21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

15 कर्मचारियों ने झांसा देकर निकाले 6.36 लाख

वर्ष 1988 से 1998 के बीच हुई स्वीकृति से अधिक निकासी पटना : जल संसाधन विभाग के 15 कर्मचारियों ने विभाग को झांसा दे कर यात्रा भत्ता और मोटरसाइकिल एडवांस आदि के नाम पर 6.36 लाख रुपये अधिक निकाल लिये. अधिक निकासी का विभाग को 18 वर्षों तक कोई पता तक नहीं चला. अधिक निकासी […]

वर्ष 1988 से 1998 के बीच हुई स्वीकृति से अधिक निकासी
पटना : जल संसाधन विभाग के 15 कर्मचारियों ने विभाग को झांसा दे कर यात्रा भत्ता और मोटरसाइकिल एडवांस आदि के नाम पर 6.36 लाख रुपये अधिक निकाल लिये. अधिक निकासी का विभाग को 18 वर्षों तक कोई पता तक नहीं चला. अधिक निकासी का खुलासा इस वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है.
ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद विभाग की नींद उड़ी हुई है. विभाग ने स्वीकृति से अधिक राशि निकालने वाले 15 कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है. ऐसे कर्मचारियों को विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि एक माह के अंदर स्वीकृति से अधिक राशि जमा न करायी गयी तो, उन पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
मामला वर्ष 1988 से 1998 के बीच जल संसाधन विभाग के वीरपुर प्रमंडल का है. जिन कर्मचारियों ने लंबित अवकाश, मोटरसाइकिल खरीद, यात्रा भत्ता और दवा खरीद आदि मद में स्वीकृति से अधिक राशि की निकासी की थी, उनमें छह लेखा लिपिक, तीन पत्राचार लिपिक, एक भंडारपाल, तीन लिपिक, एक स्टोनोग्राफर और एक कनीय अभियंता शामिल हैं.
कनीय अभियंता उपेंद्र यादव ने तो स्वीकृति से मात्र 20 हजार रुपये की ही अधिक निकासी की थी, परंतु लेखा लिपिक शेख अलामुद्दीन ने 1.58 लाख रुपये की निकासी कर ली. स्वीकृति से सर्वाधिक निकासी करने वालों में स्टोनोग्राफर ब्रजकिशोर झा, लेखा लिपिक अनिरुद्ध कुमार शुक्ला और विजय कुमार शामिल हैं.
इन कर्मचारियों ने स्वीकृति से क्रमश: 83,848, और 76,922 रुपये की अधिक निकासी कर ली थी. इन सबके अलावा अन्य कर्मचारियों ने 18 सौ से 44 हजार तक की अधिक निकासी कर ली थी. स्वीकृति से अधिक निकासी करने वाले अधिकतर कर्मचारी-अभियंताअों का तबादला झारखंड के जिलों में भी हो चुका है, जबकि कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं. जल संसाधन विभाग, बिहार के रूपांकण प्रमंडल ने झारखंड जल संसाधन को भी स्वीकृति से अधिक राशि का भुगतान न करने वाले कर्मचारियों से वसूली करने को पत्र लिखा है. सबसे अधिक परेशानी सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को ढूढ़ने में होगी. रूपांकण प्रमंडल ने चेतावनी दी है कि यदि एक माह में स्वीकृति से निकाली गयी अधिक राशि विभागीय कोष में जमा न करायी गयी, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें