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बिहार में पुस्तकालयों की हालत बेहद खराब पर कोई नहीं लेता सुध, दशकों से नहीं हुई लाइब्रेरियन के 10 हजार पदों पर बहाली

राज्य में लाइब्रेरियन की बहाली दशकों से नहीं हुई है. करीब दस हजार से अधिक लाइब्रेरियन के पद खाली बताये जा रहे हैं. इसमें राज्य की विभिन्न लाइब्रेरियों समेत स्कूल, विश्वविद्यालय व कॉलेजों की लाइब्रेरियां शामिल हैं. कॉलेजों में तो चपरासी या क्लर्क लाइब्रेरी का काम कर रहे हैं. कुछ जगहों पर एडहॉक बेसिस पर कुछ कर्मी लाइब्रेरी संभाल रहे हैं.

अमित कुमार, पटना: राज्य में लाइब्रेरियन की बहाली दशकों से नहीं हुई है. करीब दस हजार से अधिक लाइब्रेरियन के पद खाली बताये जा रहे हैं. इसमें राज्य की विभिन्न लाइब्रेरियों समेत स्कूल, विश्वविद्यालय व कॉलेजों की लाइब्रेरियां शामिल हैं. कॉलेजों में तो चपरासी या क्लर्क लाइब्रेरी का काम कर रहे हैं. कुछ जगहों पर एडहॉक बेसिस पर कुछ कर्मी लाइब्रेरी संभाल रहे हैं.

लाइब्रेरी की हालत होती जा रही खस्ता

लाइब्रेरी की हालत दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है. लाइब्रेरी के ठीक से रखरखाव नहीं होने से पुरानी किताबें खराब हो रही हैं. नैक को लेकर जब लाइब्रेरी के ऑटोमेशन का काम शुरू हुआ, तो कई कॉलेजों में लाइब्रेरी की बड़ी संख्या में किताबें खराब हो चुकी थीं, जो पढ़ने लायक नहीं बची हैं. लाइब्रेरी की हालत देख कर छात्र भी यहां आने से बचते हैं.

उपमुख्यमंत्री से शिक्षा मंत्री तक लगा चुके हैं गुहार

लाइब्रेरियन बहाली की मांग को लेकर ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरी एसोसिएशन बिहार प्रदेश कमेटी के सदस्य व लाइब्रेरी अभ्यर्थी उपमुख्यमंत्री रेणु देवी से लेकर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी समेत कई मंत्री, नेता व अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं. अपनी मांगों का ज्ञापन भी उन्हें सौंपा है, लेकिन इस संबंध में कुछ होता नहीं दिख रहा है.

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पुस्तकालय अध्यक्षों के नियुक्ति की जरुरत

ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरी एसोसिएशन बिहार प्रदेश अध्यक्ष विकास चंद्र सिंह बताते हैं कि राज्य के जिन माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकालय अध्यक्ष का पद सृजित नहीं किया गया है. उसमें अविलंब पद सृजित कर पुस्तकालय अध्यक्ष की नियुक्ति की भी अभ्यर्थी मांग कर चुके हैं. क्योंकि वर्तमान में जितनी लाइब्रेरी स्कूल-कॉलेजों में हैं, उतनी संख्या में पद नहीं हैं.

लगातार रिटायर हो रहे हैं लाइब्रेरियन

विश्वविद्यालय व कॉलेजों में लाइब्रेरियन की बहाली कई दशक से नहीं हुई है. लगातार लाइब्रेरियन रिटायर हो रहे हैं. आउटसोर्सिंग कर्मियों से काम चलाना पड़ रहा है. कहीं किसी कॉलेज में अब लाइब्रेरियन नहीं बचे हैं, वहां फोर्थ ग्रेड व थर्ड ग्रेड के कर्मी लाइब्रेरी का काम देखते हैं. नये लाइब्रेरियन की बहाली की जानी चाहिए, ताकि लाइब्रेरी सुचारू रूप से चले.

प्रो अभय कुमार, निदेशक, पटना विश्वविद्यालय मुख्य लाइब्रेरी

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