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ऑपरेशन बुलडोजर: नेपाली नगर मामले की जांच एसआइटी को दे दी जाये, हाईकोर्ट ने सरकार को दी सलाह

महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच इओयू कर रही है. अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस अपना काम कर रही है. इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर संभव हो, तो इस पूरे मामले की जांच एसआइटी को दे दी जाये.

पटना. हाइकोर्ट ने महाधिवक्ता से पूछा कि नेपाली नगर की जमीन को जिन को-ऑपरेटिव वालों ने आम लोगों को गैरकानूनी तरीके से बेचा, उनमें कितने को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किया है. इस पर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच इओयू कर रही है. अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस अपना काम कर रही है. इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर संभव हो, तो इस पूरे मामले की जांच एसआइटी को दे दी जाये. वह तुरंत आरोपितों को गिरफ्तार कर लेगी. उन्होंने कहा कि अभी एसआइटी अपना काम सही और त्वरित कर रही है.

अफसरों से बात करेंगे : महाधिवक्ता

महाधिवक्ता ने कहा कि वह इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे. इसके पहले नेपाली नगर क्षेत्र में मकानों को तोड़े जाने को लेकर दायर रिट याचिका पर सुनवाई हुई. अब इस मामले पर फिर 23 अगस्त को फिर सुनवाई की जायेगी. न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ इस मामलें को लेकर दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही है.

एसआइटी आरोपितों को गिरफ्तार कर लेगी

अदालत को सहयोग के लिए नियुक्त एमिकस क्यूरी अधिवक्ता संतोष कुमार ने कोर्ट में कहा कि यह याचिका सुनवाई के योग्य है. नेपाली नगर में मकान बनाकर रह रहे लोगों को हटाने की कार्रवाई सही नहीं थी. इसके पूर्व संचार माध्यमों में उन्हें नोटिस देकर जानकारी देनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि नागरिकों को मनमाने ढंग से नहीं हटाया जा सकता है. हटाने के पहले या तो उन्हें उचित मुआवजा दिया जाये या उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था किया जाये.

आनन- फानन में कार्रवाई कर दी गयी

उन्होंने बताया कि राजीव नगर व नेपाली नगर की जमीन के मामले में जो भी नियम 2010 या 2014 में बनाया गया था, उसी के खिलाफ काम किया है. वहां न तो नोटिस दिया गया और न ही उनका पक्ष ही सुना गया. आनन- फानन में कार्रवाई कर दी गयी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट समेत कई हाइकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि यह कार्य गलत और गैरकानूनी प्रतीत होता है.

आवास बोर्ड के अधिवक्ता ने कहा, इस क्षेत्र में मकान निर्माण अवैध

याचिकाकर्ता के साथ ही राज्य सरकार व आवास बोर्ड के अधिवक्ता ने बहस पूरा कर लिया है. मंगलवार को भी आवास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता पीके शाही ने कहा कि इस क्षेत्र में जो भी मकान बने हैं, उनका निर्माण अवैध है. बोर्ड की 400 एकड़ जमीन पर जो भी नियमों का उल्लंघन कर मकान बनाये हैं, उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया गया था, पर वे उपस्थित नहीं हुए. याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है.

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