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बरौनी में उद्योग को लेकर क्यों गंभीर हैं सीएम नीतीश कुमार? प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह का जानें कनेक्शन

नीतीश कुमारी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बरौनी में सॉफ्ट ड्रिंक फैक्ट्री को हरी झंडी मिली है. बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह भी बरौनी में उद्योगों को लेकर बेहद सक्रिय रहे. जानिये कैसे उनकी राह पर निकले हैं नीतीश कुमार...

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बरौनी को नया सौगात मिला. बरौनी में 278.85 करोड़ की लागत से सॉफ्ट ड्रिंक की फैक्ट्री लगेगी. राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह बरौनी में उद्योग का जाल बिछाने का प्रयास किया था. जानते हैं बरौनी को सौगात देकर नीतीश कुमार ने श्रीकृष्ण सिंह के प्रयास को बल दिया है.

बेगूसराय के बरौनी में कार्बोनेट सॉफ्ट ड्रिंक की फैक्ट्री लगेगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसे हरी झंडी मिली है. मेसर्स वारूण बेबरेज लिमिटेड यहां फैक्ट्री लगाएगी. इसके लिए 278.85 करोड‍़ के निजी पूंजी निवेश और वित्तिय प्रोत्साहन क्लीयरेंस की स्वीकृति दे दी गयी है. बरौनी में उद्योग लगाने के नीतीश कुमार के इस कदम से बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के प्रयासों को बल मिलता है. श्रीकृष्ण सिंह उद्योग के लिए बरौनी पर विशेष ध्यान देते रहे. नीतीश कुमार श्रीकृष्ण सिंह की राह पर निकलते दिख रहे हैं.

बरौनी को रिफाइनरी ने एक अलग पहचान दी. यह रिफाइनरी बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के ही प्रयासों से बरौनी को मिल पाया था. आज भी बरौनी रिफाइनरी टाउनशीप गेट से प्रवेश करते ही श्रीकृष्ण बाबू की प्रतिमा उनके इस प्रयासों की याद दिलाता है. आजादी के बाद श्रीबाबू संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. बेगूसराय व बरौनी के विकास को लेकर श्रीबाबू का प्रयास हमेसा याद किया जाता है. उन दिनों तेल उत्पदान केंद्र जो असम में था लेकिन तत्कालिक केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि असम से बाहर एक रिफाइनरी बनाया जाएगा. इसकी दावेदारी को लेकर होड़ में कई राज्य आए लेकिन बाजी बिहार ने मारी और ये श्रीकृष्ण सिंह ही थे जो बरौनी पर अड़े थे.

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तेल उत्पादन क्षेत्र असम में लेकिन तेल सफाई के लिए कारखाना खुला बरौनी में. इसका श्रेय श्रीबाबू को ही जाता है. केंद्र सरकार ने तब स्पष्ट कर दिया था कि असम से बाहर ही बनेगा रिफाइनरी, और तमाम राज्यों की होड़ के बीच बाजी श्रीबाबू ने मारी थी. इसमें जब बाधा आइ तो श्रीबाबू ने केंद्र तक पर भौंह कड़ा किया था.अथक प्रयासों के बाद वो सपना धरातल पर साकार दिखा और बरौनी में रिफाइनरी का शुभारंभ हुआ था. इसके साथ ही खाद की फैक्ट्री भी श्रीकृष्ण सिंह ने बरौनी में ही लगवाइ थी.

बरौनी को उद्योग से मजबूत करने का संकल्प किस तरह श्रीकृष्ण सिंह के अंदर रहा होगा ये इस बात से जाना जा सकता है कि जब गंगा पर पहला पुल बनना तय हुआ तो ये पटना के आस-पास ही बनना था लेकिन श्री बाबू ने इसे पटना जिला के मोकामा और बेगूसराय के बीच बनवाया. सिमरिया में तैयार इस पुल ने ही तय कर दिया था कि बेगूसराय व आस-पास के जिलों का विकास तय है. आज नीतीश कुमार ने बरौनी में एक और उद्योग को हरी झंडी देकर श्रीबाबू के प्रयासों को बल दिया है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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