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नेश इन के पार्किंग निर्माण पर रोक
अवैध. प्रभात खबर के अभियान के बाद आखिरकार टूटी नगर निगम की नींद पटना :इनकम टैक्स के किदवईपुरी स्थित होटल नेश इन पर कार्रवाई को लेकर नगर निगम प्रशासन अब हरकत में आया है. अवैध निर्माण के खिलाफ प्रभात खबर के लगातार अभियान के बाद होटल में चल रहे पार्किंग निर्माण पर तत्काल प्रभाव से […]
अवैध. प्रभात खबर के अभियान के बाद आखिरकार टूटी नगर निगम की नींद
पटना :इनकम टैक्स के किदवईपुरी स्थित होटल नेश इन पर कार्रवाई को लेकर नगर निगम प्रशासन अब हरकत में आया है. अवैध निर्माण के खिलाफ प्रभात खबर के लगातार अभियान के बाद होटल में चल रहे पार्किंग निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश नगर आयुक्त के आदेश पर निगरानी पदाधिकारी ने जारी किया है.
इसके साथ ही होटल निर्माणकर्ता पर शो कॉज भी जारी किया गया है कि आखिर किस स्थिति में हाइकोर्ट से निर्माण पर रोक लगाने व नगर आयुक्त के फैसले को सही ठहराने बावजूद तोड़ने की कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. वहीं किस स्थिति मेें आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने कहा कि हाइकोर्ट के आदेश के अनुसार नगर निगम कार्रवाई करेगा. इसके लिए स्थानीय थाना को भी निर्माण पर रोक लगवाने को लिखा गया है. गौरतलब प्रभात खबर ने बीते मंगलवार को होटल नेश इन की अवैध निर्माण की कहानी व नगर निगम की ओर से कार्रवाई नहीं करने को लेकर खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी.
क्या है होटल का मामला
आयकर गोलंबर के पास अपार्टमेंट के नक्शा पर होटल का निर्माण किया गया. मामले पर नगर निगम ने संज्ञान लेते हुए नगर निगम अवैध निर्माण पर निगरानीवाद 139 ए/2013 दायर किया गया था. जांच में नक्शा से लेकर सहकारी गृह निर्माण समिति की भूमि पर बहुमंजिली इमारत बनाने का मामला आया. वहीं अपार्टमेंट की जगह सितारा होटल (नेश इन) बनाने का मामला भी बना. सुनवाई करते हुए आयुक्त कोर्ट ने जुलाई 2014 में निर्माण कार्य तत्काल रोकते हुए ऊपरी दो तल्ले व सेटबैक विचलन को 30 दिनों के भीतर तोड़ने का आदेश दिया था. इसके बाद निर्माणकर्ता ने नगर आयुक्त के आदेश की चुनौती देते हुए ट्रिब्यूनल में अपील की थी. निर्माणकर्ता को वहां से भी राहत नहीं मिली. मामला हाइकोर्ट के सिंगल बेंच होते हुए डबल बेंच तक गया. कोर्ट ने आयुक्त के फैसले को ही वैध ठहराया.
पटना. संतोषा अपार्टमेंट मामले में नगर निगम ने अभियंताओं की टीम गठित क र दी गयी है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने बताया कि अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए निगम की आवश्यक राशि की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है. निगम अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए लगभग पौने तीन करोड़ की राशि खर्च करेगा. सुप्रीम कोर्ट से राशि मिलने के बाद तोड़ने की कार्रवाई शुरू की जायेगी.
बिल्डिंग बाइलाज का हुआ उल्लंघन
पटना : अनिसाबाद गोलंबर के पास बन कर तैयार आलीशान पाटलिपुत्र कांटिनेंटल होटल में अब अवैध निर्माण का मामला सामने आ रहा है. अवैध निर्माण के खिलाफ प्रभात खबर अभियान के बाद निगम ने चुस्ती दिखानी शुरू कर दी है. यह होटल भी निगम के निगरानीवाद की जद में आ सकता है. नूतन राजधानी अंचल अभियंता टीम ने प्रथम स्तर पर जांच के बाद निर्माणकर्ता को नोटिस जारी किया है और 15 दिनों में जवाब देना है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने बताया कि स्थानीय पार्षद की ओर से भी अवैध निर्माण की शिकायत मिली है.
सड़क की जमीन पर है होटल का अतिक्रमण
नूतन राजधानी अंचल की टीम ने प्रथम स्तर पर होटल के बाउंड्री पर आपत्ति जतायी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि होटल निर्माता द्वारा पूर्व में किये गये व वर्तमान में नयी बाउंड्री में करीब ढाई कट्ठे की सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया है. इसके अलावा मामला पीआरडीए के भूमि पर निर्माण का भी है. जानकारी के अनुसार निगम ने बहुत पहले भी जगह की नापी करायी थी. उस समय भी जमीन कब्जा का मामला सामने आया था, लेकिन बाद में मामला ठंडे समय में चला गया. निगम सूत्रों की मानें तो पुरानी नापी फाइल ही गायब हो गयी है. लगातार प्रभात खबर के अभियान के बाद इस बार नगर निगम हरकत में आया है.
बुद्ध मार्ग के डुमरिया स्टेट के नाम से चर्चा में आया था मामला
पटना : बुद्ध मार्ग स्थित अशोक सिनेमा के पास बने बिल्डिंग का मामला भी अवैध निर्माण का है. दो वर्ष पहले ही नगर आयुक्त की कोर्ट ने निर्माण को अवैध ठहराया था. बिल्डिंग तत्कालीन नगर आयुक्त कुलदीप नारायण के समय सबसे चर्चित मामलों में थी. बिल्डिंग का नक्शा सामने की सड़क के दोनों फ्लैंक को दिखा कर पास कराया गया था, जबकि नियमानुसार बिल्डिंग बॉयलाज में सड़क के सामने के एक फ्लैंक के अनुसार ही नक्शा पास किया जाता है. इसी आधार पर निगम ने निगरानीवाद शुरू किया गया. बाद में जाकर कई निर्माण नियम गड़बड़ियां सामने आयीं. इतने समय बाद भी निगम स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. फिलहाल निर्माण पूरा किया जा चुका है.
बड़े नेता के रिश्तेदार बिल्डर ने तैयार की थी बिल्डिंग : बुद्ध मार्ग का निर्माण उस समय के बड़े नेता के रिश्तेदार बिल्डर ने बनाया था. बिल्डिंग जी प्लस 6 है. नगर आयुक्त की कोर्ट ने वर्ष 2014 के अंत में ऊपरी दो मंजिले फ्लोर को तोड़ने का फैसला दिया था. मामला ट्रिब्यूनल में गया.
बावजूद इसके निगम की ओर से आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. निर्माण के सामने सड़क की चौड़ाई 20 फुट से कम है. इसके अलावा इसमें मॉल के आधार पर बिल्डिंग बॉयलाज का अनुपालन नहीं किया गया है. उस समय के निगम अभियंता ने अपनी जांच रिपोर्ट में मॉल के सामने वाहन के मोड़ने की जगह नहीं होने की समस्या को अपनी रिपोर्ट में दर्ज किया था.
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