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बीए-एमए के छात्र भी होंगे कुशल

15 से 25 साल के युवा ले पायेंगे प्रशिक्षण, 16 से 128 नये केंद्रों पर शुरू होगी ट्रेनिंग पटना : सरकार के सात निश्चय में शामिल कुशल युवा कार्यक्रम के तहत कौशल विकास के प्रशिक्षण का दायरा बढ़ा दिया गया है. अब 15 से 25 साल तक सिर्फ 10वीं और 12 वीं पास युवा ही […]

15 से 25 साल के युवा ले पायेंगे प्रशिक्षण, 16 से 128 नये केंद्रों पर शुरू होगी ट्रेनिंग
पटना : सरकार के सात निश्चय में शामिल कुशल युवा कार्यक्रम के तहत कौशल विकास के प्रशिक्षण का दायरा बढ़ा दिया गया है. अब 15 से 25 साल तक सिर्फ 10वीं और 12 वीं पास युवा ही नहीं, बल्कि बीए और एमए में पढ़ने वाले या पास कर चुके युवा भी कौशल विकास का प्रशिक्षण ले सकते हैं. 16 जनवरी से 128 और नये केंद्रों पर प्रशिक्षण शुरू हो जायेगा. अभी 85 केंद्रों पर प्रशिक्षण चल रहा है. श्रम संसाधन विभाग का मानना है कि इससे अधिक संख्या में युवा प्रशिक्षण के लिए आयेंगे.
विभाग को 1 लाख के करीब युवाओं के नाम मिल चुके हैं. सोमवार को विभाग की ओर से नये शुरू होनेवाले केंद्र और चल रहे केंद्रों के संचालकों के साथ कार्यशाला आयोजित कर उनसे फीड बैक लिया गया. साथ हीनये केंद्र के संचालकों को स्टडी मेटेरियल और प्रचार सामग्री दी गयी. विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि फीडबैक बेहतर मिला है. दायरा व्यापक होने से लाभ मिलेगा.
अभी राज्य में 85 केंद्रों पर युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण मिल रहा है. दो जनवरी को 36 केंद्रों पर कौशल विकास का प्रशिक्षण शुरू हुआ था. इसके पहले 15 दिसंबर को 49 केंद्र पर ट्रेनिंग देने का काम शुरू हुआ था. अब तक राज्य में 1400 से अधिक कौशल विकास केंद्र विभिन्न एजेंसियों को एलॉट हो चुके हैं. हर साल 6 लाख युवाओं के कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया है. विभाग के एक अधिकारी के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष से काम में और तेजी आयेगी. एक युवा के कौशल विकास पर 7428 रुपये खर्च हो रहे हैं. अब तक निजी तौर पर 936 प्रशिक्षण केंद्र चलाने की जिम्मेवारी विभिन्न एजेंसियों को दी गयी है. जबकि, सरकारी तौर पर 534 में से 532 प्रखंड में कौशल विकास केंद्र खुल चुके हैं. एक बैच में 20 युवाओं को प्रशिक्षण मिल रहा है. 240 घंटे के कोर्स में कंप्यूटर शिक्षा के अलावा हिंदी- अंगरेजी संवाद कला व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण मिल रहा है.
पटना. पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ जगन्नाथ मिश्र ने कहा कि राजनीति, निजी व सार्वजनिक सेवाओं के नियोजन में अल्पसंख्यकों की स्थिति बदतर होना आश्चर्य है. देश में मुसलिम अन्य धार्मिक समुदायों की तुलना में अधिक गरीब व निरक्षर हैं.
सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की नौकरियों में उनकी संख्या कम है. उन्होंने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 16 फीसदी में से मात्र चार फीसदी सरकारी नौकरी में हैं.
रिपोर्ट में मदरसों को आधुनिक शिक्षा के लिए सुधार की जरूरत पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि भारतीय मुसलमान देश के लिए जीयेंगे. यह कथन राजनीतिक बुनियाद, सामाजिक समरसता, समावेशी विकास, धर्मनिरपेक्षता, सभी जातियों की सहभागिता पर आधारित है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह धर्मनिरपेक्षता व सांप्रदायिकता के संबंध में फैलाये जा रहे भ्रमों को दूर करता है.

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