एएनएम परीक्षा : आवेदकों की पूरी सूची अंक के साथ वेबसाइट पर होगी जारी
बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने पारदर्शिता को लेकर किया फैसला
रिजल्ट पर कर सकेंगे दावा और आपत्ति
पटना : बिहार कर्मचारी चयन आयोग अब एएनएम परीक्षा के परिणाम वेबसाइट भी जारी करेगा. रिजल्ट के प्रकाशन में पारदर्शिता के लिए यह पहल की जा रही है. इसके मुताबिक परिणाम के पहले पूरी सूची वेबसाइट पर जारी की जायेगी, जिससे यह पता चल सकेगा कि कुल कितने अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल किये गये? इसके बाद अंतिम परिणाम जारी किये जायेंगे. इसमें प्राप्तांक भी शामिल होंगे. पेपर लीक प्रकरण के बाद आयोग ने पारदर्शिता कायम रखने के लिए यह फैसला किया है.
इस सूची के अनुसार रिजल्ट पर आप अपनी ओर से दावा आपत्ति भी कर सकते हैं. आयोग ने इसका भी निर्णय लिया है. चयन में 85 नंबर काउसेलिंग और 15 नंबर साक्षात्कार के लिए दिये जाने थे. इसमें किसी को ज्यादा या फिर किसी को कम नंबर आ गया, तो इसे लेकर आप अपनी ओर से दावा कर सकते हैं.
आयोग के अनुसार इसी महीने 8 से 16 फरवरी तक चले काउंसेलिंग सह साक्षात्कार से इसे लागू किया जायेगा.
सभी एएनएम इंटरव्यू में हुई थीं शामिल
इस वर्ष एएनएम की बहाली में सभी अनुभवी अभ्यर्थी शामिल हुई थीं. काउंसिलिंग नौ से 12 फरवरी तक चली. काउंसिलिंग में एकेडमिक रिकाॅर्ड और अनुभव देखा जाता है, बाकी साक्षात्कार में एएनम की कार्यशैली और जेनरल नॉलेज को लेकर सवाल किये गये. अंतिम चरण की बहाली प्रक्रिया में 1869 अभ्यर्थियों को शामिल होना था, लेकिन जो अभ्यर्थी किसी कारणवश पूर्व में काउंसिलिंग सह साक्षात्कार में भाग नहीं ले सके थे, वे भी इसमें शामिल हुए थे. उनके लिए 13 फरवरी से 16 फरवरी तक की तिथि तय की गयी थी. बिहार में बीएसएससी के तहत कुल 10,500 सीटें भरी जानी हैं. अब तक 4200, 4500 और 1869 के रिक्तियों के लिए तीन चरणों में हुई काउंसिलिंग के तहत ये पद भरे जायेंगे.
बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक से जुड़े दूसरे गिरोह के चार हिरासत में, जल्द होगा खुलासा
पटना. बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में शामिल एक और गिरोह के चार सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया है. जल्द ही इस गिरोह का एसआइटी द्वारा खुलासा कर दिया जायेगा. फिलहाल उन चारों की निशानदेही पर गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है. पुलिस को अभी तक इस मामले के जानकारी मिली है कि गिरोह का नेटवर्क पूरे बिहार में फैला है.
इसी क्रम में एसआइटी की टीम कई जिलों में एक साथ छापेमारी कर रही है. एसआइटी द्वारा फिलहाल नालंदा, सीतामढ़ी, बांका, बेगूसराय आदि जिलों में छापेमारी की जा रही है. एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि एसआइटी दूसरे गिरोह के भी काफी करीब है और उसके कुछ सदस्यों को पकड़ा गया है. पुलिस द्वारा की गयी छापेमारी को काफी गुप्त रखा गया है, ताकि इस नेटवर्क में शामिल लोगों को इसकी भनक भी न लग सके.
पकड़े गये गिरोह के सदस्यों से मिली जानकारी के आधार पर छापेमारी की जा रही है और संभावना जतायी जा रही है कि जल्द ही मामले का खुलासा किया जायेगा.
अभी तक इस कांड का मास्टरमाइंड अतुल रंजन सिन्हा और गोरेलाल नहीं पकड़ा गया है. अतुल की तलाश एसआइटी को है, क्योंकि उसके पकड़े जाने के बाद कई अन्य जानकारियों और अन्य परीक्षाओं में हुई सेटिंग के संबंध में जानकारी मिल सकती है. अतुल ने पवन की दोस्ती डाटा इंट्री ऑपरेटर अविनाश और पूर्व सचिव परमेश्वर राम से करायी थी. पवन ने पुलिस के समक्ष दिये गये अपने बयान में अतुल और गोरेलाल के नाम की जानकारी दी थी. पवन ने बताया था कि इन दोनों के कहने पर ही उसने सेटिंग की योजना बनायी थी और तैयारी की थी. इधर एसआइटी ने फिलहाल सचिव व डाटा इंट्री ऑपरेटर अविनाश को रिमांड पर लेने की अर्जी नहीं दी है. एसआइटी का मानना है कि सचिव के पास से मिले मोबाइल फोन और दस्तावेज की जांच जारी है. उसके मोबाइल फोन में सैकड़ों मैसेज और नंबर हैं. उसकी पूरी तरह जांच के बाद ही रिमांड पर लिया जायेगा.