पटना: श्रीकृष्णापुरी थाने के मांटेसरी गली में एजुकेशनल कंसलटेंसी संचालक सोनू सिंह (दरभंगा, लहेरियासराय) ने नाइन एमएम पिस्टल से अपने सिर में गोली मार कर खुदकुशी कर ली. शव को पुलिस ने 16 मार्च को उसके कमरे से बरामद किया. वहां से पुलिस ने नाइन एमएम की पिस्टल, शराब की बोतल, सिगरेट व नींद की गोली बरामद की है. घटना 12 मार्च की है, क्योंकि उस दिन के बाद से किसी ने सोनू को देखा नहीं था. खास बात यह कि उसी दिन उसका जन्म दिन भी था.
मामले की जानकारी मकान में रहने वाले लोगों को उस समय हुई,जब कमरे के अंदर से बदबू आने लगी. मकान मालिक एससी पटेल (दानापुर रेल में सीनियर सेक्शन इंजीनियर) व सोनू के सामने के कमरे में रहने वाली मीना (नॉन बैंकिंग कंपनी में कर्मी) को लगा कि नाली में कोई चूहा मर गया है, जिसके कारण बदबू आ रही है, लेकिन नाली साफ कराने के बाद भी बदबू कम होने के बजाय और बढ़ता चला गया. इसी बीच सोनू सिंह का कमरा भी बंद था. उसे जब 16 मार्च को खोलने का प्रयास किया और आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. सभी लोगों को कुछ गड़बड़ी की आशंका हुई और श्रीकृष्णापुरी पुलिस को मामले की जानकारी दी गयी. पुलिस पहुंची और जब कमरे को खोला गया तो अंदर सोनू मृत पड़ा था और उसके बगल में नाइन एम एम पिस्टल रखा हुआ था. घटना की जानकारी मिलने पर सोनू का भाई मृत्युंजय पहुंचा और उसने पुलिस के समक्ष हत्या किये जाने की आशंका जताते हुए श्रीकृष्णापुरी थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी.
श्रीकृष्णापुरी थानाध्यक्ष ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने बताया कि जांच के क्रम में प्रथम दृष्टया मामला खुदकुशी का लगता है. उन्होंने बताया कि पिस्टल अवैध है. सोनू सिंह बोरिंग रोड स्थित वर्मा कॉम्प्लेक्स में वैष्णवी एजुकेशनल डेवलपर सोसाइटी नाम से एजुकेशनल कंसलटेंसी दो साल से चला रहे थे.
इसमें उनके साथ और लोग भी पार्टनर है. एक पार्टनर व कंसलटेंसी के निदेशक संतोष सिंह से सोनू की अंतिम बातचीत मोबाइल फोन पर 12 मार्च को हुई थी. इसी दिन मकान मालिक एससी पटेल ने भी सोनू को अंतिम बार बिसलेरी के पानी का बोतल कमरे में ले जाते हुए देखा था.
ग्राउंड फ्लोर पर रहता था सोनू
एससी पटेल के तीन मंजिले मकान में सोनू ग्राउंड फ्लोर पर अपने दोस्त अनिल कुमार (बोकारो चास निवासी) के साथ रहता था. अनिल 25 दिन पहले ही अपने घर गया हुआ था और वापस पटना नहीं लौटा था. सोनू पटना आने से पूर्व देवघर में रहता था और वहीं व्यवसाय करता था. दो साल से वह पटना में रह रहा था, लेकिन वह हमेशा वहां आया-जाया करता था. लेकिन, वह किस लिए वहां जाता था, इसके संबंध में किसी को भी जानकारी नहीं है.