पटना सिटी: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार कराना है, तो बाहर से दवा खरीदने के लिए तैयार रहें. क्योंकि अस्पताल में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मापदंड के अनुकूल मरीजों को सुविधाएं व दवाएं नहीं मिल रही है.
ऐसे में मरीजों को बाहर से दवाओं की खरीदारी करनी पड़ रही है. जबकि, अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. स्थिति यह है कि स्वास्थ विभाग ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया है कि मरीजों की सुविधा के लिए उपचार व दवा की व्यवस्था दुरूस्त रखा जाय. लेकिन स्थिति एकदम विपरीत है. जानकारों की मानें तो अस्पताल के आउटडोर व इंडोर दोनों जगह पर दवाओं की कमी है. नतीजन इमरजेंसी में उपचार कराने आये लोगों को भी जीवन रक्षक दवाओं की कमी से जूझना पड़ रहा है. बताया जाता है कि लगभग तीन माह से अस्पताल में यह स्थिति कायम है.
अस्पताल में दवाओं की कमी को लेकर प्रशासन भी गंभीर नहीं है. स्थिति यह है कि मरीजों के परिजन कुछ एक दवाओं को छोड़ अधिकांश जीवन रक्षक महंगी दवाओं की खरीदारी बाजार से कर रहे हैं.
गौरतलब है कि करीब 250 दवा अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को उपलब्ध कराया जाना है. अस्पताल की अधीक्षिका शिव कुमारी प्रसाद व उपाधीक्षक संतोष कुमार से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट तौर कुछ भी नहीं बताया, लेकिन इतना कहा कि दवाओं की कमी से विभाग को अवगत कराया गया है. जरूरत के हिसाब से दवाएं धीरे-धीरे उपलब्ध करायी जा रही है. जो मरीजों को मिल रही है.