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बगैर बार कोडिंग पहुंच गयीं कॉपियां, अब कैसे होगी जांच
लापरवाही. बंडल में नहीं मिला ओएमआर शीट रवींद्र बालिका उच्च विद्यालय और राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय, शास्त्रीनगर की घटना पटना : उत्तर पुस्तिका पर बार कोडिंग हुई नहीं और मूल्यांकन केंद्र पर पहुंच गयी. अब जब बंडल खुला तो उत्तर पुस्तिका पर बार कोडिंग नहीं मिली. इसके बाद इन उत्तर पुस्तिकाएं वापस बिहार विद्यालय […]
लापरवाही. बंडल में नहीं मिला ओएमआर शीट
रवींद्र बालिका उच्च विद्यालय और राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय, शास्त्रीनगर की घटना
पटना : उत्तर पुस्तिका पर बार कोडिंग हुई नहीं और मूल्यांकन केंद्र पर पहुंच गयी. अब जब बंडल खुला तो उत्तर पुस्तिका पर बार कोडिंग नहीं मिली. इसके बाद इन उत्तर पुस्तिकाएं वापस बिहार विद्यालय परीक्षा समिति भेज दी गयी. उत्तर पुस्तिका पर बार कोडिंग की यह घटना रवींद्र बालिका उच्च विद्यालय, राजेंद्रनगर और राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय, शास्त्री नगर में घटी है. बार कोडिंग नहीं होने से उत्तर पुस्तिका पर से फ्लाइंग शीट नहीं हटाया गया.
जिला शिक्षा कार्यालय की मानें तो बार कोडिंग होने के बाद ही फ्लाइंग शीट हटाया जाता है.फ्लाइंग शीट काे समिति कार्यालय भेज दिया जाता है. उत्तर पुस्तिका के कई बंडल में ओएमआर शीट की भी कमी देखी गयी है. जिला शिक्षा कार्यालय के पास इस सूचना आने के बाद समिति कार्यालय से संपर्क करके आेएमआर शीट उपलब्ध कराया गया है. ज्ञात हो कि इस बार दो सौ उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल बना कर उसे एक बैग में रखा गया था. इस बैग में दो सौ उत्तर पुस्तिका के अलावा दो सौ ओएमआर शीट भी डाला गया था. इसी ओएमआर शीट पर परीक्षकों द्वारा अंक दिये जा रहे हैं. कॉपी की संख्या के अनुसार आेएमआर शीट नहीं होने से मूल्यांकन में दिक्कतें हुईं.
तुरंत दें जानकारी
मूल्यांकन केंद्रों को पहले ही निर्देश दिया गया था कि अगर किसी बंडल में इस तरह की गड़बड़ी हो, तो इसकी जानकारी तुरंत बोर्ड को दें. बार कोडिंग कर ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करवाया जायेगा.
आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार बोर्ड
पटना : राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय, शास्त्री नगर में सोशल स्टडी में 90 परीक्षक हो चुके हैं. केंद्राधीक्षक अब सोशल स्टडी के शिक्षकों का योगदान नहीं ले रहे हैं. वहीं, अंगरेजी, हिंदी, संस्कृत आदि भाषाओं में 25-25 परीक्षक हैं. ऐसे में भाषा विषय का मूल्यांकन काफी धीमा है. यह हाल किसी एक मूल्यांकन केंद्र का नहीं, बल्कि मैट्रिक के अधिकांश केंद्रों के हैं. वहीं, दूसरे विषयों की उत्तर पुस्तिका की जांच में तेजी अायी है, लेकिन खास कर अंगरेजी की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच नहीं हो पा रही है. यह स्थिति इंटर और मैट्रिक दोनों में ही एक जैसे हैं. कई मूल्यांकन केंद्रों पर तो भाषा की उत्तर पुस्तिका खोली भी नहीं गयी है.
डेढ़ लाख उत्तर पुस्तिका, 25 हजार का मूल्यांकन : इंटर के इंगलिश विषय के डेढ़ लाख उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन किया जाना है. लेकिन, अभी तक केवल 25 हजार की उत्तर पुस्तिका जांची जा सकी है. एएन काॅलेज, कॉमर्स कॉलेज, टीपीएस कॉलेज में इंगलिश की उत्तर पुस्तिका रखी हुई है. लेकिन, मूल्यांकन के लिए शिक्षकों की कमी है. मूल्यांकन के लिए दूसरे विषयों में शिक्षक काफी है, लेकिन भाषा खास कर अंगरेजी में शिक्षक बहुत कम है.
30 लाख है भाषा की उत्तर पुस्तिकाएं : साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स स्टीम के सारे परीक्षार्थी भाषा की पढ़ाई करते हैं. ऐसे में मैट्रिक और इंटर मिला कर 30 लाख उत्तर पुस्तिका भाषा की है. 30 अप्रैल तक मूल्यांकन समाप्त करने के लिए भाषा विषय में परीक्षकों की संख्या बढ़ानी होगी. तभी समय पर मूल्यांकन समाप्त हो पायेगा.
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