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परदेस से आनेवाले मजदूरों को बिहार सरकार देगी रोजगार, श्रम विभाग ने तैयार की योजनाएं, जारी किया टॉल फ्री नंबर

राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए रोजगार का बंदोबस्त करने की कवायद शुरू कर दी है. इसके अंतर्गत तुरंत रोजगार मुहैया कराने वाले सभी संबंधित विभागों को शिद्दत से कहा गया है कि वे अपने यहां चल रही तमाम योजनाओं की पूरी सूची और इनके माध्यम से पैदा होने वाले रोजगार के सभी संभव अवसरों की रूपरेखा जल्द तैयार कर लें.

कौशिक रंजन, पटना. राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए रोजगार का बंदोबस्त करने की कवायद शुरू कर दी है. इसके अंतर्गत तुरंत रोजगार मुहैया कराने वाले सभी संबंधित विभागों को शिद्दत से कहा गया है कि वे अपने यहां चल रही तमाम योजनाओं की पूरी सूची और इनके माध्यम से पैदा होने वाले रोजगार के सभी संभव अवसरों की रूपरेखा जल्द तैयार कर लें.

इसमें मुख्य रूप से निर्माण से जुड़े और रोजगार परख विभाग शामिल हैं, मसलन ग्रामीण कार्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग शामिल हैं. इन संबंधित विभागों ने रोजगार के अवसरों से जुड़ी सूची तैयार करने की कवायद तेज कर दी है. इसे लेकर कई विभागों में बैठक भी की गयी है.

महाराष्ट्र में लॉकडाउन जैसे हालात को देखते हुए बिहार में अप्रवासी कामगारों की संख्या आने वाले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ने के आसार बढ़ गये हैं. इसके मद्देनजर सभी संबंधित विभागों ने इसे लेकर अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है. कार्य विभाग अपने अनुमंडलीय अधिक्षण अभियंता के कार्यालयों में योजनाओं का नाम, कार्य स्थल और ठेकेदार का नाम फोन नंबर समेत पूरी सूची प्रदर्शित की जायेगी. ताकि रोजगार मांगने वालों को समुचित जानकारी मिल सके.

इसमें ग्रामीण कार्य विभाग में सड़क बंदोबस्ती या निर्माण के अलावा पथ निर्माण में सड़क निर्माण से जुड़ी तमाम योजनाएं शामिल हैं. ग्रामीण विकास विभाग में मनरेगा के अंतर्गत पौधारोपण समेत अन्य सभी तरह के कार्य शामिल हैं.

इन कार्यों के जरिये रोजाना मजदूरी का बंदोबस्ती हो सकेगा. साथ ही इसमें हुनरमंद कामकारों के लिए भी रोजगार की समुचित व्यवस्था करने की रूपरेखा तैयार की गयी है. पिछले बार के लॉकडाउन के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इस बार सरकार की तैयारी है कि आने के साथ ही लोगों को उचित रोजगार मिल सके. उन्हें ज्यादा दिनों तक इसके लिए इंतजार नहीं करना पड़े.

ये हैं योजनाएं

  • भवन निर्माण से जुड़े कामगार हैं, वे अपना निबंधन करा सकते हैं. इसमें राजमिस्त्री, मजदूर, इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर आदि निबंधन करा सकते हैं. भवन निर्माण कामगारों को श्रम संसाधन की ओर से कपड़ा और स्वास्थ्य मद में सालाना 55 सौ सालाना देता है.

  • कामगारों को औजार खरीदने के लिए भी सहायता दी जाती है. साथ ही बच्चों की पढ़ाई, श्रमिकों की मौत या अपंगता आदि में भी सरकार की ओर से सहायता दी जाती है.

  • विभाग के पास अभी जानकारी आयी है कुछ प्रवासी दोबारा बिहार से जाने लगे हैं. वैसे श्रमिकों को बिहार सरकार की ओर से बताया जा रहा है कि वे प्रवासी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना में किसी प्रवासी की मौत होने पर एक लाख की सहायता दी जाती है, जबकि अपंगता पर 75 हजार रुपये तक सरकार सहायता देती है.

श्रम विभाग ने जारी किया टॉल फ्री नंबर

श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह ने कोरोना व कई राज्यों में हुए लॉकडाउन को देखते हुए प्रवासी श्रमिकों के लिए टॉल फ्री नंबर जारी किया है. उन्होंने कहा कि 18003456138 टॉल फ्री नंबर पर अधिकारी व कर्मी लोगों के पूछे गये सवालों का जवाब देंगे और उनकी सहायता करेंगे. इसके लिए विभाग ने 30 अप्रैल तक का ड्यूटी रोस्टर जारी किया है, जिसमें सभी अधिकारियों के काम को बांटा गया है. यह नंबर 24 घंटे काम करेगा. इस नंबर पर बिहार आने वाले श्रमिकों को पूरी जानकारी दी जायेगी और उनका सहयोग किया जायेगा.

बिहार लौटने वालों को मिलेगी रोजगार की जानकारी

कोरोना काल में अगर कोई बिहारी लौटकर आता है, तो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. इसको लेकर श्रम विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. विभाग के पोर्टल व वेबसाइट पर निबंधित श्रमिकों को अब फिर से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जायेगी. दरअसल कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर एक बार फिर से कुछ राज्यों में लॉकडाउन लगा है और यहां के श्रमिक दोबारा से लौटने को मजबूर हो रहे है.

25 लाख से अधिक का हुआ था निबंधन

इस पोर्टल के माध्यम से पिछली बार 25 लाख से अधिक मजदूरों का निबंधन किया गया था और उन्हें सरकार योजनाओं का लाभ भी दिया गया था.

तैयार किया है पोर्टल

बिहार लौटे प्रवासी कामगारों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए श्रम संसाधन ने 2020 में एक पोर्टल विकसित किया है. चूंकि कोरोना के पहले श्रम संसाधन के पास प्रवासियों का आंकड़ा भी नहीं था.इसलिए प्रवासियों की संख्या जानने के लिए विभाग ने पोर्टल औऱ वेबसाइट के माध्यम से प्रवासियों का निबंधन शुरू किया था, दोबारा से इसी पोर्टल के माध्यम से निबंधन करने की तैयारी हो रही है.

Posted by Ashish Jha

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