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दो हजार टोलों में घर-घर पहुंचेगा नल का जल

सात निश्चय : जलापूर्ति योजना पर खर्च होंगे एक हजार करोड़ पटना : सरकार के सात निश्चयों में शामिल हर घर नल का जल योजना में इस साल दो हजार टोलों में पाइप से घर-घर पानी पहुंचेगा. इसमें फ्लोराइड व आर्सेनिक प्रभावित इलाका शामिल है. पीएचइडी इन टोलों में पाइप से पानी पहुंचाने को लेकर […]

सात निश्चय : जलापूर्ति योजना पर खर्च होंगे एक हजार करोड़
पटना : सरकार के सात निश्चयों में शामिल हर घर नल का जल योजना में इस साल दो हजार टोलों में पाइप से घर-घर पानी पहुंचेगा. इसमें फ्लोराइड व आर्सेनिक प्रभावित इलाका शामिल है. पीएचइडी इन टोलों में पाइप से पानी पहुंचाने को लेकर तैयारी शुरू की है. विभाग द्वारा फ्लोराइड व आर्सेनिक प्रभावित इलाके में टोलों का सर्वे कर उन टोलों में जलापूर्ति योजना के तहत काम शुरू करेगी. पाइप से घर-घर नल का जल पहुंचाने पर लगभग एक हजार करोड़ खर्च होंगे.
विभागीय सूत्र ने बताया कि प्रारंभिक सर्वे के तहत उन टोलों में स्रोत का पता लगाया जायेगा. उन जगहों की तलाश होगी जहां ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के साथ बोरिंग गाड़ने का काम हो.इसके बाद योजना पर काम शुरू करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी.
मई में शुरू होगा काम : फ्लोराइड व आर्सेनिक प्रभावित इलाके में टोलों को चिह्नित कर मई से जलापूर्ति योजना पर काम शुरू होगा. इसमें 1800 फ्लोराइड व दो सौ आर्सेनिक प्रभावित टोले शामिल है. योजना पर काम शुरू करने को लेकर पहले टेंडर की प्रक्रिया होगी. जानकारों के अनुसार टेंडर प्रक्रिया में लगभग डेढ़ माह लगेगा. विभाग द्वारा चिह्नित फ्लोराइड प्रभावित इलाके के चार सौ टोलों में अप्रैल से काम शुरू होगा. चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक दो हजार टोलों में पाइप से पानी पहुंचाने का काम पूरा हो जायेगा.
राज्य में 13 जिले में आर्सेनिक व 11 जिले में पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक पायी जाती है. आर्सेनिक प्रभावित सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, बक्सर, भोजपुर, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार शामिल है. फ्लोराइड प्रभावित कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नालंदा, शेखपुरा, जमुई, बांका, मुंगेर, भागलपुर व नवादा शामिल है. राज्य में फ्लोराइड, आर्सेनिक व आयरन प्रभावित कुल लगभग 22 हजार टोले है. अभी तक फ्लोराइड प्रभावित 600 टोले में काम शुरू हो गया है. विभाग द्वारा स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं पर काम हो रहा है.
इसमें केंद्र सरकार की योजना के साथ राज्य सरकार की योजना शामिल है. केंद्र सरकार की योजना में केंद्र व राज्य दोनों की हिस्सेदारी होती है. केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार को अनुदान के रूप में राशि दी जाती है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना, ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना, मिनी पाइप जलापूर्ति योजना, बहुग्रामीय पाइप जलापूर्ति योजना शामिल है.

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