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चंपारण सत्याग्रह : स्वच्छता से जोड़ते हुए सामाजिक आंदोलन चलायेगी केंद्र सरकार

नयी दिल्ली : नील की खेती को लेकर अंगरेजों के खिलाफ महात्मा गांधी के नेतृत्व में चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरे होने पर केंद्र सरकार इसे ‘स्वच्छता’ से जोड़ते हुए सामाजिक आंदोलन का बिगुल फूंक रही है.इस लक्ष्य को महात्मा गांधी की जयंती के 150 वर्ष पूरे होने पर साल 2019 में हासिल करने […]

नयी दिल्ली : नील की खेती को लेकर अंगरेजों के खिलाफ महात्मा गांधी के नेतृत्व में चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरे होने पर केंद्र सरकार इसे ‘स्वच्छता’ से जोड़ते हुए सामाजिक आंदोलन का बिगुल फूंक रही है.इस लक्ष्य को महात्मा गांधी की जयंती के 150 वर्ष पूरे होने पर साल 2019 में हासिल करने का संकल्प व्यक्त किया गया है. चंपारण आंदोलन के 100 वर्ष पूरा होने पर केंद्र सरकार और बिहार सरकार मिल कर कार्यक्रम आयोजित कर रही है. इस सिलसिले में 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय अभिलेखागार में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इसका मुख्य विषय ‘गांधी के चंपारण आंदोलन से स्वच्छता आग्रह तक’ है. इस अवसर पर गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह से जुड़ी ढेर सारी जानकारियां व पांडुलिपियां प्रदर्शित की जायेंगी. देश के विभिन्न हिस्सों में स्वच्छता कार्यक्रम चलाने के साथ केंद्र सरकार खुले में शौच को समाप्त करने को प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ायेगी.
केंद्रीय कृषि मंत्री व क्षेत्रीय सांसद राधामोहन सिंह ने कहा कि इस अवसर पर चंपारण में 15 अप्रैल से एक सप्ताह का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. 15 अप्रैल गांधीजी चंपारण पहुंचे थे. जिन रास्तों से गांधीजी गुजरे थे, उनसे होते हुए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.केंद्रीय बजट प्रस्तावों में भी चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव किया गया है. मोदी ने हाल ही में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि चंपारण सत्याग्रह आजादी की पूरी आंदोलन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ था. खास करके संघर्ष के तौर-तरीके की दृष्टि से.
बिहार में शताब्दी समारोह
गांधी के चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने पर एक साल तक बिहार में चंपारण शताब्दी समारोह का आयोजन किया जायेगा. इसकी शुरुआत 10-11 अप्रैल को पटना के नवनिर्मित सम्मेलन कक्ष में गांधी विचार पर राष्ट्रीय विमर्श के साथ होगी. वहीं, 15 अप्रैल को तिरहुत प्रमंडल से उन जगहों के लिए पदयात्रा निकलेगी और उन स्थानों से गुजरेगी, जहां-जहां महात्मा गांधी गये थे. इसे हेरिटेज वॉक का नाम दिया गया. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल होंगे. इसके अलावा 17 अप्रैल को पटना में देश के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जायेगा. मुजफ्फरपुर के एलएस काॅलेज में भी कार्यक्रम होगा, जहां महात्मा गांधी ठहरे थे. काॅलेज परिसर में एक कुआं महात्मा गांधी से जुड़ा है.
आंदोलन पर एक नजर
चंपारण आंदोलन 1917-18 में हुआ था. उस दौरान अंगरेज किसानों से जबरदस्ती नील की खेती कराते थे. इसके चलते किसानों में भारी असंतोष था. इसकी परिणति यह हुई कि एक किसान राजकुमार शुक्ल ने महात्मा गांधी को चंपारण आने का न्योता दिया. इसके बाद महात्मा गांधी नील की खेती के विरोध में राजेंद्र प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिन्हा और ब्रजकिशोर प्रसाद के साथ चंपारण पहुंचे. अंगरेजों के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन किया. इस आंदोलन के चलते अंगरेजों को झुकना पड़ा.

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