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कैंपस : जेइइ मेन : डुप्लीकेट एप्लीकेशन नंबर वाले सैकड़ों विद्यार्थियों के परिणाम रोके गये

जेइइ मेन 2024 के सैकड़ों विद्यार्थियों के अप्रैल सेशन के परिणाम रोके गये हैं. परीक्षा देने के बावजूद इन विद्यार्थियों के सेशन-2 का परिणाम जारी नहीं हुआ है और परिणाम में डुप्लीकेट एप्लीकेशन नंबर को कारण बताया गया है.

– जनवरी सेशन के रिजल्ट के आधार पर ही जारी की एआइआर

– अप्रैल सेशन के परीक्षा परिणाम में डुप्लीकेट एप्लीकेशन दर्शाते हुए रोका परिणाम

संवाददाता, पटना

जेइइ मेन 2024 के सैकड़ों विद्यार्थियों के अप्रैल सेशन के परिणाम रोके गये हैं. परीक्षा देने के बावजूद इन विद्यार्थियों के सेशन-2 का परिणाम जारी नहीं हुआ है और परिणाम में डुप्लीकेट एप्लीकेशन नंबर को कारण बताया गया है. एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के कैरियर काउंसेलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि परिणाम जारी होने के साथ ही कई मामले ऐसे सामने आ गये, जिसमें विद्यार्थियों के अप्रैल सेशन के परिणाम जारी नहीं किये गये थे और ऑल इंडिया रैंक जनवरी सेशन के परिणाम के आधार पर ही जारी की गयी है. साथ ही इन विद्यार्थियों के अप्रैल सेशन के परिणामों में एनए (नॉट अवेलेबल) लिखा हुआ आ रहा है. इसके साथ ही एनटीए स्कोर वाले कॉलम में जनवरी के एप्लीकेशन नंबर के साथ डुप्लीकेट शब्द लिखा हुआ दिया गया है. उल्लेखनीय है कि ये ऐसे विद्यार्थी हैं, जिन्होंने जनवरी व अप्रैल सेशन की परीक्षा अलग-अलग रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर दी. एनटीए द्वारा इन विद्यार्थियों के अलग-अलग एप्लीकेशन नंबर पर युनीक मानते हुए उनकी एक ही ऑल इंडिया रैंक व कैटेगरी रैंक जारी की गयी है. अब इन विद्यार्थियों के सामने बड़ी चुनौती आ गयी है कि अप्रैल सेशन की परीक्षा देने के बाद भी इनके जनवरी सेशन पर मिली ऑल इंडिया रैंक व कैटेगरी रैंक के आधार पर ही काउंसेलिंग करनी होगी, जबकि हो सकता है कि इनकी अप्रैल की परीक्षा जनवरी के मुकाबले बेहतर हुई हो, जिससे इन्हें एनटीए स्कोर बेहतर होने की संभावना हो.

एक्सपर्ट ने कहा रिजल्ट रोकने की बात पहले नहीं कही गयी थी

आहूजा ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया के दौरान इस तरह की कोई सूचना विद्यार्थियों के लिए जारी नहीं की गयी थी कि अलग-अलग आवेदन क्रमांक पर अलग-अलग सेशन में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का परिणाम रोक लिया जायेगा. यदि ऐसा होता तो आवेदन के दौरान ही उनके व्यक्तिगत विवरण को मिलाते हुए अप्रैल परीक्षा का आवेदन नये आवेदन क्रमांक से रोक लिया जाता. परंतु अब एनटीए ने विद्यार्थियों के डाटा को मिलान कर अप्रैल परीक्षा के नये आवेदन को डुप्लीकेट मानकर परिणाम रोक दिया है. इन विद्यार्थियों के सामने भविष्य में यह एक चुनौती आ गयी है कि न तो इनके अप्रैल आवेदन पर नयी ऑल इंडिया रैंक जारी नहीं की जा सकती है और आगे बदलाव भी नहीं किया जा सकता.

काफी संख्या में स्टूडेंट्स ने अलग रजिस्ट्रेशन कर दी अप्रैल सत्र की परीक्षा

अप्रैल सेशन के लिए 10 लाख 67 हजार 959 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, जिनमें 8 लाख 22 हजार 899 विद्यार्थियों ने अप्रैल के साथ-साथ जनवरी की परीक्षा भी दी. इसके अतिरिक्त 2 लाख 45 हजार 60 विद्यार्थी ऐसे रहे जिन्होंने अप्रैल परीक्षा के लिए आवेदन कर परीक्षा दी. 2 लाख 45 हजार विद्यार्थियों में से सैकड़ों विद्यार्थी ऐसे हैं, जिन्होंने जनवरी और अप्रैल परीक्षा अलग-अलग रजिस्ट्रेशन नंबर से परीक्षा दी. इन्हीं विद्यार्थियों के डाटा को मैच करने के बाद डुप्लीकेट एप्लीकेशन मानते हुए रिजल्ट जारी नहीं किया गया है.

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