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फुलवारीशरीफ में पति ने नहीं छोड़ी शराब तो पत्नी ने पी लिया एसिड

फुलवारीशरीफ : राजधानी के इसापुर में शराबी पति ने नहीं छोड़ी शराब तो पत्नी ने पी ली एसिड. स्थानीय लोगों की मदद से चिंताजनक हालत में उसे पहले शहर के निजी नर्सिंग होम फिर पीएमसीएच में एडमिट कराया गया. जहां इलाज कर रहे चिकित्सकों ने महिला की हालत अत्यंत ही नाजुक बतायी है. अगले 24 […]

फुलवारीशरीफ : राजधानी के इसापुर में शराबी पति ने नहीं छोड़ी शराब तो पत्नी ने पी ली एसिड. स्थानीय लोगों की मदद से चिंताजनक हालत में उसे पहले शहर के निजी नर्सिंग होम फिर पीएमसीएच में एडमिट कराया गया. जहां इलाज कर रहे चिकित्सकों ने महिला की हालत अत्यंत ही नाजुक बतायी है. अगले 24 घंटे महिला की जिंदगी बचाने की लिए अहम बताया जा रहा है. पत्नी को मौत से जूझता देख पति अवाक है.

वहीं उसकी बड़ी हो चुकी बिटिया की हालत ख़राब हो रही है. कभी वह नशेड़ी पिता को घूरती है तो कभी पीएमसीएच में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही मां के सिर को सहलाने लगती है. इस लोमहर्षक घटना जिस परिवार के साथ घटी उसकी आर्थिक स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि रिक्शा की कमाई क्या होती होगी और उस पर भी कमाने वाले शराब और गांजे का आदि हो तो कहने के लिए कुछ भी बचा नहीं रहा जाता.
इसोपुर के मुर्गिया टोला वार्ड नंबर 25 निवासी रिक्शा चालक मो कलाम नशे की लत में ऐसा डूब चुका है कि उसे नशा करने से मना करने वाला सबसे बड़ा दुश्मन नजर आता है. कलाम को बड़ी हो रही बेटी का हवाला देकर पत्नी रेशमा खातून रोज उसे शराब और गांजा पीने से मना करती है तो नशे में डूबा कलाम पत्नी की पिटाई करने लगता था. बिहार में शराब बंदी के बावजूद जब पति कलाम ने शराब पीना नहीं छोड़ा तो पत्नी रेशमा ने आर या पार की लड़ाई का मन बना लिया. रविवार को रेशमा ने पति कलाम को शराब और गांजा पीने से मना किया तो रोजाना की तरह वह फिर पत्नी की जमकर पिटाई करने लगा.
पति के नशे की लत से बिखरते परिवार और अपनी रोज-रोज की पिटाई और दुर्व्यवहार से आजिज हो चुकी रेशमा पति के पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाई और सायानी हो रही बेटी की जिंदगी का वास्ता भी दिया, लेकिन हैवान बन चूके पति ने उसकी एक नहीं सुनी तो आवेश में आकर घर में रखे जहरीला पदार्थ एसिड पी ली. एसिड पीते ही रेशमा की हालत ख़राब होने लगी. इन सबसे अनजान पति कलाम नशे की आगोश में सोता रहा. इधर जब बेटी को मां की बिगड़ती हालत का अंदाजा हुआ तो वह शोर मचाने लगी. बेटी के रोने चिल्लाने की शोर सुनकर मुहल्ले के लोग जागे और पहले स्थानीय निजी नर्सिंग होम में उसे ले गये.
नाजुक स्थिति को देखते हुए निजी नर्सिंग होम के डॉक्टर भी पल्ला झाड़ते हुए एडमिट करने से मना कर दिये. इसके बाद एक से दूसरे नर्सिंग होम की दौड़ के बाद पटना के पीएमसीएच में रेशमा को एडमिट कराया गया. आर्थिक विपन्नता और गरीबी की मार झेल रहे रेशमा के परिवार को अब धरती के भगवान डॉक्टरों और गरीबों के एकमात्र पीएमसीएच के इलाज का ही सहारा है. मुहल्ले के चंद लोग पीएमसीएच में शराबी पति को डांटते फटकारते ऊपर वाले से रेशमा की जिंदगी की दुआ मांग रहे हैं. इस पूरे मामले में बातचीत करने पर फुलवारीशरीफ थानेदार सह ट्रेनी आइपीएस योगेंद्र कुमार ने बताया की हमें भी ऐसी सूचना मिली है.
पुलिस सबसे पहले पीड़िता का सही इलाज कराने के लिए जुटी है. उन्होंने बताया की महिला की जान बचाना सबसे ज्यादा जरूरी है. पुलिस को अब तक किसी तरह की लिखित शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने बताया की शिकायत आने पर कार्रवाई की जायेगी.

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