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भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में स्थान देने के लिए लिखा पत्र
पटना : जदयू के नेताओं ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह देने की मांग की है. पार्टी राष्ट्रीय महासचिव आैर सांसद आरसीपी सिंह, सांसद हरिवंश और महासचिव संजय झा ने राजनाथ सिंह से यह अनुरोध किया है. अपने पांच पन्ने के पत्र में […]
पटना : जदयू के नेताओं ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह देने की मांग की है.
पार्टी राष्ट्रीय महासचिव आैर सांसद आरसीपी सिंह, सांसद हरिवंश और महासचिव संजय झा ने राजनाथ सिंह से यह अनुरोध किया है. अपने पांच पन्ने के पत्र में जदयू नेताओं ने भोजपुरी भाषा की विस्तार से चर्चा की है. उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा बहुत ही समृद्ध है. बिहार, झारखंड और यूपी के 23 जिलेतथा दुनिया के सात देशों की पीढ़ियों से लोक जमात की भाषा बताया है. नेताओं ने कहा कि इसे संविधान की आठवीं सूची में डाला गया तो भोजपुरी रोजगार और कारोबार के साथ-साथ बड़ी जमात की पहचान, आत्मसम्मान लौटाने में सहायक होगा . जदयू नेताओं ने कहा कि भोजपुरी भाषा की जड़ वैदिक संस्कृत और पाली से जुड़ती है. भोजपुरी भाषा के प्राचीन नमूने एक हजार इस्वी के नाथ संतों के काव्यों से मिलने लगते हैं.
वर्ष 1789 से भोजपुरी का लिखित रूप से उल्लेख मिलने लगता है. उत्तर में हिमालय की तराई से दक्षिण में मध्य प्रांत की सरगुजा रियासत तक इस बोली का विस्तार है. बिहर के शाहाबाद, सारण, चंपारण, रांची, पलामू के कुछ भाग तथा मुजफ्फरपुर के कुछ भाग में भी भोजपुरी बोलने वाले लोग निवास करते हैं. इसी प्रकार यूपी के बनारस, गाजीपुर, बलिया, जौनपुर के अधिकतर भाग, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ और बस्ती जिले की हरैया तहसील के कुनाओ नदी तक इसका विस्तार है. उन्होंने कहा कि 20 वीं सदी में यह कोलकाता से ढाका तक फैलती गयी है.
भोजपुरी के समृद्धि का प्रमाण यह है कि इसके पास अपनी कैथी लिपि रही ह जिसके सैकड़ों साल पुराने कागजात मिलते हैं.भोजपुरी में एक दर्जन से अधिक व्याकरण ग्रंथ लिखे गये हैं और इसका अपना मानक गद्य भी है. मंगल पांडेय, वीर कुंअर सिंह से डा राजेंद्र प्रसाद और जय प्रकायश नारायण तक भोजपुरी भाषी लोगों ने आजादी की लड़ाई में व्यापक हिस्सेदारी निभायी. जदयूनेताओं ने उम्मीद जतायी कि केंद्र सरकार भोजपुरी भाषा को उसका हक दिलायेगी.
राज्यपाल से सीएम ने की शिष्टाचार मुलाकात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राज्यपाल रामनाथ कोविंद से राजभवन पहुंचकर शिष्टाचार मुलाकात की. सूत्रों की माने तो तीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के नामों पर इस बैठक में अंतिम रूप से सहमति बनी.
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