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पीएमसीएच : न ट्रॉली मिली, न स्ट्रेचर, कंधे पर उठा पहुंचे एक्स-रे रूम
पटना : पीएमसीएच में मरीजों को गुहार लगाने के बाद भी न तो ट्रॉली मिलती है और न ही स्ट्रेचर. सबसे अधिक परेशानी अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच के लिए आनेवाले मरीजों को होती है. मजबूरन मरीज को उनके परिजन गोद में उठा कर या पीठ पर लाद कर अस्पताल में चक्कर लगाते […]
पटना : पीएमसीएच में मरीजों को गुहार लगाने के बाद भी न तो ट्रॉली मिलती है और न ही स्ट्रेचर. सबसे अधिक परेशानी अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच के लिए आनेवाले मरीजों को होती है.
मजबूरन मरीज को उनके परिजन गोद में उठा कर या पीठ पर लाद कर अस्पताल में चक्कर लगाते रहते हैं. कई बार वार्ड में शिफ्ट करते समय भी यह परेशानी मरीज व परिजनों को झेलनी पड़ती है. शुक्रवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया, जब बेगूसराय से आये भगत सिंह को एक्स-रे के लिए परेशानी झेलनी पड़ी. मनीष कुमार डॉ भगत सिंह की देखरेख में राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक के हड्डी विभाग में भरती हैं. डॉक्टर ने उन्हें एक्स-रे कराने का परामर्श दिया.
मरीज को गोद में उठा 400 मीटर चला भाई : काफी समय तक ट्राली व स्ट्रेचर तक गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई साधन नहीं मिला. इस पर मनीष के बड़े भाई राजीव कुमार ने मरीज को अपनी गोद में उठा लिया और राजेंद्र ब्लॉक के सेकेंड फ्लोर से नीचे उतर परिसर में करीब 400 मीटर चल कर रेडियोलॉजी विभाग स्थित एक्स-रे सेंटर लाया. इस दौरान वह पीएमसीएच के कई अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालय के सामने से गुजरे, लेकिन किसी की नजर मरीज और उसके भाई पर नहीं पड़ी.
पीएमसीएच में पानी नहीं मिलने के कारण हाहाकार मचा हुआ है. पिछले दो दिनों से अस्पताल में पानी को लेकर हालात बदतर हो गये हैं. पीएचइडी की बोरिंग से पानी सप्लाइ नहीं होने से मरीज व उनके परिजन बेहाल हैं. बड़ी बात तो यह है कि बढ़ती गरमी में जहां मरीजों को पानी नहीं मिल रही, वहीं अस्पताल प्रशासन सिर्फ कागजों पर ही बोरिंग दुरुस्त कराने की मांग कर रहा है. यहां तक कि टैंकरों से भी पानी नहीं मंगाया जा रहा है.
स्थिति यह है कि मरीज व उनके परिजनों को यूरिन, शौचालय व स्नान करने में समस्या खड़ी हो गयी है. पीएमसीएच के अधीक्षक ने बताया कि पीएचइडी विभाग के सहायक अभियंता को पत्र लिखा गया है. हालांकि, वहां से टीम भी भेजने को कहा गया है. अगर टीम आती है, तो पानी की सप्लाइ व्यवस्था दुरुस्त हो जायेगी. साथ ही बंद पड़े सभी आरओ मशीनों से ठंडा पानी मरीजों को मिलने लगेगा.
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