10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सात निश्चयों से राज्य के सभी क्षेत्रों में होगा विकास : सीएम नीतीश

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चयों से सभी क्षेत्रों में विकास की बात कही है. बिहार विधानसभा में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सात निश्चय पूरा करने में सभी का सहयोग चाहिए. यह सबके क्षेत्र में होने वाला है और पूरे तौर पर होगा. सत्ता पक्ष […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चयों से सभी क्षेत्रों में विकास की बात कही है. बिहार विधानसभा में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सात निश्चय पूरा करने में सभी का सहयोग चाहिए. यह सबके क्षेत्र में होने वाला है और पूरे तौर पर होगा. सत्ता पक्ष या विपक्ष में कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा. इस पर जब विपक्ष ने विरोध किया कि काम नहीं हो रहा है, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ कहने से नहीं होगा. सभी जगहों पर काम हो रहा है और पूरे तौर पर होगा. दो साल में आईना भी दिखाया जायेगा, तब दावा नहीं करियेगा.

मुख्यमंत्रीने कहा कि बिहार भाजपा के कारण ही विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का उलटा प्रभाव पड़ा. बिहार भाजपा के लोग प्रधानमंत्री को रिपोर्ट देते रहे कि बिजली की स्थिति खराब है. समस्तीपुर में तो जब प्रधानमंत्री ने पूछा था कि बिजली आयी? तो नीचे से आवाज आयी कि आयी. प्रधानमंत्री को ठीक से रिपोर्ट दिये होते तो उनके बयान का उलटा असर नहीं होता. बाद में जब प्रधानमंत्री आये तो बिहार की बिजली व्यवस्था की उन्होंने सराहना भी की.

सीएम नीतीश ने कहा कि विपक्ष कह रहा है कि सात निश्चयों में कृषि शामिल नहीं है. यह तो गलत बात को प्रचारित करने की साजिश हो रही है. कृषि रोड मैप, मानव विकास मिशन, नीति कार्यक्रम मजबूती के साथ आगे भी जारी रहेगा. जो योजनाएं चल रही थी वो चल ही रही हैं. सात निश्चय नया संकल्प था, जिसकी प्राप्ति के लिए लगे हुए हैं. कृषि रोड मैप से ही धान, गेहूं, मक्का की उत्पादकता बढ़ी. 2017-22 तक के लिए विस्तृत रूपरेखा तैयार की जा रही है.

बिहार में 89 फीसदी गांव में निवास करते हैं और 76 फीसदी कृषि पर ही निर्भर हैं. हम कृषि रोड मैप के कारण ही प्रगति के पथ पर हैं. सड़क, शिक्षा, पुल-पुलियों में काम हुआ है. राज्यपाल के अभिभाषण और पिछले साल सरकार के रिपोर्ट कार्ड में भी कृषि रोड मैप की चर्चा की गयी है. एक-एक योजना के बारे में है. सरकार उसे भूल नहीं रही है.

