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हत्या के मामले में आठ को उम्रकैद और जुर्माना
पटना : अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति अधिनियम के विशेष जज अखिला नंद दूबे की अदालत ने पटना जिले के धनरूआ थाने के छाती गांव निवासी आठ लोगों को उम्रकैद की सजा व 12-12 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. अभियुक्तों ने हथियार से लैस होकर 30 अगस्त, 2011 की शाम को अपने […]
पटना : अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति अधिनियम के विशेष जज अखिला नंद दूबे की अदालत ने पटना जिले के धनरूआ थाने के छाती गांव निवासी आठ लोगों को उम्रकैद की सजा व 12-12 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. अभियुक्तों ने हथियार से लैस होकर 30 अगस्त, 2011 की शाम को अपने ही गांव के सुक्खु मांझी की गोली मारकर हत्या कर दी. हत्या के समय वह अपने भाई मामले के सूचक शिवकुमार मांझी समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दालान में बातचीत कर रहा था.
यह मामला धनरूआ मामले में कांड 272/11 भादवि की धाराएं 302/34, 27 आर्मस एक्ट व एससीएसटी एक्ट में शिवकुमार मांझी के फर्द बयान पर दर्ज किया गया था. इसमें सूचक ने बताया कि आरोपित राइफल व पिस्टल से लैस होकर आये और जाति सूचक गाली देते हुए मामले के अभियुक्त रामपति यादव के आदेश पर भोला यादव ने सुक्खु मांझी के सीने में गोली मार दी.
अभियुक्त जमीन को लेकर अन्य परिवार के सदस्यों को भी जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गये. उक्त मामले में पुलिस ने 18 अक्तूबर, 2011 को आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. अदालत ने सभी अभियुक्तों को उपरोक्त धराओं में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 12-12 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. जिन अभियुक्तों को सजा दी गयी उनमें भोला यादव, लाल बाबू यादव, रंजीत यादव (तीनों भाई ) पिता राम पति यादव, सगे भाई विनोद व मनोज यादव, कवींद्र यादव व चुटरू यादव शामिल हैं.
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