पटना. पुलिस महा निदेशक एसके सिंघल ने कहा मंगलवार को कहा है कि रूरल पुलिसिंग में बिहार का राष्ट्र में उच्च स्थान है. हमारे यहां सीमित संसाधनों में भी अच्छा कार्य किया जाता है. 11 महीनों के भीतर 12686 सिपाहियों को प्रशिक्षित कर जिलों में भेजा जा रहा है यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
एसके सिंघल ने कहा है कि गम्भीर काण्डों में जिला स्तर पर की गई गिरफ्तारियों के दर में वृद्धि के लिये अधिकारी सराहना के पात्र हैं. एंटी लिकर टॉस्क फोर्स ने भी काफी अच्छा काम किया है. वैसे अभी भी कुछ जिलों में सुधार की जरूरत है. क्षेत्रीय जिलों के पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए डीजीपी ने कहा कि गिरफ्तारियों के अधिक संख्या में होने से इसका दबाव अन्य अभियुक्तों पर भी पड़ेगा.
पुलिस महा निदेशक ने जानकारी देते हुए कहा की आत्मसमर्पण करने वाले अभियुक्तों की संख्या में वृद्धि होगी. बक्सर, अरवल, रोहतास, मुजफ्फरपुर, गया, वैशाली, सहरसा, पूर्णियां, भागलपुर, जमुई तथा बेगूसराय ने अपराधियों की गिरफ्तारी में अच्छा प्रदर्शन किया है.
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एडीजीपी (मुख्यालय) जितेन्द्र सिंह गंगवार ने कहा कि कोर्ट ने 300 दिन बाद भी अनुसंधान के लिये लम्बित काण्डों की मुख्यालय तथा जिलों के स्तर पर कमेटी बनाकर प्रत्येक 15 दिन पर समीक्षा की जायेगी. तीन महीनों तक विशेष अभियान चलाकर सभी कांडों का निष्पादन किया जायेगा.
हर 15 दिन पर कम से कम पांच प्रतिशत निष्पादन करना है. तीन महीने में लंबित कांडों में 30 फीसद निष्पादन का लक्ष्य तय किया गया है. एडीजी (विधि व्यवस्था) संजय सिंह ने निर्देश दिया कि अपराधियों के गृह जिला – थाना के साथ भी जानकारी साझा किया जाये.