पटना: विधान परिषद के लिए नौ प्रत्याशियों का निर्वाचन अब महज औपचारिकता रह गया है. नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन जदयू के पांच व राजद-कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी अशोक चौधरी ने परचा भरा. एक निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन का परचा दाखिल करने पहुंचा था, लेकिन कागजात पूरा नहीं होने के कारण लौटा दिया गया.
इससे पहले भाजपा के तीन उम्मीदवारों संजय प्रकाश उर्फ संजय मयुख, सूरज नंदन प्रसाद व कृष्ण कुमार सिंह ने आठ मार्च को नामांकन का परचा दाखिल किया था. इस तरह नौ पदों के लिए नौ उम्मीदवारों ने ही नामांकन किया है.
11 मार्च को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी होगी. 13 मार्च को नामांकन वापसी की अंतिम तिथि है. उसी दिन निर्विरोध निर्वाचित घोषित करने की औपचारिकता निभायी जायेगी. विधानसभा सचिवालय के अनुसार, सोमवार को जदयू की ओर से शिक्षा मंत्री पीके शाही, हारूण रशीद, सतीश कुमार, सोनेलाल मेहता व हीरा प्रसाद बिंद और राजद-कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने नामांकन किया.
मौके पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार, विधायक राजेश सिंह समेत कई अन्य विधायक मौजूद थे. अशोक चौधरी के प्रस्तावक के रूप में कांग्रेस से सदानंद सिंह, मो अशफाक, राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, विधायक डॉ रामानंद यादव, भाई वीरेंद्र, अख्तरूल इसलाम शाहीन, दुर्गा प्रसाद सिंह, सुरेंद्र प्रसाद यादव व चंद्रशेखर थे. यानी कांग्रेस के चार विधायकों में से मात्र दो ही उनके प्रस्तावक बने.