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बिहार में मैट्रिक परीक्षा आज से, 17.63 लाख परीक्षार्थी होंगे शामिल

सूबे में मैट्रिक की परीक्षा बुधवार से होनेवाली है. इसमें कुल 17,63,423 परीक्षार्थी भाग लेंगे. इसके लिए 1532 केंद्र बनाये गये हैं. वहीं, राजधानी पटना में 80,309 परीक्षार्थी 75 केंद्रों पर परीक्षा देंगे. पिछले साल की परीक्षा कदाचार के नाम रहने के कारण इस बार चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी है. राजधानी में कुल 3300 वीक्षक […]

सूबे में मैट्रिक की परीक्षा बुधवार से होनेवाली है. इसमें कुल 17,63,423 परीक्षार्थी भाग लेंगे. इसके लिए 1532 केंद्र बनाये गये हैं. वहीं, राजधानी पटना में 80,309 परीक्षार्थी 75 केंद्रों पर परीक्षा देंगे. पिछले साल की परीक्षा कदाचार के नाम रहने के कारण इस बार चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी है. राजधानी में कुल 3300 वीक्षक परीक्षार्थियों पर नजर रखेंगे.

पटना : मैट्रिक परीक्षा को लेकर पटना जिला शिक्षा कार्यालय ने पूरी तैयारी कर ली है. इंटर की परीक्षा का उदाहरण देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी मेदो दास ने कहा है कि परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी आपस में बात न करें. बात करने पर दो बार परीक्षार्थियों को हिदायत दी जायेगी, जबकि तीसरी बार पकड़े गये, तो परीक्षार्थियों को निष्कासित कर दिया जायेगा. इस बार पटना जिले से 80,309 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे. कुल 75 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं.
11,376 परीक्षार्थी अधिक होंगे शामिल : पटना जिला में मैट्रिक के परीक्षार्थियों की संख्या में 11,376 की बढ़ोतरी हुई है. जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार 2016 में 68,933 परीक्षार्थी पटना जिले से परीक्षा में शामिल हुए थे. इस बार परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ कर 80,309 हो गयी. पूरे जिले से सबसे ज्यादा पटना सदर से परीक्षार्थी शामिल होंगे. पटना सदर अनुमंडल से 35,440 परीक्षार्थी शामिल होंगे. परीक्षा के लिए पटना सदर अनुमंडल में 33, पटना सिटी में 14, दानापुर में 10, बाढ़ में सात, मसौढ़ी में पांच, पालीगंज में छह परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. इसमें छात्राओं के लिए 42 और छात्रों के लिए 33 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं.
परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के लिए सभी प्रश्नों के उत्तर लिखने के अलावा टाइम मैनेजमेंट भी जरूरी होता है. कई बार हम उत्तर आते हुए भी समय पर पूरे प्रश्नों का जवाब नहीं दे पाते हैं. इसका कारण है, हम वैसे प्रश्नों में उलझे रह जाते हैं, जो मुश्किल होता है. इसलिए परीक्षा से पहले 15 मिनट का समय प्रश्न पढ़ने के लिए दिया जाता है. उसी समय यह निर्धारित कर लें कि कौन-कौन से प्रश्नों के उत्तर आसानी से दे सकते हैं. वैसे प्रश्नों के उत्तर पहले लिखने की कोशिश करें. इस बारे में प्रभात खबर ने एक्सपर्ट की राय ली. पहले दिन अंगरेजी की परीक्षा है. इस पर पीएन एंग्लो हाइस्कूल के अंगरेजी विषय के शिक्षक डाॅ ब्रजेश कुमार जरूरी टिप्स दिये.
जरूरी टिप्स
घबराएं नहीं, आराम से परीक्षा दे.
प्रश्नों को पढ़ने लिए 15 मिनट का समय दिया जाता है. अच्छी तरह से प्रश्नों को पढ़े
जो प्रश्न अच्छे से आता है, उसका उत्तर पहले लिखे, विश्वास आयेगा
नंबर के अनुसार उत्तर देने की आवश्यकता नहीं है
ग्रामर को बनाएं, पूरा अंक मिलेगा
रिवीजन जरूर करें. 15 से 20 मिनट रिवीजन के लिए रखें.
हैंड राइटिंग पर ध्यान दे. जो भी उत्तर लिखे, साफ लिखावट हो
दो उत्तर के बीच दो से चार लाइन छोड़ दें, उत्तर साफ से दिखेंगे.
छात्रों की संख्या अधिक
कुल परीक्षार्थी 17,63,423
छात्रों की संख्या 8,97,168
छात्राओं की संख्या 8,66,255
कुल परीक्षा केंद्र 1,532
प्रथम पाली में 8,99,073
द्वितीय पाली में 8,64,350
24 घंटे का कंट्रोल रूम शुरू
फोन नंबर 0612-2232092
फैक्स नंबर 0612- 2222575,
इ-मेल आइडी : coe.matricboard@gmail.com
आइसीएसइ बोर्ड परीक्षा भी आज से शुरू होगी
