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आसानी से होगा हेवी मेटल का पॉल्यूशन टेस्ट
प्रयोगशाला में लगेंगे ऑटोमेटिक आब्जर्वेशन स्पक्ट्रो फोटोे मीटर पटना : प्रदूषण नियंत्रण पर्षद अब पुरानी मशीनों से पाॅल्यूशन टेस्ट नहीं करेगा. पाॅल्यूशन बोर्ड की केंद्रीय प्रयोगशालाएं ऑटोमेटिक ऑब्जर्वेशन स्पक्ट्रो फोटो मीटर मशीनों से लैस होगी. अब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को हेवी मेटल की पाॅल्यूशन जांच के लिए दिल्ली-बेंगलुरु की प्रयोगशालाओं पर निर्भर नहीं रहना होगा. […]
प्रयोगशाला में लगेंगे ऑटोमेटिक आब्जर्वेशन स्पक्ट्रो फोटोे मीटर
पटना : प्रदूषण नियंत्रण पर्षद अब पुरानी मशीनों से पाॅल्यूशन टेस्ट नहीं करेगा. पाॅल्यूशन बोर्ड की केंद्रीय प्रयोगशालाएं ऑटोमेटिक ऑब्जर्वेशन स्पक्ट्रो फोटो मीटर मशीनों से लैस होगी. अब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को हेवी मेटल की पाॅल्यूशन जांच के लिए दिल्ली-बेंगलुरु की प्रयोगशालाओं पर निर्भर नहीं रहना होगा.
पाॅल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को अत्याधुनिक मशीनों से लैस करने पर सरकार 1.83 करोड़ खर्च करेगी. बिहार में तेजी से बढ़ रहे पॉल्यूशन पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और पटना हाइकोर्ट ने गहरी चिंता जतायी है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और पटना हाइकोर्ट ने बिहार सरकार को अपने अलग-अलग निर्देशों में पॉल्यूशन नियंत्रण प्रणाली को दुरुस्त करने के निर्देश दिये हैं.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और पटना हाइकोर्ट के निर्देशों के बाद पाॅल्यूशन कंट्रोल बोर्ड हरकत में आया है. बोर्ड ने सिर्फ पटना मुख्यालय के टेस्टिंग सेंटरों का ही अत्याधुनिक टेस्टिंग मशीनों लैस करने का निर्णय नहीं लिया है, बल्कि जिला और प्रमंडलों के बोर्ड कार्यालयों व प्रयोगशालाओं को भी अपडेट करने का फैसला लिया गया है.
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद जिला और प्रमंडल मुख्यालयों में स्टैक मॉनीटरिंग किट और साउंड लेबल मीटर लगाये जायेंगे. दोनों अत्याधुनिक मशीनें लगने से सूबे में ध्वनि और वायु प्रदूषण जांच 10 से 15 मिनटों में हो जायेगी.
जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग पॉल्यूशन फैलानेवालों को दंडित करेगा. हालांकि, विभाग ने पॉल्यूशन फैलानेवाले उद्योगों, वाहनों और लघु उद्योगों को प्रदूषण से बचाव के उपाय के लिए विशेष प्रशिक्षण देने का भी निर्णय लिया है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सिर्फ अपनी प्रयोगशालाओं को ही साधन संपन्न नहीं बनायेगा, बल्कि कार्यालयों को भी ऑनलाइन तकनीक से जोड़ेगा.
इसके लिए विभाग अपने अधिकारियों को 22 टैबलेट व मोबाइल फोन मुहैया करायेगा. इससे पॉल्यूशन संबंधी अावेदनों का निष्पादन आसानी से ऑनलाइन हो सकेगा. इस नयी व्यवस्था का सबसे अधिक लाभ वैज्ञानिक संवर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों को मिलेगा.
उन्हें पाॅल्यूशन जांच, नमूना संग्रह करने और विश्लेषण करने में मदद मिलेगी. पॉल्यूशन टेस्टिंग को और सुलभ बनाने के लिए विभाग आठ सीनियर वैज्ञानिकों को एक-एक लैपटॉप भी देगा.
जिला और प्रमंडलों में ध्वनि व वायु प्रदूषण की मॉनीटरिंग के लिए कार्यालयों को स्टैक मॉनीटरिंग किट और साउंड लेबल मीटर मशीनें दी जायेंगी. इसके अलावा पॉल्यूशन जांच अभियान से जुड़े पुलिस अधीक्षकों को भी बोर्ड साउंड लेबल मीटरमशीन देगा.
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