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105 नालों की प्री मॉनसून निगरानी शुरू

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने बिहार के शहरों की गंदगी को सीधे नदियों में प्रवाहित करने वाले सूबे के 105 बड़े नालों की निगरानी शुरू कर दी है.

गंगा व उसकी सहायक नदियों में सीधे गंदगी प्रवाहित करने वाले 105 नालों की प्री मॉनसून निगरानी शुरू – केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 21 मई से 20 जून तक निगरानी का कैलेंडर किया तैयार, राज्य सरकार के पदाधिकारी भी रहेंगे साथ – पर्षद के विशेषज्ञ संबंधित नालों के जलग्रहण क्षेत्रों का पता लगाने के साथ ही प्रदूषण के स्रोतों की लेंगे विस्तृत जानकारी संवाददाता, पटना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने बिहार के शहरों की गंदगी को सीधे नदियों में प्रवाहित करने वाले सूबे के 105 बड़े नालों की निगरानी शुरू कर दी है. यह प्री मॉनसून निगरानी 21 मई से 20 जून 2024 तक अलग-अलग टीमों के द्वारा की जा रही है. इस दौरान पर्षद के विशेषज्ञों की टीम संबंधित नालों के जलग्रहण क्षेत्रों का पता लगाने के साथ ही प्रदूषण के स्रोतों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करेगी. कुल 105 बड़े नालों में से 68 नालों का गंदा पानी सीधे गंगा नदी व उसकी सहायक धाराओं में, जबकि 37 नालों का पानी अन्य नदियों सोन, घाघरा, पुनपुन, पंचाने, किऊल व बूढ़ी गंडक सहित उसकी सहायक धाराओं में गिरता है. पर्षद ने इस निगरानी में बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग से भी सहयोग की अपील की है. नालों व नदियों के नमूने लेकर प्रयोगशाला में होगी जांच निरीक्षण के दौरान विशेषज्ञों का दल नालों का पानी नदियों में गिरने से पहले उसकी गंदगी को नष्ट किये जाने को लेकर अपनाये गये जैविक उपचार उपायों की जानकारी लेगा और उपचारित पानी के नमूने एकत्र कर उसकी जांच करेगा. यदि मौजूदा नाले के निकट किसी नये नाले की पहचान की जाती है तो उसकी भी निगरानी कर नमूने इकट्ठे किये जायेंगे. निगरानी टीम को गूगल मैप की साइट पर निगरानी स्थानों को दर्ज करना होगा. नाली के नमूने एकत्रित कर उनको संरक्षित रखा जायेगा. नालों के पानी को उसके रंग, तापमान से लेकर उसमें समाहित रसायनों बीओपी, टीडीएस, क्लोराइड, सल्फेट, फॉस्फेट, नाइट्रेट आदि की मात्रा का आकलन किया जायेगा. नदियों के पानी को भी इसी आधार पर परखा जायेगा. टीम को जांच के पांच दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट पर्षद को सौंपनी होगी. पटना जिले में सबसे अधिक 40 नाले जिन नालों को निगरानी के लिए चिह्नित किया गया है, उनमें सर्वाधिक 40 नाले पटना जिले के पटना शहर, फतुहा, बाढ़, मोकामा, मनेर व दानापुर के हैं. इनके साथ ही बक्सर, दिघवारा, आरा, छपरा, नबीनगर, डालमियानगर, औरंगाबाद, नासरीगंज, अरवल, बिहारशरीफ, लखीसराय, जमुई, मुंगेर, सुल्तानगंज, भागलपुर, कहलगांव, गोपालगंज, बगहा, मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर के नालों की भी निगरानी होगी. ………………….. नालों की मॉनिटरिंग का ऐसा होगा कैलेंडर नदियां व उससे जुड़े नाले@निरीक्षण की तारीख कर्मनाशा नदी (बक्सर-चौसा), थोरा नदी और सोन नदी से जुड़े 11 नाले : 21 से 23 मई घाघरा नदी व गंडक नदी से जुड़े 19 नाले : 21 से 23 मई पुनपुन व फल्गु नदी से जुड़े 09 नाले : 28 से 30 मई सोन कैनाल से जुड़े 17 नाले : 28 से 30 मई पंचाने व किऊल नदी से जुड़े 16 नाले : 04 से 07 जून बूढ़ी गंडक नदी से जुड़े 15 नाले : 04 से 07 जून तक कोशी नदी व कारी कोशी से जुड़े 10 नाले : 11 से 13 जून तक गंडक, बूढ़ी गंडक व सोन नदी से जुड़े आठ नाले : 18 से 20 जून तक

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