पटना. मैट्रिक की परीक्षा के साथ एक मार्च से आइसीएसइ बोर्ड की 12वीं की परीक्षा भी शुरू हो रही है. परीक्षा के पहले दिन फिजिक्स की परीक्षा होगी. हर दिन परीक्षा दोपहर 1.45 बजे से पांच बजे तक होगा. पटना में कुल 17 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. परीक्षा में पटना में एक हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे. आइसीएसइ बोर्ड की सिटी कोर्डिनेटर एफ हसन ने बताया कि प्रैक्टिकल की परीक्षा समाप्त हो चुकी है. एक मार्च से 26 अप्रैल तक परीक्षा चलेगी. परीक्षा के दौरान 15 मिनट का समय प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए दिया जायेगा. आइसीएसइ बोर्ड की 10वीं बोर्ड की परीक्षा 10 मार्च से शुरू होगी और 21 अप्रैल तक चलेगा.
केंद्रों के बाहर लागू रहेगी धारा 144, होगी कार्रवाई
पटना. कदाचार मुक्त परीक्षा करने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों व उसके आस-पास धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है. केंद्रों के आस-पास अभिभावकों को भीड़ लगाने की इजाजत नहीं होगी. ऐसा करने पर उनको गिरफ्तार किया जायेगा. परीक्षा केंद्रों पर सादी वर्दी में भी पुलिस बल रहेंगे. कदाचार पर निगरानी के लिए केंद्रों पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ ही उड़नदस्ता दल का भी गठन किया गया है. डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि परीक्षा को लेकर पुलिस व प्रशासन के तमाम पदाधिकारियों की जिम्मेवारी तय कर दी गयी है.
प्रति 25 परीक्षार्थी पर एक वीक्षक : परीक्षा के दौरान प्रति 25 परीक्षार्थी पर एक वीक्षक की ड्यूटी लगायी गयी है. कुल 3,300 वीक्षकों की देख-रेख में परीक्षा होगी. परीक्षा में माध्यमिक विद्यालय, उच्च माध्यमिक विद्यालय के साथ मध्य विद्यालय के शिक्षकों को भी लगाया गया है.
वीक्षकों की ड्यूटी किस कमरे में होगी यह केंद्राधीक्षक तय करेंगे. किसी भी परिस्थिति में गैर शिक्षकों एवं किसी कर्मचारी को वीक्षक की ड्यूटी नहीं दी जायेगी. परीक्षार्थियों के बीच प्रश्न पत्र वितरण करने के बाद अगर प्रश्न पत्र बच जायेंगे, तो उसे तुरंत लिफाफे में बंद कर सील कर दिया जायेगा. परीक्षा शुरू होने से 10 मिनट पहले स्टैटिक मजिस्ट्रेट के सामने खोल कर पैकेट तैयार किया जायेगा. उसके बाद प्रश्नों को केंद्राधीक्षक हर परीक्षा हॉल में भेजेंगे. दिव्यांग परीक्षार्थी को 10 मिनट का अधिक समय दिया जायेगा. केंद्राधीक्षक के अलावा अन्य किसी भी वीक्षक या परीक्षार्थी को मोबाइल फोन या अन्य गैजेट अलाउड नहीं होंगे.
वीक्षक नहीं बनने के लिए शिक्षक बना रहे अजीबो-गरीब बहाना
पटना : सर, मुझे इंटर परीक्षा में केवी सहाय हाइस्कूल का वीक्षक बनाया गया था. मैंने वहां का पानी पिया, पेट में इंफेक्शन हो गया. मैं आरओ का पानी पीता हूं. मेरी ड्यूटी हटा दी जाये, क्योंकि मैं फिर ड्यूटी करूंगा, गंदा पानी पिऊंगा, तो बीमार हो जाऊंगा. स्कूल का नाम आैर शिक्षक का नाम नहीं छापने की शर्त पर जिला शिक्षा कार्यालय सूत्र ने बताया कि संबंधित शिक्षक को ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर के पास भेज दिया गया है. किसी भी शिक्षक की ड्यूटी नहीं हटायी जा सकती है. पिछले दो दिनों से पटना जिला शिक्षा कार्यालय में शिक्षक मैट्रिक परीक्षा में वीक्षक की ड्यूटी न करनी पड़े, इसके लिए कोई भी बहाना बना कर आवेदन दे रहे हैं.
दो दिनों में आये 500 आवेदन : मैट्रिक की परीक्षा में ड्यूटी न करनी पड़े, इसके लिए पटना जिला शिक्षा कार्यालय में दो दिनों में करीब 500 आवेदन आये हैं. कोई अपनी तबीयत का बहाना, तो कोई बच्चों का बहाना बना रहा है. हालांकि, उन्हीं शिक्षकों को ड्यूटी हटायी गयी है, जो गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं.
इस संबंध में डीपीओ डाॅ अशोक कुमार ने बताया कि कई शिक्षकों ने आवेदन में मिजिल्स की बात रखी थी. ऐसे शिक्षकों को ही ड्यूटी से मुक्त रखा गया है. उन्होंने बताया कि शिक्षक अजीबो-गरीब बहाना बना कर आवेदन दे रहे हैं. ऐसे शिक्षकों को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पास भेजा जा रहा है. अब वे ही जांच करेंगे कि शिक्षक सच में बीमार हैं या नहीं.

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