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कमेटी बनायी और कर दी चार शिक्षकों की नियुक्ति
मसौढ़ी : पुनपुन प्रखंड का पैमार पंचायत में 2003 में तत्कालीन मुखिया राजकिशोर सिंह ने सरकार के द्वारा शिक्षा मित्र की बहाली में दी गयी मार्गदर्शिका के विरुद्ध अपने स्तर से एक कमेटी बना पंचायत स्तर पर प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित कर चार शिक्षकों की नियुक्ति कर दी. इसका खुलासा तब हुआ जब पुनपुन बाजार के […]
मसौढ़ी : पुनपुन प्रखंड का पैमार पंचायत में 2003 में तत्कालीन मुखिया राजकिशोर सिंह ने सरकार के द्वारा शिक्षा मित्र की बहाली में दी गयी मार्गदर्शिका के विरुद्ध अपने स्तर से एक कमेटी बना पंचायत स्तर पर प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित कर चार शिक्षकों की नियुक्ति कर दी. इसका खुलासा तब हुआ जब पुनपुन बाजार के रहने वाले अमर सिंह ने इस बहाली से संबंधित सूचना, सूचना के अधिकार के तहत मांगा .
जानकारी के अनुसार पैमार पंचायत में 2003 में चार शिक्षा मित्रों की नियुक्ति करनी थी. नियुक्ति से संबंधित मार्ग दर्शिका के कंडिका-7 में स्पस्ट उल्लेख है कि मैट्रिक और उसके समकक्ष परीक्षा में प्राप्ताकों के आधार पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन करना है. इसे मुखिया ने भी अपनी बैठक पुस्तिका में दर्ज कराया है, लेकिन मुखिया राजकिशोर सिंह ने एक कमेटी बना नियुक्ति प्रकिया को ही बदल डाला इसके तहत कुल 37 अभ्यर्थियों ने शिक्षा मित्र के लिए आवेदन दिया, जिसमें से 28 आवेदनों को किसी न किसी प्रकार की त्रुटि के वजह से निरस्त कर दिया गया और शेष बचे नौ आवेदकों के बीच लिखित परीक्षा कमेटी द्वारा तैयार प्रश्न पत्र के आधार पर लिया गया. इसमें चार अभ्यर्थी क्रमशः सुनील चौधरी, श्याम नारायण चौधरी, विकास कुमार और आदित्य कुमार दिवाकर की नियुक्ति कर दी गयी .
क्या कहते हैं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी : प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शीला कुमारी ने इस संबंध में बताया कि मामला मेरे कार्यकाल का नहीं है. उन्होंने बहाली में अपनायी गयी प्रक्रिया को गलत बताया, लेकिन इससे संबंधित किसी भी तरह का कोई कागजात उपलब्ध नहीं होने की बात कही.
बीइओ से इसकी जानकारी मांगी गयी है : बीडीओ : बीडीओ अमित कुमार ने बताया कि मामला हाल फिलहाल में मेरे संज्ञान में आया है. बीइओ से इसकी विस्तृत जानकारी मांगी गयी है. इनके द्वारा भी नियुक्ति प्रक्रिया को गलत बताया गया. बीडीओ ने तो यहां तक कह डाला कि इस तरह का अगर मामला है तो इससे संबंधित सभी के विरुद्ध मामला दर्ज किया जायेगा .
जो प्रक्रिया अपनायी गयी, वह गलत नहीं : मुखिया : तत्कालीन मुखिया राजकिशोर सिंह ने बताया बताया कि जो भी प्रक्रिया अपनायी गयी है वह गलत नहीं है. उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के मार्ग दर्शन में ही नियुक्ति की गयी है. इस संबंध में विशेष कुछभी बोलने से बचते रहे. जब उनसे पूछा गया कि उच्च न्यायालय से इस संबंध में कैसे मार्गदर्शन मिला, इस सवाल पर वे चुप्पी साध गये.
तो उनके नियंत्रण कक्ष से बताया गया कि इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क कर लें. जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से उनके सेलफोन पर इस संबंध में जानकारी मांगी गयी तो उनका कहना था कि जिसने इस प्रक्रिया को अपनाया है बेहतर होगा. आप उसी से जानकारी ले लें. हमें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.
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