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बिहार परचा लीक कांड में आइएएस सुधीर कुमार समेत छह को जेल भेजा गया

बिहार परचा लीक आयोग : एसआइटी ने अध्यक्ष को गुरुवार की रात हजारीबाग से उठाया पटना/हजारीबाग : एसआइटी ने बीएसएससी पेपर लीक मामले में आयोग के अध्यक्ष व वरीय आइएएस अधिकारी सुधीर कुमार समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. एसआइटी ने दावा किया कि सुधीर कुमार को पटना के वेटनरी कॉलेज इलाके से गिरफ्तार […]

बिहार परचा लीक आयोग : एसआइटी ने अध्यक्ष को गुरुवार की रात हजारीबाग से उठाया
पटना/हजारीबाग : एसआइटी ने बीएसएससी पेपर लीक मामले में आयोग के अध्यक्ष व वरीय आइएएस अधिकारी सुधीर कुमार समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. एसआइटी ने दावा किया कि सुधीर कुमार को पटना के वेटनरी कॉलेज इलाके से गिरफ्तार किया गया, जबकि सुधीर कुमार के पिता राधा प्रसाद ने बताया कि एसआइटी मेरे बेटे को गुरुवार की रात हजारीबाग स्थित आवास से पटना ले गयी.
अन्य गिरफ्तार लोगों में सुधीर कुमार के छोटे भाई और पटना वीमेंस कॉलेज में भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो अवधेश कुमार (पटना विवि कैंपस सैदपुर क्वार्टर नंबर 13) व उनकी पत्नी मंजू कुमारी, भगीना आशीष कुमार ( पत्रकार नगर, हनुमाननगर), सेटर सज्जाद अहमद (शरीफगंज, कटिहार) और बीएसएससी के आइटी मैनेजर नीति रंजन प्रताप सिंह (विशुनपुर, वजीरगंज, गया, वर्तमान वीणा बिहार अपार्टमेंट फ्लैट नंबर 605, रुकनपुरा) शामिल हैं. शुक्रवार की शाम पांच को सिटी कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें बेऊर जेल भेज दिया गया.
जबकि तबीयत खराब होने की शिकायत के बाद अध्यक्ष सुधीर कुमार की स्वास्थ्य जांच करायी गयी और देर रात छज्जू बाग स्थित न्यायाधीश के आवास पर पेश किया, जहां से उन्हें भी बेऊर जेल भेज दिया गया. सुधीर कुमार समेत पांच को बेऊर जेल के आमद वार्ड में रखा गया है, जबकि महिला मंजू कुमारी को महिला वार्ड में रखा गया है.
गिरफ्तारी वारंट लेकर की गयी गिरफ्तारी
सूत्रों के अनुसार एसआइटी ने अपने अनुसंधान में जब यह पाया कि प्रश्नपत्र लीक के तार बीएसएससी अध्यक्ष से जुड़े हुए हैं, तो फिर साइंटिफिकली व टेक्निकली तरीके से छानबीन करते हुए साक्ष्यों को एकत्र किया. इसके बाद टीम ने कोर्ट को तमाम साक्ष्य सौंपे और फिर गिरफ्तारी वारंट लिया. संभवत: इस बात की भनक बीएसएससी अध्यक्ष को लग गयी थी और वह हजारीबाग निकल गये थे. लेकिन, एसआइटी की टीम लगी थी और फिर हजारीबाग से उन्हें पकड़ा.
एसआइटी प्रमुख एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि अनुसंधान में यह बात सामने आयी है कि प्रश्नपत्र व आंसर लीक में इन सभी की संलिप्तता थी. प्रश्नपत्र की छपाई से लेकर ओएमआर एवैल्यूलेटर की जानकारी अध्यक्ष को ही थी. उनके भाई से उनके भगीना ने प्रश्नपत्र व आंसर लिये और फिर सेटरों व अन्य परिजनों तक पहुंचाये गये. इसके पुख्ता साक्ष्य उनलोगों के पास उपलब्ध हैं. उनके भाई के पास प्रश्नपत्र पहुंचने से साफ स्पष्ट है कि वह अध्यक्ष के माध्यम से ही पहुंचा था. उन्होंने बताया कि सभी लोगों को पटना से गिरफ्तार किया गया है.
पकड़ने के बाद लाया गया पटना और फिर हुई पूछताछ
एसआइटी ने बीएसएससी अध्यक्ष को वेटनरी गेस्ट हाउस में ले गयी, जहां एसएसपी मनु महाराज, एएसपी अभियान राकेश दूबे और एसआइटी के अन्य सदस्य भी पहुंचे. वहां बीएसएससी अध्यक्ष से तीन घंटे पूछताछ की गयी और इस दौरान वे संतोषजनक जबाब नहीं दे पाये और फिर उनकी गिरफ्तारी की आधिकारिक रूप से पुष्टि की गयी.
सुधीर कुमार 27 फरवरी तक अवकाश लेकर हजारीबाग आये थे
1987 बैच के आइएएस अधिकारी सुधीर कुमार मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को 22 से 27 फरवरी तक अवकाश संबंधी आवेदन देकर अपने पिता से मिलने हजारीबाग आये थे. मुख्य सचिव कार्यालय से अवकाश स्वीकृत नहीं होने पर 23 फरवरी को पटना लौटने के लिए अपनी गाड़ी इनोवा हजारीबाग मंगवायी थी. 24 फरवरी को पटना लौटनेवाले थे. यह जानकारी हजारीबाग आवास में सुधीर कुमार के पिता राधा प्रसाद ने दी.
एसआइटी पटना से इनोवा का पीछा करते हजारीबाग पहुंची
सुधीर कुमार के पटना से हजारीबाग के लिए चली इनोवा गाड़ी की पीछा करते हुए एसआइटी हजारीबाग मटवारी मैदान स्थित आवास पर रात 11 बजे में पहुंची. सुधीर कुमार से एसआइटी ने घर पर ही आधे घंटे तक पूछताछ की. फिर इनोवा गाड़ी में ही बैठ कर एसआइटी और सुधीर कुमार पटना रवाना हुए. एसआइटी जिस बोलेरो से आयी थी, वह पीछे-पीछे पटना गयी. इस गाड़ी में पटना से साथ आये दो परीक्षार्थी और एसआइटी के दो सदस्य बैठे हुए थे.
आइएएस एसोसिएशन की मांग, मामले की हो सीबीआइ जांच
पटना : बिहार के आइएएस एसोसिएशन ने बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार की गिरफ्तारी का विरोध किया है. एसोसिएशन ने कहा कि सुधीर कुमार बेहद ईमानदार आइएएस अधिकारी हैं. पेपर लीक की एसआइटी जांच पर भरोसा नहीं है. इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए. एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से भी मुलाकात कर इस मामले में जल्द उचित कार्रवाई करने की मांग की है. एसोसिएशन का आरोप है कि एसआइटी मुख्य आरोपितों को बचाने के लिए सारा ठीकरा बीएसएससी अध्यक्ष के माथे पर फोड़ना चाहती है. सुधीर कुमार के साथ एसोसिएशन हर तरह की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.
पहले भांजा आशीष पकड़ाया और फिर अध्यक्ष सुधीर कुमार तक पहुंची एसआइटी
एसआइटी ने जब प्रश्नपत्र और आंसर लीक की जांच शुरू की, तो फिर यह जानकारी मिली कि बेऊर, पटना के रैंडम क्लासेज के संचालक रामेश्वर के तार आशीष व रंजन से जुड़े हुए हैं.
पुलिस ने इस मामले में हनुमान नगर, पटना से आशीष को पकड़ा और फिर वह रंजन तक पहुंची. आशीष ने पूछताछ में बताया कि उसे 23 जनवरी को प्रश्नपत्र हजारीबाग में प्रो अवधेश कुमार ने घर पर दिया था. साथ ही आंसर भी दिये थे. प्रश्नपत्र व आंसर हस्तलिखित थे. इसके बाद उसने सज्जाद, हरिओम व अरुण को प्रश्नपत्र दे दिया. आशीष ने यह भी बताया कि रैंडम क्लासेज के रामेश्वर को उसने ही प्रश्नपत्र व आंसर दिये थे. रामेश्वर ने वह प्रश्नपत्र दलाल कौशल को दिया था और कौशल के माध्यम से कांटी फैक्ट्री रोड में पकड़े गये गिरोह के सरगना पवन, भोला और अतुल को दिया था. िफलहाल भोला व अतुल फरार हैं.
परिजनों को परीक्षा में पास करवाने के चक्कर में खुद गये जेल
बीएसएससी परीक्षा में सुधीर कुमार के परिवार के पांच लोग बैठे थे. इनमें उनके भाई प्रो अवधेश प्रसाद की पत्नी मंजू कुमारी, भगीना आशीष व अरुण, रिश्तेदार हरिओम और मंजू की बहन का बेटा रंजन शामिल थे.
सबसे पहले प्रश्नपत्र प्रो अवधेश के पास आया और फिर उसके माध्यम से भगीना आशीष को मिला और आशीष से रंजन को मिला. रंजन ने पैसा कमाने के लिए सेटर सज्जाद और रैंडम क्लासेज के संचालक रामेश्वर को प्रश्नपत्र दे दिया.
इसके लिए रामेश्वर से रंजन की पूरी कमाई होने पर आधा पैसा लेने की बात हुई थी. इसके बाद रामेश्वर के माध्यम से प्रश्नपत्र व आंसर भूंजे की तरह कई गिरोहों तक बांटे गये. इस पूरे मामले में एक बात सामने आयी कि बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार ने अपने परिजनों को परीक्षा पास करवाने के लिए प्रश्नपत्र दिया था और उनके ही रिश्तेदार रंजन ने पैसा कमाने के िलए उसे सेटरों को बेचा.

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