए प्रयास शुरू कर दिये गये.
पत्नी ने घर छोड़ा, बेटी को पिता का इंतजार
18 सालों में बहुत कुछ बदल चुका है. रमेश के बुजुर्ग माता-पिता को आज भी अपने बेटे के वापस लौटने का इंतजार है. हालांकि 18 वर्ष तक इंतजार के बाद रमेश की पत्नी सूमो देवी अब दूसरी शादी रचा कर रमेश का घर छोड़ चुकी है. खास बात यह है कि जब रमेश कमाने के लिए राजस्थान गया था, तो उस वक्त उसकी बेटी पैदा ही हुई थी. अब रमेश की बेटी पूजा 18 साल की हो चुकी है और आज भी अपने पापा के लौटने का इंतजार कर रही है. समाहरणालय पहुंचे अशोक मेहता कहते हैं कि बड़े-बड़े नेताओं से भी गुहार लगायी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. लोगों ने बताया कि विदेश मंत्री इस मामले में कुछ मदद कर सकती है तो उनके नाम आवेदन लेकर गुहार लगाने पहुंचे हैं.
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