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कैबिनेट के फैसले : 7वें वेतनमान पर मुहर, न्यूनतम वेतन 18,000

पटना : राज्य सरकार ने अपने सभी स्तर के कर्मियों को सातवां वेतनमान देने का फैसला किया है. केंद्र के तर्ज पर राज्यकर्मियों के भी मूल वेतनमान को बढ़ा कर 2.57 गुना किया गया है. अब न्यूनतम वेतन 5200 रुपये से बढ़ कर 18 हजार रुपये हो जायेगा. एक अप्रैल, 2017 के प्रभाव से राज्यकर्मियों […]

पटना : राज्य सरकार ने अपने सभी स्तर के कर्मियों को सातवां वेतनमान देने का फैसला किया है. केंद्र के तर्ज पर राज्यकर्मियों के भी मूल वेतनमान को बढ़ा कर 2.57 गुना किया गया है. अब न्यूनतम वेतन 5200 रुपये से बढ़ कर 18 हजार रुपये हो जायेगा. एक अप्रैल, 2017 के प्रभाव से राज्यकर्मियों को इसका आर्थिक लाभ मिलेगा, जबकि सैद्धांतिक तौर पर एक जनवरी, 2016 से इसे प्रभावी माना जायेगा. अगर वेतन वृद्धि की बात प्रतिशत में की जाये, तो यह 14-15% होगा.
ग्रेड-पे को वेतनमान में मर्ज करने के बाद स्तर के रूप श्रेणीबद्ध कर दिया गया है. इसमें 14 स्तर तक पे-स्केल बनाया गया है. इसके अलावा ग्रेच्युटी 10 लाख से बढ़ा कर 20 लाख रुपये कर दी गयी है. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इस पर मुहर लगायी गयी.
बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ने ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि बैठक में 19 मसलों पर सहमति बनी. राज्य वेतन आयोग की सिफारिशों की समीक्षा करने के बाद इसे लागू करने के लिए पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग की अध्यक्षता में जो वेतन आयोग का गठन किया गया था, इसके कार्यकाल को दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.
भत्तों पर अभी निर्णय नहीं
सातवें वेतनमान के तहत अभी सिर्फ मूल वेतनमान में बढ़ोतरी करने को लेकर फैसला लिया गया है. इसमें आवास, यात्रा, चिकित्सा समेत अन्य भत्तों में बढ़ोतरी को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है, क्योंकि केंद्र सरकार ने भी अब तक किसी तरह के भत्तों में बढ़ोतरी करने से संबंधित कोई अधिसूचना जारी नहीं की है. केंद्रीय अधिसूचना के जारी होने के बाद ही राज्य स्तर पर कोई निर्णय लिया जायेगा. वेतनमान पर मुहर लगने के साथ ही इस महीने के अंत तक इसकी अधिसूचना जारी हो जायेगी और कर्मियों को इसका लाभ भी मिल जायेगा. जिन ट्रेंड नियोजित शिक्षकों को वेतनमान के समान लाभ मिलता है, उन्हें भी सातवें वेतनमान का लाभ राज्य कर्मचारियों के बराबर ही मिलेगा. इनका भी मूल वेतन बढ़ कर 2.57 गुना हो जायेगा.
सैद्धांतिक और आर्थिक लाभ में 15 माह का अंतर
राज्यकर्मियों को सातवें वेतनमान का सैद्धांतिक (नोशनल) लाभ एक जनवरी, 2016 से, जबकि आर्थिक लाभ एक अप्रैल, 2017 से मिलेगा. इस तरह वैचारिक और आर्थिक लाभ में 15 माह का अंतर होगा. वैचारिक लाभ मिलने से कर्मियों को एक इंक्रीमेंट का लाभ कुछ महीनों में ही मिलेगा, जबकि आर्थिक लाभ 15 महीनों की देरी से मिलने से इतने दिनों के एरियर का नुकसान होगा. कर्मियों को अप्रैल से ही एरियर या बकाया मिलेगा. छठे वेतनमान का लाभ मिलने के दौरान भी इन्हें 15 माह के एरियर का नुकसान हुआ था.
Rs 6500 करोड़ का अतिरिक्त बोझ
सातवां वेतनमान लागू करने से राज्य सरकार के खजाने पर सालाना 6500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. अभी राज्य में तीन लाख 65 हजार सरकारी कर्मचारी और करीब छह लाख पेंशनर हैं, जिनके वेतन व पेंशन मद में अब सालाना पांच हजार करोड़ रुपये अधिक खर्च होंगे. इसके अलावा वेतनमान के अनुरूप वेतन पानेवाले ट्रेंड शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ देने में सरकारी खजाने पर डेढ़ करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
भत्तों पर अभी िनर्णय नहीं, केंद्र की अधिसूचना का इंतजार
ग्रेच्युटी 10 लाख से बढ़ कर हुई 20 लाख रुपये
3.65 लाख कर्मचारी और 6 लाख पेंशनरों के अलावा िनयोजित शिक्षकों को भी लाभ
एक अप्रैल, 2017 से आर्थिक लाभ, तो एक जनवरी, 2016 से सैद्धांतिक लाभ
राज्य के खजाने पर 6500 करोड़ रुपये का बढ़ेगा बोझ
िकसे िकतने का लाभ
वेतनमान ग्रेड-पे बढ़ोतरी के बाद
5,200 से 20,200 1800 18,000-56,900 (स्तर-1)
1900 19,900-63,200 (स्तर-2)
2000 21,700-69,100 (स्तर-3)
2400 25,500-81,000 (स्तर-4)
2800 29,200-92,300 (स्तर-5)
9,300-34,800 4200 35,400- 1,12,400 (स्तर-6)
4600 44,900-1,22,500 (स्तर-7)
4800 47,600-1,51,200 (स्तर-8)
5400 53,100-1,67,800 (स्तर-9)
15,600-39,100 6600 67,700-2,08,700 (स्तर-11)
7600 78,800-2,09,200 (स्तर-12)
37,400-67,000 8700 1,18,500- 2,14,100 (स्तर-13)
8900 1,31,100- 2,16,600 (स्तर-13A)
10000 1,44,200-2,18,200 (स्तर-14)

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