घर-घर में पानी, नाली, सड़क, शौचालय
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय में घर-घर पानी, शौचालय, नाली, सड़क निर्माण की कार्रवाई चल रही है. लोगों के घरों तक सारी सुविधाएं पहुंचायी जा रही हैं. सीतामढ़ी का बेलसंड ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) हो गया है. रोहतास के भी तीन प्रखंड ओडीएफ हो गये हैं. महिलाओं को किसी भी सरकारी सेवा में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. कुशल युवा कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसमें हिंदी के साथ युवा अंगरेजी बोले इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है और कंप्यूटर ज्ञान के लिए भी ट्रेनिंग दी जा रही है. कॉलेजों में फ्री वाइ-फाइ की सुविधा फरवरी में बहाल की जानी थी, लेकिन विधान परिषद चुनाव के आचार संहिता के कारण अब यह मार्च तक पूरा हो सकेगा. पांच मेडिकल कॉलेज, हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला आइटीआइट खुलने हैं.
युवा पढ़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के युवाओं को आगे पढ़ने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्य योजना शुरू की गयी है. इसमें चार लाख रुपये तक उन्हें 12वीं के आगे पढ़ने के लिए दिया जायेगा. सरकार मूलधन व ब्याज के लिए गारंटर बनी है. बिहार में 12वीं के बाद उच्च शिक्षा में मात्र 13 फीसदी युवा जा पा रहे हैं. इसे 35-40 फीसदी करना लक्ष्य है. वहीं, रोजगार तलाश के लिए स्वयं सहायता भत्ता दी जा रही है. उद्योग स्थापित करने के लिए वेंचर फंड की भी व्यवस्था की गयी है. सभी के लिए स्कीम है. किसी को छोड़ा नहीं जा रहा है, बल्कि सभी को जोड़ा जा रहा है.
केंद्र ने घटाया अपना अंशदान सीएम ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का नाम बदल कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण किया गया. पहले 90 फीसदी केंद्र देती थी और राज्य को 10 फीसदी खर्च देना होता था, लेकिन नये नामकरण के बाद केंद्र 60 फीसदी देने लगी और राज्य का अंशदान बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया. राज्य के विद्युतीकरण में 9000 करोड़ खर्च होंगे. इसमें से सरकार ने 5749 करोड़ खर्च किये हैं, लेकिन केंद्र से 4737 करोड़ ही मिले हैं. सरकार ज्यादा ब्याज दर पर ऋण ले रही है और इसमें लगा रही है. सरकार कोई काम रुकने नहीं देना चाहती है.
बिहार में घट रहे हैं अपराध के आंकड़े
सीएम ने कहा कि बिहार में अपराध के आंकड़े घटे हैं. अप्रैल, 2015 से मार्च, 2016 में हुए अपराध की तुलना अगर अप्रैल, 2016 से फरवरी, 2017 से की जाये तो हत्या में 22 फीसदी, डकैती में 23 फीसदी, अपहरण में 42 फीसदी, बैंक डकैती में 18 फीसदी, लूट में 11 फीसदी, सड़क दुर्घटना में 17 फीसदी की कमी आयी है. देश के विभिन्न राज्यों में अपराध में बिहार 22 वें नंबर पर है. जबकि, दिल्ली जहां कानून व्यवस्था केंद्र के हाथों में है, वह पहले नंबर पर है. भाजपा शासित राज्य बिहार से ऊपर हैं.
बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द्र का माहौल कायम है. पर्व-त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे हैं. सरस्वती पूजा में पांच और शिवरात्रि में एक घटना हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि मद्य निषेध अभियान में गड़बड़ी करनेवाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई. रूपौली, रुन्नीसैदपुर, मखदुमपुर, मसौढ़ी, सुलतानगंज, डेहरी समेत अन्य थानों के प्रभारियों पर कार्रवाई की गयी है. वहीं, कई को निलंबित भी किया गया. एसपी लेबल पर भी स्पष्टीकरण पूछा गया है. किसी तरह का कंपरमाइज नहीं किया जा रहा है.
125 लाख करोड़ पैकेज का क्या हुआ?
सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा से पूछा है कि विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि 125 लाख करोड़ देंगे, उसका क्या हुआ? विशेष राज्य का दर्जा देने की भी बात थी. तीन साल बीत गये हैं, लेकिन वचन का पालन नहीं हो रहा है. राज्य सरकार सुशासन पर कायम है. वे यात्रा के दौरान सभी दलों के नेताओं से बात करते हैं, बैठक करते हैं. जो भी कहते हैं उसे पूरा करते हैं. चुनाव के दौरान भी जो कुछ कहा उसे पूरा करने में लगे हैं. ऐसा नहीं कि कह कर भूल गये हैं.
सदन में हो सार्थक चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सही मायने में विपक्ष सदन में सार्थक डिबेट नहीं करता. कंफ्यूजन खड़ा कर सरकार को डॉक पर खड़ा करना चाहता है. सरकार की छवि बिगाड़ने की साजिश करता है. अपनी बात हो गयी तो दूसरे का सुनना नहीं है. उन्हें सदन में बैठने का साहस नहीं है. इसलिए सदन से वाकआउट कर जाते हैं. सदन में सार्थक चर्चा होनी चाहिए. प्रगति की रफ्तार और तेज की जायेगी.
बहिष्कार के बीच जवाब
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे तो परचा लीक घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर विपक्ष हंगामा करने लगा और सदन से वाक आउट कर गया. बीच में ही भाकपा माले के विधायकों ने भी वाक आउट कर दिया. सीएम के जवाब खत्म होने के चंद मिनट पहले सभी सदन में आ गये.
फरक्का बराज टूट जाये तो एग्रीमेंट की आवश्यकता नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि फरक्का बराज को समाप्त कर दिया जाये तो किसी एग्रीमेंट पर सहमति की आवश्यकता ही नहीं है. एग्रीमेंट की आवश्यकता तब हुई जब बांध बनाया गया. बांध बनाने के साथ ही बांग्लादेश को 1500 क्यूसेक पानी देने का एग्रीमेंट करना पड़ा. जब बराज ही नहीं रहेगा तो किसी ट्रीटी की बात ही समाप्त हो जाती है. बांग्लादेश को गंगा का प्राकृतिक पानी मिलने लगेगा. उन्होंने कहा कि गंगा में 400 क्यूसेक पानी उत्तरप्रदेश से मिलता है.
बांग्लादेश को 1500 क्यूसेक पानी दिया जाता है. शेष पानी किसका है. पूरा पानी बिहार का है. बिहार को अपने ही पानी के उपयोग का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि बैराज निर्माण के बाद गंगा के सिल्ट को हटाने का क्या रास्ता है. नितिन गड़करी कह रहे हैं कि बनारस से हल्दिया के बीच कोई बराज नहीं बनेगा. मतलब की बनारस के पहले बराज बनाने का प्रस्ताव है.
मुख्यमंत्री ने कहा कहा कि इस मामले को लेकर कोर्ट में जाने के सिवा कोई रास्ता नहीं है. दूसरी आेर, मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं द्वारा हर रोज दिये जा रहे अखबारी बयानों पर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि बीजेपी में तो प्रवक्ता का कोई रोल ही नहीं रह गया है. भाजपा नेता सुशील मोदी का बयान हर दिन आता है. जदयू के संजय सिंह के बयान को यह कहते हुए वाजिब बताया कि संजय सिंह तो जदयू के प्रवक्ता हैं. प्रवक्ता का काम ही बयान देना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें