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बिल काटा किसी के नाम पर दवा दे दी किसी और को
खुलासा. दवा एजेंसी व एमआर की साठगांठ पटना : राजीव नगर के पाटलिपुत्र स्टेशन के समीप एक कमरे में क्लिनिक चला रहा झोला छाप डॉक्टर अजीत व चित्रगुप्त नगर में स्थित दवा एजेंसी फार्मासिटी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. औषधि नियंत्रक विभाग के अधिकारियों के बयान के आधार पर राजीव नगर थाने में […]
खुलासा. दवा एजेंसी व एमआर की साठगांठ
पटना : राजीव नगर के पाटलिपुत्र स्टेशन के समीप एक कमरे में क्लिनिक चला रहा झोला छाप डॉक्टर अजीत व चित्रगुप्त नगर में स्थित दवा एजेंसी फार्मासिटी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. औषधि नियंत्रक विभाग के अधिकारियों के बयान के आधार पर राजीव नगर थाने में मामला दर्ज किया गया है. बताया जाता है कि उक्त दवा एजेंसी फार्मासिटी का एक बिल व दवाएं उक्त क्लिनिक में बरामद की गयी हैं.
इस मामले में पुलिस व औषधि नियत्रंक विभाग के औषधि निरीक्षक सच्चिदानंद प्रसाद, राजेश कुमार व राजेश गुप्ता की टीम लगातार जांच कर रही है और लगातार नये खुलासे हो रहे हैं. उक्त बरामद बिल खेमनीचक की दवा एजेंसी कैप्टन के नाम पर काटा गया है. इस खुलासे के बाद औषधि नियंत्रक विभाग की टीम दवा एजेंसी फार्मासिटी के कार्यालय पहुंची और मामले की जांच की. इस मामले में अब फार्मासिटी दवा एजेंसी के साथ ही वीनस कंपनी के एमआर की संलिप्तता भी प्रकाश में आयी है.
इसके बाद औषधि विभाग की टीम खेमनीचक स्थित कैप्टन एजेंसी में पहुंची, लेकिन वहां कार्यालय बंद था. टीम कल वहां जांच करने जायेगी. औषधि नियंत्रक विभाग के औषधि निरीक्षक सच्चिदानंद प्रसाद ने बताया कि फार्मासिटी एजेंसी द्वारा कैप्टन एजेंसी के नाम से बिल काटा गया है और उक्त बिल व दवाएं झोला छाप चिकित्सक के क्लिनिक से बरामद की गयी हैं. इसका अर्थ यह है कि वहां रजिस्टर्ड एजेंसी के नाम पर बिल काटा जा रहा है और दूसरों को ये दवाएं दे दी जा रही हैं.
जांच के क्रम में यह बात आयी है कि उक्त बिल व दवाएं वीनस कंपनी के एमआर कृष्ण कुमार को दी गयी थीं और उसने ही वह दवा अजीत कुमार को दे दी थी. फार्मासिटी दवा एजेंसी द्वारा दूसरे के नाम का बिल व दवाएं एमआर को देना गलत है और इसमें फार्मासिटी दवा एजेंसी व एमआर की संलिप्तता है.
उन्होंने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर के साथ ही दवा एजेंसी फार्मासिटी के खिलाफ राजीव नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. राजीव नगर थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार ने भी प्राथमिकी दर्ज किये जाने की पुष्टि की और बताया कि संचालक के नाम की जानकारी ली जा रही है.
इसके बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जायेगी. विदित हो कि औषधि नियंत्रक विभाग व राजीव नगर थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए पाटलिपुत्र स्टेशन के समीप से अजीत कुमार को पकड़ा था. वह मंगल पासवान नाम के जले हुए व्यक्ति का इलाज कर रहा था. इसके बाद वहां से दवाएं व कई दस्तावेज बरामद हुए थे और फिर फार्मासिटी दवा एजेंसी का नाम सामने आया था.
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