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Bihar: दवाओं की कीमतें 20 प्रतिशत तक बढ़ी, इन बीमारियों का इलाज हुआ महंगा

Bihar में एक बार फिर दवा महंगी हो गयी है. करीब डेढ माह पहले ही बिहार में दवाओं के दाम बढ़े थे. एक बार फिर एक अप्रैल से जरूरी दवाओं के दाम बढ़ाई गयी है.

Bihar आनंद तिवारी, पटना. ब्लड प्रेशर, माइग्रेन, पेट और हार्ट से जुड़ी बीमारियों की दवाओं के लिए मरीजों को और जेब ढीली करनी होगी. क्योंकि जरूरी दवाओं की कीमतों में इजाफा कर दिया गया है. इसमें पेन किलर्स से लेकर एंटीबायोटिक तक शामिल हैं. कंपनियों की मनमानी से करीब एक दर्जन दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ नये बैच की दवाएं भी मार्केट में भेजी जा रही हैं. हालांकि नयी कीमत की दवाएं एक अप्रैल से लागू होंगी. जानकारों की मानें तो दवा कंपनियों को एनुअल होलसेल प्राइस इंडेक्स में बदलाव के कारण दवाओं की कीमत में बढ़ोतरी हुई है. कुल 10 से 12 फीसदी तक दवा के रेट में इजाफा करने का निर्णय लिया गया है.

अस्थमा, खांसी व सांस लेने वाली दवा की कीमतों में इजाफा

माइग्रेन की दवा नेक्स्डॉम की कीमत में प्रति स्ट्रिप 15 रुपये का इजाफा हुआ है. अस्थमा, खांसी, सांस लेने में दिक्कत में दी जाने वाली दवा ऐसीफ्लो 250 ट्रांसकैप्स की प्रति स्ट्रिप की कीमतों में 47 रुपये की वृद्धि हुई है. इसी तरह पेट दर्द की दवा टेलसार्टन सिटी की प्रत्येक स्ट्रिप में 53 रुपये का इजाफा हुआ है. ओफ्लोक्स ओजेड एंडीबैक्टीरियल दवा है, इसकी कीमत में 16 रुपये प्रति स्ट्रिप की वृद्धि हुई है. जबकि इन सभी दवाओं की कीमतों में डेढ़ महीने पहले 10 प्रतिशत का इजाफा किया गया था.

किस दवा पर कितनी बढ़ोतरी

दवा का नाम – नयी कीमत – पुरानी कीमत

  • नेक्स्टडॉम – 171 – 156
  • एसीफ्लो ट्रांसकैप्स – 525 – 478
  • ओफ्लोक्स ओजेड – 181 – 165
  • पेंटसिड सीएसआर – 229 – 215
  • टेलप्लस – 171 – 156
  • सिपलार एलए20 – 62 – 56
  • कैल्विट – 112 – 102
  • नोट : ये कीमत एक स्ट्रिप यानी एक पत्ता की है

बार-बार कीमतें बढ़ने से कारोबारियों में भ्रम

बिहार रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव संजय भदानी ने कहा कि दवा कंपनियां अधिकतम 10 प्रतिशत कीमत साल में एक बार बढ़ा सकती हैं. लेकिन वे कई बार कीमतें बढ़ा रही हैं, इससे भ्रम होता है. वहीं बिहार ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के प्रशासनिक सचिव तरुण कुमार सिंह ने कहा कि होल सेल प्राइस इनडेक्स का सरकार की ओर से हर साल रिव्यू होता है. इसके तहत 10 से 12 फीसदी तक दवाओं के दाम में वृद्धि होती है. बढ़ी हुई कीमत एक अप्रैल से लागू होगी.

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दवाओं की कीमतें केंद्र से होती हैं तय

औषधि नियंत्रक प्रशासन के जिला सहायक औषधि नियंत्रक डॉ सच्चिदानंद विक्रांत ने कहा कि दवाओं की कीमतें केंद्र से तय होती हैं. पटना में तय कीमत से ज्यादा पर दवाओं की बिक्री नहीं हो रही है. कोई शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी. इतना ही नहीं अगर दवाओं के किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलती है, वैसे मामलों पर कई बार कार्रवाई की जा चुकी है.

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