पटना. जाति गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू होगा. यह 15 मई तक चलेगा. इसमें हर घर जाकर परिवार के सदस्यों का डिटेल लिया जायेगा. गणना कर्मी 17 बिंदुओं पर परिवारों से जानकारी लेंगे. परिवार के सदस्यों का डिटेल भरने के लिए पटना जिले में चार्ज पदाधिकारियों द्वारा गणना कर्मियों व पर्यवेक्षकों को फॉर्मेट बांटने का काम हो रहा है.
डीएम ने जूम के माध्यम से तैयारियों का लिया जायजा
गणना के लिए पटना जिले में 12741 प्रगणक व 2139 पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये हैं. गुरुवार को डीएम ने जूम के माध्यम से तैयारियों को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण का काम मोबाइल एप, गणना प्रपत्रों व पोर्टल के माध्यम से होना है. इसलिए गणना कर्मियों को गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण मिला है.
11 कोषांगों का गठन
डमी आंकड़ों से दोहरी प्रविष्टि की जांच की जायेगी. जाति गणना के सुचारु संचालन के लिए 11 कोषांगों का गठन किया गया है. वह स्वयं व सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी भी क्षेत्र भ्रमण करेंगे व लोगों व गणना में संलग्न पदाधिकारियों से बातचीत करेंगे.
वैश्य की 56 उपजातियां को एक कोड में शामिल करने की मांग
अंतरराष्ट्रीय वैश्य महा सम्मेलन के बिहार अध्यक्ष व भाजपा कार्यसमिति के सदस्य प्रो (डॉ) जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ने बनिया (वैश्य) की 56 उपजातियाें को कोड 122 में शामिल करने की मांग की है. इसके लिए संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव से मिल कर ज्ञापन सौंपेगा.
बिहार में बनिया की कुल आबादी 27 प्रतिशत है
प्रो (डॉ) जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ने बनिया की कुछ जातियों को एक ही 122 नंबर कोड में लाया गया है, जबकि बनिया (वैश्य) की उपजातियां को अन्य कोड आवंटित किया गया है. उन्होंने कहा कि बनिया की सभी उप जातियों को 122 कोड में लाने से वैश्य समाज की आबादी झलकेगी. बिहार में बनिया की कुल आबादी 27 प्रतिशत है.