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शहर में पैथोलॉजी की निबंधन प्रक्रिया शुरू

पूर्णिया : प्रभात खबर में लगातार प्रकाशित खबर का असर देखने को मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार से ही शहर में संचालित पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटरों का निबंधन प्रक्रिया शुरू कर दी है. लाइन बाजार में संचालित डिग्री प्राप्त किये पैथोलॉजी एवं अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालकों में खुशी व्याप्त है. गौरतलब है कि […]

पूर्णिया : प्रभात खबर में लगातार प्रकाशित खबर का असर देखने को मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार से ही शहर में संचालित पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटरों का निबंधन प्रक्रिया शुरू कर दी है. लाइन बाजार में संचालित डिग्री प्राप्त किये पैथोलॉजी एवं अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालकों में खुशी व्याप्त है. गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग में मात्र 30 पैथोलॉजी निबंधित है. जबकि लाइन बाजार में करीब 500 पैथोलॉजी संचालित है.

इसमें 400 पैथोलॉजी बिना डिग्री के संचालित हो रहे हैं. बचे हुए 70 पैथोलॉजी संचालकों के पास डिग्री भी है, लेकिन कई कानूनी अड़चनों की वजह से पैथोलॉजी निबंधित नहीं हो पा रही थी. प्रभात खबर ने इस विषय पर पहल शुरू कर अभियान के तहत फर्जी पैथोलॉजी से लेकर डिग्री वाले पैथोलॉजी के बारे में लगातार खबर प्रकाशित किया था, जिसका असर दिखाई दिया और स्वास्थ्य विभाग ने जिला पदाधिकारी प्रदीप कुमार झा के आदेश पर निबंधन करने का काम शुरू कर दिया है.
विभाग ने निबंधन के लिए फॉर्म जारी कर दिया है. निबंधन शुल्क 200 रुपये रखा गया है. गौरतलब है कि जिला पदाधिकारी के आदेश पर 25 जुलाई को लाइन बाजार में संचालित 44 पैथोलॉजी सेंटरों पर छापेमारी हुआ था. जिसमें 22 पैथोलॉजी संचालकों को कागजात दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था. मंगलवार को सिविल सर्जन के आदेश पर सील किये गये चार पैथोलॉजी सेंटर की जांच टीम द्वारा किया गया. जांच दल में डा सुरेंद्र दास एवं डा ए अहमद शामिल थे.
जांच टीम के पहुंचते ही फर्जी पैथोलॉजी सेंटरों में मचा हड़कंप
मंगलवार को चार पैथोलॉजी सेंटर का जांच करने के लिए टीम के पहुंचते ही लाइन बाजार में हड़कंप मच गया. फर्जी पैथोलॉजी संचालक शटर बंद कर इधर-उधर भागने लगे. वहीं बिना निबंधित संचालित डिग्री वाले पैथोलॉजी संचालक भी शकशके में पड़ गये और अपना डिग्री एवं अनुभव संबंधी कागजात जुटाने में लग गये. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. जांच टीम सिर्फ चार पैथोलॉजी में जाकर जांच कर लौट गये. जांच टीम के जाने के बाद पैथोलॉजी संचालकों ने चैन की सांसें ली. वहीं फर्जी पैथोलॉजी वाले भी अपना शटर उठा कर कारोबार शुरू कर दिया.
लाइन बाजार में शटर बंद कर चल रहा है फर्जी पैथोलॉजी : लाइन बाजार में 25 जुलाई को जिला पदाधिकारी प्रदीप कुमार झा के आदेश पर पैथोलॉजी सेंटरों पर छापेमारी हुई थी. छापेमारी के दौरान बिना डिग्री और निबंधन के संचालित फर्जी पैथोलॉजी सेंटरों में हड़कंप मच गयी थी. जांच दल के पहुंचने से पहले फर्जी पैथोलॉजी वाले अपना दुकान बंद कर भाग गया. लेकिन वही लोग फिर से मौत का दुकान फिर से संचालन करने लगा है. फर्जी सेंटर वालों ने पैथोलॉजी चलाने का अब नया तरीका निकाला है. बाहर से शटर बंद रहता है और अंदर काम चालू है. इनके पास मरीज दलाल के रहमोकरम से जाता है. इसलिए शटर खोलने की जरूरत भी नहीं पड़ती. यदि इन फर्जी सेंटर वालों तक पहुंचना है तो सबसे आसान माध्यम है दलाल. यदि आप दलाल तक पहुंच गये तो समझिए फर्जी पैथोलॉजी तक पहुंच गये हैं.

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